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Kali Mandir in Lucknow: बहुत प्राचीन और रहस्यमयी है ये काली मां का मंदिर, आप भी जरूर करें दर्शन

Lucknow Kali Mandir History: लखनऊ में आपकों सनातन धर्म को समर्पित कई मंदिर मिलेंगे। कुछ मंदिर ऐसे है जो मदत्व तो काफी रखते है, लेकिन प्रसिद्धी के मामले मे पीछे रह जाते है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 7 March 2024 10:53 AM IST
Kali Mandir in Lucknow
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Kali Mandir in Lucknow:(Pic Credit - Social Media)

Lucknow Kali Mandir History: लखनऊ शहर अपने तहजीब और मुगलई खाने के लिए तो विश्वभर में जाना जाता है। लेकिन इसी के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी ऐतिहासिक मान्यताओं से भी काफी धनी है। चाहे व यहां के पुराने स्मारक हो या हिंदूओं के मंदिर। लखनऊ में आपकों सनातन धर्म को समर्पित कई मंदिर मिलेंगे। कुछ मंदिर ऐसे है जो मदत्व तो काफी रखते है, लेकिन प्रसिद्धी के मामले मे पीछे रह जाते है। ऐसे ही एक मंदिर है, काली जी का। जिसे अष्टधातु मंदिर, बड़ी काली जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

श्रद्धालुओं की पार भक्ति के लिए है प्रसिद्ध

बड़ी कालीजी मंदिर में हजारों साल पुरानी मां काली की मूर्ति को वार्षिक समारोह में नवरात्रि में बाहर निकाला जाता है। ताकि भक्त दर्शन का आनंद ले सकें। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं। काली बड़ी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध, बड़ी कालीजी मंदिर, देवी काली को समर्पित है। यह लखनऊ के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। नवरात्रि की सप्तमी (सातवें दिन) के दिन, मंदिर में भक्तों की एक बड़ी भीड़ देखी जाती है जो देवता के दर्शन करने आते हैं। यहां उनकी एक अनोखे अवतार में पूजा की जाती है। बड़ी काली मंदिर एक हिंदू मंदिर है जिसके साथ कई कहानियां जुड़ी हुई हैं।

मंदिर का पता

चौक, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हैं। घस्यारी मंडी क्षेत्र में स्थित इस मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

खुलने और बंद होने का समय

बड़ी कालीजी का मंदिर सप्ताह के सभी दिन पर्यटकों के लिए सुलभ रहता है। यहां सुबह से शाम तक किसी भी दिन जाया जा सकता है।

यहां थी बलि चढ़ाने की प्रथा

नवरात्रि में भक्त पूरे दिन देवी मां की आराधना करते रहते हैं। यह अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है जहाँ बलि दी जाती थी। परंपरागत रूप से प्रत्येक शारदीय नवरात्रि की नवमी को बलि देने की प्रथा लंबे समय तक जारी रही थी। मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि फिर यहां लंबे समय से बलि देना पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। परंपरागत रूप से महानवमी के दिन हवन पूजन के बाद जीवित पशुओं की बलि के स्थान पर मां के सामने तालाब में पांच फलों की बलि दी जाती है।

अष्टधातु मूर्ति के लिए भी है फेमस

बड़ी काली मंदिर का इतिहास ढाई हजार साल पुराना है। कहा जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने मां काली की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित की थी। जब मुगलों ने इस मंदिर पर हमला किया, तो मूर्ति की रक्षा के लिए पंडितों ने मूर्ति को एक कुएं में फेंक दिया। इस कारण मंदिर तो बच गया लेकिन देवी काली की मूर्ति के स्थान पर लक्ष्मी-विष्णु की विग्रह मूर्ति यहां स्थापित की गई। यह मंदिर अष्टधातु की मूर्ति के लिए भी प्रसिद्ध है।

निकटवर्ती पर्यटक आकर्षण

बड़ी काली जी के मंदिर में तीर्थयात्रा करने के बाद, आगंतुक लखनऊ के अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की भी यात्रा कर सकते हैं जो मंदिर के निकट स्थित हैं। ये आकर्षण हैं:

छत्तर मंजिल, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, ब्रिटिश रेजीडेंसी, लखनऊ चिड़ियाघर हजरतगंज, डॉ अम्बेडकर पार्क।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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