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Happiness Park Lucknow: लखनऊ के हैप्पीनेस पार्क में बचपन को करें याद, यहां कबाड़ से बने हैं म्यूरल्स
Lucknow Happiness Park Details: लखनऊ स्थित बुद्ध पार्क काफी समय से लोगों और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. वहीं, अब इसे हैप्पीनेस पार्क में बदला जा रहा है।
Lucknow Happiness Park Information: लखनऊ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है। प्रशासनिक रूप से यह लखनऊ ज़िले के अंतर्गत आता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ यूं तो किसी परिचय की मोहताज नहीं है, क्योंकि यहां का खान-पान, रहन-सहन, बातचीत करने का तौर-तरीका सबसे अलग है। यही नहीं यहां की ऐतिहासिक इमारतें भी लोगों को खूब आकर्षित करती हैं। वहीं, अब चौक के हसनगंज इलाके में स्थित गौतम बुद्ध पार्क को ‘हैप्पीनेस पार्क’ के रूप में बदला जा रहा है।
कार्टून करते हैं स्वागत
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) नए रूप में इसकी ब्रांडिंग कर रहा है। योजना है कि पार्क में आने वाले पर्यटकों का स्वागत कार्टून कैरेक्टर्स, जानवरों और मुस्कुराती इमोजी से किया जाए। इस नए डिजाइन के पीछे सोच है कि बच्चे इसे खुशियां बिखेरने वाली जगह के रूप में महसूस करें। यही नहीं इस पार्क की खास बात यह है कि यहां जितने भी डिस्प्ले बनाए गए हैं, वो सब कबाड़ से बने हैं। चाहे दो एंबेसडर कार को मिलाकर एक कार तैयार करना हो या फिर स्कूटर को लंबी स्कूटर बनाना, यहां तक उल्टा घर भी कबाड़ से ही बनाया गया है।
यहां है फिल्म सिटी
इस पार्क में एक छोटी सी फिल्म सिटी तैयार की गई है, यहां लाइट, कैमरा और ऐक्शन तीनों का मिश्रण है। इस पार्क में कैमरे, डायरेक्टर की कुर्सी लगाई गई है। इसके अलावा सेल्फी के लिए भी प्वाइंट बनाए गए हैं। इतना ही नहीं यहां एक कैंटीन है, जहां फूड के नाम बॉलीवुड फिल्म के नाम से है और उस फिल्म का एक डायलॉग बोलकर उस आइटम का ऑर्डर दे सकते हैं।
याद आएगा बचपन
इस पार्क में जाने वाले लोगों को अपने बचपन की याद आ जाएगी क्योंकि उन्हें यहां पर बचपन में खेले जाने वाले खेल देखने को मिलेंगे। गिल्ली-डंडा, कंचा, छुपन-छुपाई जैसे खेल को खेला होगा, उनके लिए यह पार्क बेहद खास होने वाला है।
कबाड़ की रेप्लिका
इस पार्क में 12 तरह की रेप्लिकाएं कबाड़ से ही तैयार की गई हैं। इस हैप्पीनेस पार्क के जरिए पर्यटकों को सकारात्मक सोच का अहसास होगा। पार्क में गुल्ली-डंडा, कांचा (मार्बल्स), लट्टू, थ्री इडियट फिल्म वाली चेयर सहित भूले-बिसरे खेलों को खेल सकेंगे, जो अधिक आयु वर्ग के लोगों को उन्हें उनके बचपन की याद दिलाएगा। पार्क में पारंपरिक भारतीय खेल भी होंगे। इनके जरिये बच्चे पुराने समय के खेलों से रुबरु होंगे।