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शाम ढलने के बाद राजस्थान के इस मंदिर में नहीं जाते हैं लोग, बहुत खौफनाक है रहस्य

Kiradu Temple In Rajasthan : भारत में रहस्य से भरे कई स्थान मौजूद है। इनमें से एक किराडू मंदिर भी है जो डरावना माना जाता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 23 April 2024 7:30 AM GMT (Updated on: 23 April 2024 7:30 AM GMT)
Kiradu Temple In Rajasthan
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Kiradu Temple In Rajasthan (Photos - Social Media)

भारत में एक नहीं बल्कि कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है जिनकी अपनी खासियत है। यहां पर कहीं सारे प्राचीन मंदिर भी मौजूद है जो अपने महत्व और मान्यताओं की वजह से पहचाने जाते हैं। कुछ मंदिर तो ऐसा है जिन्हें रहस्यमई चमत्कारों की वजह से पहचाना जाता है। यहां विराजे देवी देवताओं पर विश्वास करने वाले लोग लाखों की संख्या में है और वह अपने ऊपर भगवान की कृपा मानते हैं। ऐसे ही अनगिनत मंदिरों में से एक किराडू मंदिर भी है जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में मौजूद है। 1161 ईसा पूर्व में इस जगह को किराट कूप के नाम से पहचाना जाता था। आपको बता दे कि यह मंदिर बना तो राजस्थान में है लेकिन इसका निर्माण दक्षिण शैली का दिखाई देता है। यह भगवान शिव को समर्पित किया गया है और इसमें खजुराहो जैसे शिल्प कला दिखाई देती है। इसकी शिल्प कला को देखते हुए लोग इसे राजस्थान के खजुराहो के नाम से जानते हैं। यह मंदिर रहस्याओं से घिरा हुआ है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं

खंडहर में बदला मंदिर

बाड़मेर से 35 किलोमीटर दूर किराडू मंदिर पांच मंदिरों की एक सुंदर सी श्रृंखला है। दक्षिण शैली में बना हुआ यह मंदिर बहुत ही सुंदर है जिसकी चर्चा पूरे भारत में होती है। हालांकि ज्यादातर मंदिर अब खंडहर में बदल चुका है लेकिन भगवान शिव और विष्णु के मंदिर की हालत ठीक है।

पत्थर बन जाता है व्यक्ति

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह मंदिर इतना ज्यादा डरावना है कि यहां पर शाम को कोई नहीं रुकता। सूरज ढलते ही लोग यहां से चले जाते हैं और इसके पीछे की वजह बहुत डरावनी है। ऐसा कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद जो भी व्यक्ति यहां पर रुकता है वह हमेशा के लिए पत्थर का बन जाता है। यही कारण है कि इस खौफनाक बात को जानने के बाद कोई भी शाम होने के बाद यहां नहीं रुकता।

Kiradu Temple In Rajasthan


लगा हुआ साधु का श्राप

इस मंदिर का जो खौफनाक रहस्य है उसके पीछे एक साधु का हाथ बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि एक सिद्ध साधु अपने शिष्यों को राजा और प्रजा के भरोसे छोड़कर गए थे और उन्हें अपने शिष्यों का ध्यान रखने को कहा था। लेकिन राजा और प्रजा अपने काम में इतने व्यस्त हो गए कि शिष्यों का ध्यान नहीं रख पाए और उनमें से एक शिष्य की तबीयत बिगड़ गई। शिष्यों ने गांव वालों से मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नहीं की। जब साधु को इस बारे में पता चला तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने पूरे गांव को श्राप दिया कि जो भी सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में प्रवेश करेगा वह पत्थर का बन जाएगा। यही कारण है कि सरकार में भी शाम ढलने के बाद इस मंदिर में जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

पलट कर देखना है मना

इस मंदिर से एक और कहानी जुड़ी हुई है जिसके मुताबिक एक कुम्हार की पत्नी ने साधु के शिष्यों की मदद की थी। यह जानकर साधु खुश हुए और उन्होंने शाम तक उसे गांव छोड़ने का आदेश दिया और बोला कि भूल से भी पीछे पलट कर नहीं देखना। हालांकि जाते समय महिला ने गलती से पीछे मुड़कर देख लिया जिससे वह पत्थर की बन गई।

Kiradu Temple In Rajasthan


आज भी है मूर्ति

साधु के श्राप के कारण जो महिला मूर्ति बन गई थी उसकी मूर्ति आज भी मंदिर के पास स्थापित है। स्टाफ के कारण गांव के लोगों में दहशत फैल गई और आज तक शाम के बाद कोई इस मंदिर में जाने की हिम्मत नहीं कर पता है। बाड़मेर के पास आपको इस मंदिर के अलावा बाड़मेर फोर्ट जैन मंदिर और सैंड ड्यून्स देखने को मिलेगा। किराडू मंदिर का जो रहस्य है उसी के कारण लोग यहां पर पहुंचते हैं। हालांकि सांप वाली यह बात कितनी सच है यह नहीं कहीं जा सकती लेकिन यह बंजारा जगह है जिस वजह से शाम होते ही डरावनी लगने लगती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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