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Lahaul and Spiti Tourist Places: लाहौल स्पीति, मठों, झीलों और प्राकृतिक दृश्यों का संगम

Lahaul and Spiti Tourist Places: हिमालय पर्वत में लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील दुनिया की सबसे खूबसूरत झीलों में एक है। समुद्र टापू पठार पर स्थित इस झील का स्रोत चंद्र नदी है।

Sarojini Sriharsha
Published on: 14 Jan 2025 6:48 PM IST
Lahaul and Spiti Tourist Places Visit Time and Location
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Lahaul and Spiti Tourist Places Visit Time and Location 

Lahaul and Spiti Tourist Places: भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य का लाहौल स्पीति ज़िला एक ठंडा रेगिस्तान है और चारों तरफ यहां की बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमाला सैलानियों के लिए स्वर्ग जैसा दृश्य प्रस्तुत करता है। समुद्र तल से 12500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस प्रदेश की झीलें, दर्रा और बौद्ध मठ पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। यहां बारिश बहुत कम होती है और आधे दिन धूप भी नहीं निकलती।

लाहौल स्पीति में देखने लायक कई स्थान हैं जिनमें प्रमुख है

चंद्रताल झील

हिमालय पर्वत में लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील दुनिया की सबसे खूबसूरत झीलों में एक है। समुद्र टापू पठार पर स्थित इस झील का स्रोत चंद्र नदी है। अर्धचंद्राकार आकार की वजह से इस झील का नाम चंद्र ताल यानि चंद्रमा की झील रखा गया है। इस झील के पास पर्यटक साहसिक खेलों का आनंद ले सकते हैं।


भारत के दो ऊंचे वेटलैंड्स में से यह झील एक है।

धनकर मॉनेस्ट्री

समुद्र तल से करीब 12,774 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मॉनेस्ट्री यहां के नौ प्रमुख बौद्ध मठों में से एक है। लगभग एक हज़ार साल पुराने इस मॉनेस्ट्री को गेलुग्पा स्कूल ऑफ ऑर्डर द्वारा बनवाया गया था। काज़ा और ताबो के बीच एक चट्टान पर स्थित इस मठ से पर्यटक स्पीति नदी का अनोखा नज़ारा देख सकते हैं।


इस मठ में चार दिशाओं में स्थित भगवान बुद्ध की 'वैरोचरण' की मूर्ति स्थापित है, जिसका दर्शन करने दूर दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा मठ के अंदर कई प्राचीन भीति चित्र और बौद्ध ग्रंथ भी देख सकते हैं।

काजा

काजा स्पीति नदी के बाढ़ग्रस्त मैदानों पर स्थित सबसे बड़ी आबादी वाला शहर है।


दोनों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ यह स्थल पर्यटकों को एक अलग सुकून का एहसास कराता है। यहां रहने के लिए सैलानियों को होटल आदि की सुविधा के साथ हॉस्पिटल और बाज़ार जैसी अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

कुंजुम दर्रा

समुद्र तल से करीब 4,551 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा भारत के सबसे ऊंचे पर्वत दर्रों में से एक है। इस जगह मोटर बाइक आसानी से चलाए जाने के कारण बाइक सवारों की पसंदीदा जगह है।


इस जगह से पर्यटक दुनिया के दूसरे सबसे लंबे ग्लेशियर कुंजुम ला बारा-शिगरी ग्लेशियर के साथ चंद्रभागा रेंज और स्पीति घाटी के मनमोहक छंटा को निहार सकते हैं। यहां से करीब 9 किमी दूर चंद्रताल झील तक ट्रेकिंग का आनंद भी उठा सकते हैं।

त्रिलोकीनाथ मंदिर

यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण तिब्बती बौद्धों और हिंदू श्रद्धालुओं दोनों के बीच लोकप्रिय है।


यह मंदिर स्पीति के टुंडे गांव के अंदर एक गली के अंत में स्थित चट्टान पर बना है। हर साल अगस्त के महीने में यहां तीन दिन का पौड़ी त्यौहार मनाया जाता है जिस दौरान यहां सैलानियों की भारी भीड़ देखी जा सकती है।

