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Lucknow Nakhaas Market: लखनऊ में यहां खरगोश से लेकर मिलते हैं खूबसूरत पालतू तोते, आइए घूमते हैं इस बाजार में
Lucknow Nakhaas Market: राजधानी के नक्खास इलाके में हर रविवार को लगने वाला चोर बाजार भी काफी चर्चित है। वस्तुतः ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको यहाँ नहीं मिलेगा।
Lucknow Nakhaas Market: लखनऊ की नक्खास मार्केट शहर का सबसे पुराना बाजार है। ऐसा माना जाता है कि नक्खास मार्केट करीबन 200 साल से ज्यादा पुरानी है। नक्खास बाजार शहर के ऐतिहासिक इलाके में स्थित है। ये बाजार लकड़ी के हस्तशिल्प, जरदोजी कढ़ाई वाले कपड़े, आभूषण और घरेलू उत्पाद बेचने वाले कई छोटे बाजार हैं। यहां खरीदारों के लिए खरीदारी को आसान बनाने के लिए बाजार को विभिन्न उप-बाजारों जैसे नखास बाजार, पक्षी बाजार और सब्जी बाजार में विभाजित किया गया है। पक्षी बाजार यानी बर्ड मार्केट में आप पालतू पक्षी, तोता, खरगोश, चूहें, रंगबिरंगे चूजे, कबूतर जैसे अन्य कई छोटे जानवर खरीद सकते हैं।
साप्ताहिक रविवार का बाजार भी एक आकर्षण है। राजधानी के नक्खास इलाके में हर रविवार को लगने वाला चोर बाजार भी काफी चर्चित है। वस्तुतः ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको यहाँ नहीं मिलेगा। लगभग 1200 अस्थायी दुकानें पुराने सामान, बिजली के पुर्जे और लगभग हर दैनिक उपयोग की वस्तु बेचती हैं। नक्खास मार्केट अपनी पुरानी दुकानों के अलावा खाने-पीने की जगहों के लिए भी मशहूर है। स्ट्रीट ठेले पर लजीज कबाब, बिरयानी और पान मिलता है। एक जीवंत, शोरगुल वाला स्ट्रीट मार्केट, नक्खास पुरानी एतिहासिक वस्तुओं का एक भंडार है।
हालांकि यहां के दुकानदार आपको बताएंगे कि यह चोरी के सामान का बाजार नहीं है। दरअसल पुराने जमाने में इस बाजार को लखनऊ का शाही बाजार कहा जाता था। जहां आपको यहां मिलने वाली बहुत सारी पुरानी चीजें मिलती हैं। वहीं इस बाजार में बिकने वाली नई चीजों की भी लंबी लिस्ट है।
नक्खास में मिलते ये सामान
जिसमें कपड़े, जूते, बेल्ट, गॉगल्स, चप्पल से लेकर गैजेट्स, सेकेंड हैंड मोबाइल फोन, उनके स्पेयर पार्ट्स, चार्जर, बैटरी, एलईडी लाइट्स तक - सब कुछ आपको यहां मिलेगा। ब्लूटूथ हेडफोन, सेल्फी स्टिक, पावर बैंक समेत हर वैराइटी की च्वाइस भी। हां बस ओरिजनल की कोई गारंटी नहीं लेता है।
घरेलू सामान, पंखे, सेकेंड हैंड टीवी सेट, बाथरूम फिटिंग, हार्डवेयर स्टॉल, अलमारियां, आयरन और स्टील फिटिंग, सेकेंड हैंड फर्नीचर यानी लकड़ी का सामान यह सब कुछ मिलता है।
इसके अलावा हथौड़े, ताले, जंजीर, तराजू, नट, बोल्ट, कील और स्क्रू मिलते हैं। नई-पुरानी साइकिल और ट्राइसाइकिल, नए और पुराने खेल और जिम उपकरण, क्रिकेट बैट की खरीदारी कर सकते हैं। इस सड़क के किनारे के बाजार में कलेक्टर के सामान जैसे पुराने रेडियो सेट और 100 साल पुराने सिक्के भी बेचे जाते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
ज्यादातर चीजें इतनी सस्ती हैं कि आपको मोलभाव करने की जरूरत महसूस नहीं होगी।
बाजार में भीड़ है, इसलिए जेबकतरों से सावधान रहें।
हमें वहां एक भी महिला नहीं दिखी!
रविवार को लगने वाली बाजार का समय
समय: गर्मियों में सुबह 4 से 10 बजे तक, सर्दियों में सुबह 5 से 10 बजे तक
स्थान: नक्खास, चौक के पास, लखनऊ
इसके बाद का सामान्य बाजार का समय
खुलने का समय: सुबह 10:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
पता : नखास मार्केट, श्याम बंधु के पास, शाहगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश