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Lucknow famous Chauraha: लखनऊ के फेमस चौराहे, जाने क्या है उनकी खासियत
Lucknow famous Chauraha: लक्षमण नगरी लखनऊ में हर इक चौराहे इतिहास समेटे हुए है। प्रत्येक चौराहे का अपना इतिहास है। हर चैराहे की अपनी खासियत है। लखनऊ में कई ऐसे चौराहें हैं जो काफी फेमस हैं।
Lucknow Famous Chauraha: लक्षमण नगरी लखनऊ में हर इक चौराहे इतिहास समेटे हुए है। प्रत्येक चौराहे का अपना इतिहास है। हर चैराहे की अपनी खासियत है। "मुश्कुराइए आप लखनऊ में हैं" मात्र कहावत नही है। कहावत को कहने वाले कवि के मन में लखनऊ के किसी गली चौराहे छवि होगी। जब हम किसी चौराहे का नाम लेते हैं तो वहां पर स्थित गोलगप्पे, चाट, चाय या अन्य किसी खाने पीने की वस्तुओं ख्याल आता है। आइए जाने शहर का कौन सा चौराहा किस वजह से चर्चित है।
ये हैं लखनऊ के फेमस चौराहे (Famous Chauraha in Lucknow)
हजरतगंज चौराहा
हजरतगंज चौराहे को लखनऊ का दिल कहा जाता है। यहां पर जरूरत की सभी चीजे उपलब्ध हैं, जो आप को चहिए। इस चौराहे की नींव साल 1827-37 के बीच में अवध के नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने रखी थी। हालांकि वर्तमान में इसका नाम परिवर्तित करके अटल चौक कर दिया गया है। क्योंकि अटल बिहारी बाजपेई का यलोकसभा क्षेत्र था। उनका लखनऊ वासियों से गहरा लगाव था।
कोनेश्वर चौराहा
कोनेश्वर चौराहा लखनऊ के चौक इलाके में पड़ता है। यहीं पर एक कोनेश्वर मंदिर हैं। जिसे लोग त्रेता युग का बताते हैं। इसी मंदिर के नाम पर इस चौराहे का नाम कोनेश्वर चौराहा पड़ा। कोनेश्वर मंदिर इतिहास काफी पुराना और रोचक है।
कैसरबाग चौराहा
पुराने लखनऊ में स्थित कैसरबाग चौराहा सबसे मशहूर चौराहों में से एक है। इस चौराहे का निर्माण लखनऊ के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह ने अपनी देखरेख में 1847 से 1856 के बीच करवाया था। कैसरबाग चौराहे से अमीनाबाद का द्वारा खुलता है। जो लखनऊ के सबसे बड़े और सस्ते बाजारों में से एक है। इसके अलावा सब्जी मंडी भी चौराहे से मात्र 100-200 मीटर की दूरी पर है। कैसराबाग अड्डे पर जाने के लिए भी रास्ता यहां से गुजरता है।
आलमबाग चौराहा
लखनऊ का आलमबाग चौराहा सबसे व्यस्त चौराहा माना जाता है। इस चैराहे का नाम नवाब वाजिद अली शाह की पहली बेगम आलमआरा के लिए बनवाई गई कोठी के नाम पर पड़ा। पहले इसका नाम आलम था धीरे-धीरे आलमबाग कहा जाने लगा। यहां पर ब्रांडेड कपड़ों से लेकर हर दाम के सामान मिल जाते हैं। यहां पर लगने वाली चावल मंडी काफी फेमस है।
कपूरथला चौराहा
कपूरथला चौराहा महानगर चौराहे से करीब 2 किलोमीटर पश्चिम में पड़ता है। कपूरथला चौराहा वैसे तो कोचिंग के लिए फेमस है। लेकिन अब यहां पर अच्छा मार्केट विकसित हो गया है। हर तरह के सामान आसानी से मिल जाता है। कपूरथला को लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का हब माना जाता है। क्योंकि लगभग सभी अच्छे कोचिंग सेंटर यहीं है।
महानगर चौराहा
महानगर चौराहे पर प्रत्येक बुधवार को बाजार लगता है। जहां सभी वेरायटी के सामान उपलब्ध होते हैं। यहां पर ब्रांडेड कपड़े से लेकर खाने पीने की सभी चीजें काफी सस्ते कीमतों पर उपलब्ध हो जाते हैं।
सिकंदरबाग चौराहा
सिकंदरबाग चौराहे का निर्माण नवाब वाजिद अली शाह ने बेगम सिकंदर महल के लिए करवाया था। इतिहासकार बताते हैं कि सिकंदर बाग गर्मियों के रिहाइश के तौर पर था। जहां नवाब अपना समय गुजरते थे।
इसके पास की सड़क जहां से चारों तरफ से सड़कें आकर मिलती थी उसे सिकंदरबाग चौराहे के नाम से जाना जाने लगा। आज भी इस चौराहे को ऐसी नाम से जाना जाता है।
छन्निलाल चौराहा
इतिहासकार योगेश प्रवीण के अनुसार पहले के समय मे महानगर में मकानों को ढूढना आसान नही होता था। इस लिए लोग छन्नी लाल चौराहे पर स्थित चाय की दुकान का पता बताते थे। धीरे-धीरे ये नाम इतना फेमस हो गया कि इसका नाम छन्नीलाल चौराहा पड़ गया। हालांकि वर्तमान में यहां पर इतना फेमस चाय की दुकान नही है। इसके अगल बगल के चौराहे कपूरथला व महानगर इससे ज्यादा विकसित हो गए हैं।
वोमेम पावरलाइन चौराहा
इस चौराहे को 1090 चौराहा के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इसी चौराहे पर वूमेन पावर लाइन का ऑफिस है। जहां से 1090 से संबंधित सभी सुरक्षा गतिविधियों को नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा इस समय इस चौराहे पर लोग शाम में परिवार, फ्रेंड के साथ घूमने भी आते हैं। शाम में यहां पर आइसक्रीम व चटपटे खाने की दुकानें सज जाती हैं। बगल में रिवरफ्रंट व पार्क होने के नाते बड़ी संख्या में लोग यहां पर आते हैं। यहीं पर चटोरी गली भी है। जहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं, और चटपटे चाट का मजा लेते हैं।