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Lucknow Famous Library: सबसे पुरानी अमीरुद्दौला लाइब्रेरी, बुक लवर्स के लिए जन्नत से कम नहीं ये जगह

Lucknow Famous Library: लखनऊ के कैसरबाग में ये ऐतिहासिक पुस्तकालय सालों से अपनी अहमियत को बरकरार किए हुए है।

Vidushi Mishra
Published on: 5 Jan 2023 3:58 AM GMT
Lucknow Famous Library: सबसे पुरानी अमीरुद्दौला लाइब्रेरी, बुक लवर्स के लिए जन्नत से कम नहीं ये जगह
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Lucknow Famous Library: राजधानी लखनऊ में अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी अबतक की सबसे पुरानी लाइब्रेरी है। सन् 1868 से स्थापित अमीर-उद-दौला पब्लिक लाइब्रेरी शाताब्दी पार कर चुकी है। इस लाइब्रेरी में आपको हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, बंगाली, संस्कृत, अरबी और फारसी समेत 7 भाषाओं में करीबन 2 लाख से ज्यादा किताबें पढ़ने के लिए मिल जाएंगी। अगर आप इतिहास के कुछ रहस्यों के बारे में जानने के इच्छुक हैं या कोई रिसर्च करनी है तो यहां पर आपको पांडुलिपियों, नक्शों और लिथोग्राफ सभी कुछ मिल जाएंगे।

लखनऊ के कैसरबाग में ये ऐतिहासिक पुस्तकालय सालों से अपनी अहमियत को बरकरार किए हुए है। सालों से अभी तक बहुत ही न्यूनतम शुल्क में ये लाइब्रेरी जनता के लिए अपनी सेवाएं दे रही है।

किताबों के शौकीनों और इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। हां लेकिन यहां आने पर आपको एक बात का ध्यान जरूर रखना होगा, कि यहां पर शांति बनाए रखनी होगी। यहां पर पढ़ने के लिए ऐसी साम्रगियां मिलेंगी, जो वाकई में किसी बेशकीमती मोती-रत्न से कम नही है।

इन विषयों पर आधारित किताबों उपलब्ध हैं

इतिहास, साहित्य, विज्ञान, यात्रा, संस्कृतियों आदि पर उपलब्ध पुस्तकों के विस्तृत चयन में से चुन सकते हैं। उनके पास अवध के इतिहास और संस्कृति, पुस्तकालय विज्ञान के साथ-साथ दैनिक समाचार पत्रों और करंट अफेयर्स पत्रिकाएं भी आपको मिल जाएंगी।

(Image Credit- Social Media)

लाइब्रेरी का सदियों पुराना इतिहास

1887 में खुला, अमीर-उद-दौला पुस्तकालय शुरूआत में लखनऊ के राज्य संग्रहालय का एक हिस्सा था, जिसे बाद में 1907 में लाल बारादरी और फिर 1910 में छोटा छत्तर मंज़िल में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद, यह 1921 में हरकोर्ट बटलर द्वारा उद्घाटन किए गए एक सार्वजनिक पुस्तकालय में परिवर्तित हो गया।

शानदार इंडो-इस्लामिक वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करते हुए, नवाब-युग की यह इमारत, लगभग 3,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और आज कैसरबाग हेरिटेज ज़ोन का एक हिस्सा है। सन् 1947 में पाठकों के लिए बनी इस लाइब्रेरी के सामने एक पार्क का निर्माण भी किया गया था।

सालों पुरानी किताबों को डिजिटलाइज करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सन् 2019 में शुरू हुई डिजिटलीकरण प्रक्रिया के साथ, लगभग 24,000 पुस्तकें लखनऊ डिजिटल लाइब्रेरी पर ऑनलाइन उपलब्ध हो गई हैं।

ऐसे में अगर आप बुक-लवर और इतिहास प्रेमी भी हैं तो ये लाइब्रेरी आपके लिए लखनऊ में बहुत ही शानदार जगह है। यहां पर आपको आजादी के समय की कुछ रहस्यमयी बातों के साथ ही अवध के बारे में गहराई से जानने का अवसर मिलेगा।

लाइब्रेरी में कौन जा सकता है?

ये लाइब्रेरी सभी के लिए खुली है और सभी प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए रीड-इन, किताबें जारी करने और एक स्व-अध्ययन करने की सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं।

मेंबरशिप

यहां का सदस्य बनने के लिए दो पासपोर्ट साइज फोटो और एक एड्रेस प्रूफ साथ लेकर जाएं। आप अपने हिसाब से मेंबरशिप योजना को चुन सकते हैं।

स्थान: कैसरबाग, सफ़ेद बारादरी के पास, लखनऊ

समय: दोपहर 12:30 से शाम 7 बजे तक। मंगलवार बंद।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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