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Tourism: शो जो शो के नाम से फेमस है सिक्किम की ये झील, वीकेंड पर दोस्तों के साथ करें इंजॉय
Sikkim Wish Fulfilling Lake: यह झील गंगटोक से लगभग 147 किमी और पेलिंग से 34 किमी की दूरी पर स्थित है। खेचियोपालरी झील को देखने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई और अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है।
Sikkim Wish Fulfilling Lake : खेचियोपालरी झील सिक्किम के पवित्र स्थलों में से एक मानी जाती है। इसे "इच्छाओं को पूरी करने वाली झील" के रूप में जाना जाता है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है। झील चारों ओर से घने जंगलों से घिरी हुई है, और इसकी पानी की सतह पर गिरने वाले पत्तों को पक्षी तुरंत हटा देते हैं, जिससे झील की पवित्रता बनी रहती है। यह झील गंगटोक से लगभग 147 किमी और पेलिंग से 34 किमी की दूरी पर स्थित है। खेचियोपालरी झील को देखने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई और अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है, जब यहां का मौसम सुहावना होता है।
खेचियोपालरी झील की मान्यता (Manyata of Khecheopalri Lake)
मान्यता के अनुसार, यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस कारण से यह झील केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक भी बन गई है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल झील की खूबसूरती का आनंद लेते हैं, बल्कि अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की आशा भी रखते हैं। खेचियोपालरी झील को स्थानीय भाषा में "शो जो शो" के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "ओ औरत यहीं बैठो।" इस नाम के पीछे एक लोककथा है।
बौद्ध तीर्थ स्थल है खेचियोपालरी झील (Khecheopalri Lake is a Buddhist Pilgrimage Site)
इसे एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल भी माना जाता है। इसीलिए इसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के बीच गहरी धार्मिक मान्यता प्राप्त है। झील के आसपास कई महत्वपूर्ण बौद्ध मठ स्थित हैं, जैसे युकसोम, दुबडी मठ, पेमायांग्त्से मठ, रबडेंट्से खंडहर, सांगा चोलिंग मठ और ताशीदिंग मठ, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। इसका आकार पदचिह्न जैसा है, और इस पर लोग अलग-अलग धारणाएं रखते हैं। कुछ इसे भगवान शिव का पदचिह्न मानते हैं, जबकि अन्य इसे भगवान बुद्ध का पदचिह्न मानते हैं।
ऐसे पहुंचे खेचियोपालरी झील (How To Reach Khecheopalri Lake)
खेचियोपालरी गांव में प्रवेश करते ही झील की पहली झलक नहीं मिलती। इसे देखने के लिए आपको कुछ दूर जंगल के रास्ते से चलना होगा। जैसे ही आप पेड़ों की छाया में आगे बढ़ते हैं, आपको रास्ते में रंग-बिरंगे प्रार्थना झंडे लहराते हुए दिखाई देंगे। थोड़ी दूरी पर आपको एक लकड़ी का पुल जैसा पैदल मार्ग मिलेगा, जो आपको सीधे झील तक ले जाएगा।