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Kusum Sarovar History: द्वापर युग में यहां मिलते थे श्रीकृष्ण और राधा, कुसुम सरोवर के नाम से है प्रसिद्ध, जानें इतिहास
Kusum Sarovar History : राधा कृष्ण की लव स्टोरी ने हमेशा से ही लोगों को आकर्षित किया है। चलिए आज हम आपको वो जगह बताते हैं जहां ये दोनों छुप छुप कर मिला करते थे।
Kusum Sarovar History : भारत में कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है। इन सारे स्थानों की अपनी अलग खासियत है। यहां पर धार्मिक से लेकर ऐतिहासिक सभी तरह के स्थान मौजूद हैं। यह स्थान भगवान कृष्ण के बचपन के घटनाक्रमों और उनके गोपियों के साथ के खेलने के स्थल के रूप में माना जाता है। आज हम आपको एक खास जगह के बारे में बताते हैं। ये वो जगह है जहां भगवान कृष्ण और राधा छुप कर मिला करते थे।
कुसुम सरोवर इतिहास
श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम के विषय में विभिन्न पौराणिक और धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है, और उनकी प्रेम कथाओं को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। द्वापर युग में, भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर उनकी बचपन की कहानियों और उनके गोपियों के साथ विवाह के घटनाओं तक कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। कुसुम सरोवर का उल्लेख भी इन कथाओं में मिलता है। यह सरोवर, जो वृंदावन क्षेत्र में स्थित है, श्रीकृष्ण और उनकी गोपियों के खेलने के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। कुसुम सरोवर के आस-पास कई प्रेम कथाएं जुड़ी हैं, जिनमें श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम अत्यधिक प्रमुख है।
कुसुम सरोवर के आस-पास की कई घाटियाँ और मंदिर हैं, जहां भक्त श्रद्धापूर्वक आनंद लेते हैं और भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करते हैं। यहां के तीर्थ स्थलों को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है और यहां हर साल बहुत संख्या में भक्त आते हैं। कुसुम सरोवर के चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता और शांति भक्तों को आकर्षित करती है। यहां के तट पर बैठकर, भक्त ध्यान में लीन हो जाते हैं और भगवान के नाम का जाप करते हैं। इस प्रकार, कुसुम सरोवर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम के ऐतिहासिक और धार्मिक सम्बंध को याद करता है।
प्रसिद्ध है कुसुम सरोवर
उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में स्थित गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर दूर राधा घाट के पास है ऐतिहासिक कुसुम सरोवर जो 450 फीट लंबा और 60 फीट गहरा है। प्राचीन सरोवर को मध्य प्रदेश के बुंदेला राजा वीर सिंह देव ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था।
पौराणिक महत्व
कुसुम सरोवर से जुड़ी कई पौराणिक कहानियां हैं। इसमें सबसे अहम है राधा और कृष्ण की कहानी। ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण, राधा जी से छिप-छिप कर कुसुम सरोवर पर ही मिला करते थे। एक समय राधा रानी और सारी सखियां भगवान कृष्ण के लिए फूल चुनने कुसुम सरोवर गोवेर्धन ही जाया करतीं थीं। कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है।