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Lucknow Mankameshwar Mandir: कामना को पूरा करने वाले मनकामेश्वर महादेव लखनऊ में रामायण काल से है विराजमान

Lucknow Mankameshwar Mandir: मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ में गोमती नदी के घाट पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है, इसकी एक और खासियत है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 8 March 2024 1:30 PM IST (Updated on: 8 March 2024 2:05 PM IST)
Lucknow Mankameshwar Mandir
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Lucknow Mankameshwar Mandir (Pic Credit-Social Media)

Lucknow Mankameshwar Mandir: सकारात्मकता और भक्तिपूर्ण माहौल के साथ लखनऊ में सबसे पवित्र स्थान (मंदिर) में से एक है, लखनऊ का मनकामेश्वर मंदिर। जहां भगवान शिव को शिवलिंग रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर रामायण युग से स्थापित है। मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ में गोमती नदी के घाट पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है, इसकी एक और खासियत है। यह पहला मंदिर है जहां पर पूजा प्रतिष्ठा सब कुछ एक महिला पुजारी द्वारा किया जाता है। सोमवार का दिन यहां सबसे खास माना जाता है, इसलिए सबसे व्यस्त भी। 1000 साल पुराना मंदिर माना जाता है, मनकामेश्वर मंदिर विशेष रूप से शिवरात्रि के त्योहार के दौरान एक बड़ा आकर्षण होता है।

लखनऊ के इस मंदिर की ये है मान्यता

लखनऊ के गोमती नदी के तट पर मनकामेश्वर नगर में विराजमान श्री मनकामेश्वर महादेव बाबा त्रेताकालीन समय से अपने भक्तों की मनोकामना पूरी कर रहे है। मनकामेश्वर" नाम का अर्थ है "इच्छाओं की पूर्ति के देवता"। इच्छा पूर्ति के रूप में यहां महादेव को पूजा जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव जी की विशाल पावन शिवलिंग है| पुराणों की मान्यता के अनुसार यहां पर मनकामेश्वर बाबा रामायण युग से विराजमान हैं| जब माता सीता को लक्ष्मण जी वनवास छोड़कर वापस अयोध्या जा रहे थे। तभी वह यहीं पर रात्रि विश्राम कर भोर में भगवान शिव की पूजा - अर्चना कर प्रस्थान किये थे। यहां पर पूजन के उपरांत लक्ष्मण जी का मन शांत हुआ था। यही वजह है कि आज भी मनकामेश्वर द्वार प्रवेश के बाद ही स्वत: ही मन को शांति मिल जाती है। आत्मा तृप्त हो जाती है।

मन्दिर का लोकेशन

मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ के डालीगंज में स्थित है। यह अच्छी सड़क और सार्वजनिक परिवहन द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ विश्वविद्यालय के पीछे के क्षेत्र में स्थित है। जिससे आप आसानी से यहां पहुंच सकते है।

समय: सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक

प्रवेश: निःशुल्क, यहां प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लगता।


मन्दिर की संरचना

मंदिर की संरचना, एक वर्गाकार गर्भगृह के साथ, विशाल शिवलिंगम स्थापित है। गर्भगृह एक स्तंभयुक्त हॉल से घिरा हुआ है, और मंदिर के सामने एक बड़ा प्रांगण भी है। मंदिर को जटिल और सुंदर नक्काशी से सजाया गया है। जिसमें भगवान शिव, पार्वती, गणेश और अन्य हिंदू देवताओं की छवियां दीवारों पर उकेरी गई हैं। यह मंदिर अपनी स्थापत्य सुंदरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। मंदिर की दीवारों और खंभों पर की गई जटिल नक्काशी मंदिर बनाने वाले कारीगरों के कौशल का अद्भुत प्रमाण है। यह हिंदू मंदिर वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है और भारतीय इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे अवश्य देखना चाहिए।

मनकामेश्वर इसलिए भी है खास

लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर एक और चीज से प्रसिद्ध है। यह महादेव का पहला मंदिर है, जहां पर पहली महिला पुजारी महादेव के पूजा अर्चना कर आरती करती है। पहली महिला पुजारी अरुणिमा सिंह के कारण भी लखनऊ में यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। अब वह श्री महंत दिव्या गिरी जी महाराज के नाम से जानी जाती हैं।


मंदिर निमार्ण के पीछे भी है इतिहास

मनकामेश्वर मठ - मंदिर अति प्राचीन शिवालयों में से एक है। इसका निर्माण राजा हर नव धनु ने अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करने के बाद करवाया था| जिसकी चोटी पर 23 स्वर्ण कलशो से सुसज्जित किया गया था। 12 वीं शताब्दी के यमनी आक्रमणकारियों ने इस मंदिर का सारा स्वर्ण लूट कर इस मंदिर को नष्ट कर दिया था, जो करीब 500 वर्ष पूर्व नागा साधुओ (जूना अखाडा) के द्वारा पुनः निर्माण के बाद आज हमारे बीच में है। वर्तमान मंदिर का निर्माण कार्य सेठ पूरन चंद्र के हाथों करवाया गया है। तब इसे सर्राफा का शिवाला कहा जाने लगा था। वर्ष 1933 के करीब इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर मठ - मंदिर रखा गया था।

कोई भी भक्त मंदिर में श्रद्धा और विश्वास के साथ सच्चे ह्रदय से भगवान शिव जी की पूजा - अर्चना और सेवा करता है। तो उन भक्तों की मनोकामना भगवान शिव जी अवश्य पूरी करते हैं। इसी से महादेव जी को मनकामेश्वर बाबा के नाम से सुशोभित किया गया है।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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