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Lucknow Famous Parks: लखनऊ के इन खूबसूरत पार्क में पार्टनर संग गुजारें क्वालिटी टाइम, दिल जीत लेंगे नजारे

Lucknow Famous Park : उत्तर प्रदेश का लखनऊ शहर अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए पहचाना जाता है। चलिए आज आपके यहां के 300 साल पुराने एक मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 27 March 2024 10:25 AM IST
Lucknow Famous Parks
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Lucknow Famous Parks

Lucknow Famous Parks: जो लोग भारत के इतिहास और संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं। उनके लिए उत्तर प्रदेश का लखनऊ एक बेस्ट जगह है। क्योंकि यह अपने अंदर बेहतरीन संस्कृति और इतिहास को समेटे हुए और यहां आज भी इतिहास की झलक देखने को मिलती है। लखनऊ में एक नहीं बल्कि ढेर सारे ऐतिहासिक स्थल मौजूद है जहां घूमने के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और भारत के इतिहास से रूबरू होते हैं।

लखनऊ में जाकर इतिहास से रूबरू होने की बात तो ठीक है। यहां कोई भी कभी भी किसी भी समय पर जा सकता है लेकिन अगर बात कपल्स की हो तो यहां पर ऐसी कौन सी जगह है जो उनके लिए बेस्ट हो सकती है। अगर आप भी इसी सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो चलिए आज हम आपको लखनऊ के कुछ ऐसी शानदार रोमांटिक पार्क के बारे में बताते हैं जो कपल्स के लिए बिल्कुल बेस्ट है। कपल्स जब भी घूमने करने का प्लान बनाते हैं तो बॉक्सर ऐसी जगह पर जाना चाहते हैं जहां पर उन्हें कोई रोक-टोक ना करें और वह शांति के साथ अपना समय एक दूसरे के साथ व्यतीत कर सके और उन्हें वहां पर अजीब ना लगे। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही जगह के बारे में बताते हैं।

जनेश्वर मिश्र पार्क

जनेश्वर मिश्र पार्क भारत के लखनऊ में गोमती नगर में संचालित एक शहरी पार्क है। इसे एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर उद्यान माना जाता है। यह समाजवादी पार्टी के दिवंगत राजनीतिज्ञ जनेश्वर मिश्र की याद में बनाया गया था। इस पार्क का उद्घाटन 5 अगस्त 2014 को शहर की आम जनता के लिए किया गया था। ये 376 एकड़ में फैला, इसमें पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ, एक गोंडोला नाव की सवारी और एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला जल स्क्रीन शो शामिल है। पार्क में डिजिटल तत्वों से सुसज्जित एक कहानी कहने वाला घर और गुजरात का एक विरासत ट्रेन इंजन भी है। कपल्स के लिए जगह बिल्कुल बेस्ट है।

जनेश्वर मिश्र पार्क


लखनऊ चिड़ियाघर

राजधानी लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (लखनऊ चिड़ियाघर) प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है। 1921 में स्थापित हुआ यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जानकारी के मुताबिक, यहां 100 से अधिक प्रजातियों के 1000 से अधिक जानवर और पशु-पक्षी हैं। लखनऊ चिड़ियाघर प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है। लखनऊ चिड़ियाघर में प्रवेश की अनुमति आम तौर पर सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे के बीच दी जाती है। चिड़ियाघर फरवरी से अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है। आप अपने पार्टनर के साथ यहां भी शांति भरे माहौल में वक्त गुजार सकते हैं।

लखनऊ चिड़ियाघर


गोमती रिवर फ्रंट पार्क

गोमती रिवर फ्रंट यानी युवाओं का सबसे पसंदीदा अड्डा.जहां पर उन्हें मॉर्निंग वॉक के साथ ही अपने दोस्तों के साथ कुछ पल सुकून से बिताने का भी सुखद मौका मिलता है.शहर के शोर-शराबे से दूर गोमती नदी के किनारे 8 किलोमीटर तक फैले इस गोमती रिवर फ्रंट में हर उम्र के लोगों के लिए बेस्ट है। गोमती नदी रिवर फ्रंट का काम ईको फ्रेंडली ग्रीन थीम पर आधारित है। इसको लंदन की तेम्स नदी के आधार पर विकसित किया गया है। वहीं, आस्ट्रेलिया की तर्ज पर रिवट फ्रंट परियोजना में गोमती के किनारे पर स्टेडियम का निर्माण भी हुआ है । इसके अलावा गोमती के किनारे पर जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं।

गोमती रिवर फ्रंट पार्क


नवाबगंज पक्षी अभ्यारण्य

नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, जिसका औपचारिक नाम 2015 में बदलकर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद पक्षी अभयारण्य रखा गया, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव ज़िले में स्थित एक पक्षी अभयारण्य है। यह उत्तर भारत की कई आर्द्रभूमियों में से एक है और 250 से अधिक प्रवासी पक्षी जातियों का संरक्षण करता है।

नवाबगंज पक्षी अभ्यारण्य




Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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