पिन वैली नेशनल पार्क

यह पार्क हिमालय पर्वत पर समुद्रतल से लगभग 11,500 फीट से 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थितहै।


हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र के बीच स्थित है यह पार्क साहसिक खेलों के शौकीन और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस जगह साल के करीब कई महीने बर्फबारी की चपेट में रहते हैं जिससे यहां कई साहसिक खेलों का आनंद उठाया जा सकता है।

ताबो मठ

समुद्रतल से करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर हिमालय पर्वत में स्थित यह मठ स्पीति घाटी के सबसे पुराने मठों में से एक है।


इस मठ की दीवारों पर बने भित्ति चित्रों की तुलना महाराष्ट्र के अजंता एलोरा की गुफाओं से की जाती है। यह मठ 'हिमालय के अजंता' के रूप में मशहूर है। इसकी इस खासियत से पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं।

स्पीति घूमने का अच्छा समय

गर्मी का मौसम यानि मई-जून में यहां का तापमान 8 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है जो पर्यटकों के घूमने लायक माना जाता है। इस दौरान कई साहसिक खेलों और ट्रैकिंग गतिविधियों की अनुमति मिलती है जिसका सैलानी लुत्फ उठा सकते हैं। इस मौसम में सड़के बिना बर्फ के और आसमान साफ रहता है जिससे लाहौल के हरे भरे प्राकृतिक वातावरण का भी आनंद लिया जा सकता है।

जुलाई से सितंबर का महीना मॉनसून का महीना रहने के कारण घूमना सही नहीं रहता है। इस दौरान यात्रियों के फंस जाने का डर रहता है।

नवंबर से अप्रैल तक सर्दियों का मौसम होने के कारण यहां के कुछ गांवों में तापमान -17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और अधिक ठंड का अनुभव कर सकते हैं। जिन्हें बर्फबारी का मज़ा लेना है उनके लिए यह मौसम और जगह एकदम सही है।

कैसे पहुंचें ?

लाहौल स्पीति हिमालय पर्वत में बहुत ऊंचाई पर स्थित है और हिमाचल प्रदेश राज्य का सबसे दूर वाला जिला है जिसकी वजह से यहां तक पहुंचना बहुत कठिन कार्य है।

हवाई मार्ग से लाहौल पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कुल्लू के पास भुंतर हवाई अड्डा है। वहां से मनाली 245 किमी की दूरी पर है। मनाली पहुंच कर वहां से लाहौल और स्पीति घाटी तक जाने के लिए बस या टैक्सी लेनी पड़ती है। इसके अलावा चंडीगढ़ का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी लाहौल और स्पीति घाटी पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा है। यहां से मनाली 495 किमी की दूरी पर है। यात्री यहां से काजा तक के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा लाहौल और स्पीति पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर रेलवे स्टेशन जो करीब 360 किमी दूर और शिमला रेलवे स्टेशन करीब 416 किमी दूर हैं। यहां से आप स्पीति घाटी तक जाने के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं। कालका रेलवे स्टेशन जो भारत के कई शहरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है यहां से भी लाहौल स्पीति जा सकते हैं। कालका से लाहौल लगभग 485 किमी की दूरी पर है।

सड़क मार्ग से लाहौल और स्पीति पहुंचना सबसे अच्छा तरीका है। हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्सों से लाहौल 2 सड़कों द्वारा जुड़ा है। पहली सड़क शिमला से स्पीति घाटी में 412 किमी दूर काज़ा तक है जो रेकॉन्ग पियो से होकर जाती है। वहीं दूसरी सड़क शिमला से लाहौल करीब 375 किमी दूर केलोंग से होकर जाती है। मनाली से रोहतांग दर्रे और कुंजुम दर्रे के ज़रिए भी लाहौल और स्पीति घाटी पहुंच सकते हैं। इस इलाके में भारी बर्फबारी के कारण यह सड़क मार्ग साल में तकरीबन 9 महीने बंद ही रहती है।

इतनी एडवेंचरस जगह की प्लानिंग इस नए साल में अभी से क्यों न की जाए। तो हो जाइए तैयार, इसमें आप परिवार या दोस्त के ग्रुप में भी जा सकते हैं। प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ट्रेकिंग के जरिए भी लिया जा सकता है।

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)



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