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Lucknow to Chitrakoot Flight: शुरू हुई लखनऊ से चित्रकूट की विमान सेवा, ये है नियरेस्ट एयरपोर्ट, यहां जानें डिटेल्स
Lucknow to Chitrakoot Flight: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पहले "टेबल टॉप देवांगना" एयरपोर्ट की सौगात दी है। जिससे अब पर्यटक हवाई यात्रा करके चित्रकूट पहुंच सकते है।
Lucknow to Chitrakoot Flight Details: उत्तर प्रदेश में फ्लाइट क्षेत्र के विस्तार को बड़ा बढ़ावा देते हुए राज्य के पांच शहर लखनऊ से सीधे हवाई सेवा के माध्यम से भी जुड़ चुके है। जिसमे भगवान राम की कर्मभूमि चित्रकूट भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पहले "टेबल टॉप देवांगना" एयरपोर्ट की सौगात धर्मनगरी के निवासियों को दी है। कुल लगभग 145 करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट से अब लखनऊ तक आवागमन सरल होगी। मंगलवार को लखनऊ से पहली फ्लाइट जनपद चित्रकूट के लिए 3:15 देवांगन एयरपोर्ट पर पहुंची। चित्रकूट से लखनऊ के बीच यात्रा की अनुमानित दूरी 286 किलोमीटर है। अपनी यात्रा के दौरान कुछ बेहतरीन आकर्षणों का अनुभव करने के लिए चित्रकूट में 2 दिन का समय बिताना पर्याप्त है।
ऐसा है चित्रकूट का टेबल टॉप एयरपोर्ट
कुल 278 एकड़ भूमि में एयरपोर्ट का निर्माण किया iगया है। टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 1542 वर्ग मीटर है। पीक सीजन के समय में सेवा क्षमता 100 यात्री, वार्षिक क्षमता एक लाख यात्रियों के अनुरूप तैयार किया गया है। फ्लाइट का टिकट कोई भी ऑनलाइन ले सकता है। लखनऊ व चित्रकूट का एक तरफ का किराया लगभग 2000/- रुपये से 2500 रुपये तक है। टिकट के लिए एयरपोर्ट में काउंटर भी खोल दिया गया है।
सप्ताह में 6 दिन कर सकते है फ्लाइट से यात्रा
एयरलाइंस प्रशासन, 19 सीटर का डी - हेवीलैंड डीएससी 6-400(D - Heavyland DSC) एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर रहा है। यह 19 सीटर विमान है। यात्री ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग फ्लाई बिग(Fly Big) की वेबसाइट पर जा कर सकते हैं। गुरुग्राम स्थित एक क्षेत्रीय एयरलाइन फ्लाईबिग, बुधवार को छोड़कर, सप्ताह में पूरे 6 दिन, मुरादाबाद, अलीगढ़, चित्रकूट और आज़मगढ़ के लिए सीधी उड़ानें संचालित कर रही है। श्रावस्ती के लिए फ्लाइट सातों दिन संचालित होगी।
कैसा होता है टेबल टॉप एयरपोर्ट
चित्रकूट प्रदेश का पहला टेबल टॉप हवाई अड्डा पहली उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है। मंगलवार को लखनऊ से पहला एयरक्राफ्ट दोपहर को हवाई पट्टी पर उतरा। वहां के डीएम ने पहले फ्लाइट का स्वागत किया।आधे घंटे बाद यहीं से लखनऊ के लिए फ्लाइट रवाना हो गया। वहीं एयरपोर्ट पर उतरे यात्रियों ने उत्साह में जय श्रीराम के नारे लगाए। टेबल टॉप एयरपोर्ट को समझे तो, दोनों तरफ खाई वाली किसी ऊंची पहाड़ी पर बने एयरपोर्ट को टेबल टॉप कहते हैं। यहां जहाज उतारने और उड़ान भरने, दोनों में बेहद सावधानी बरतनी होती है। चित्रकूट में बना यह एयरपोर्ट देवांगना पहाड़ी पर करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। चित्रकूट के अलावा लेंगपुई (मिजोरम), शिमला और कुल्लू (हिमाचल प्रदेश), पाक्योंग (सिक्किम), मंगलुरु (कर्नाटक) कोझिकोड और कन्नूर (केरल) में टेबल टॉप एयरपोर्ट बने हैं।
पहले 104 किलोमीटर दूर था एयरपोर्ट
टेबल टॉप एयरपोर्ट के बनने से पहले चित्रकूट के पद कोई एयरपोर्ट नहीं था, फ्लाइट सिर्फ 104 किलोमीटर दूर बमरौली हवाई अड्डा ही था। जहां से इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट ही थी, जो लखनऊ से चित्रकूट तक की सेवाएं दे रही थी। इसे यात्रियों का कुल 4 घंटे का समय बचता था। फ्लाइट से चित्रकूट का यात्रा समय सिर्फ 50 मिनट है। 10:15 पर सुबह मैं बैठने पर 11:05 पर चित्रकूट उतार देता है। सप्ताहांत में फ्लाइट की कीमत 3500 से 4200/- के बीच रहती है। वहीं बाकी दिन 2000 से 2500/- रुपए है।
धार्मिक पुराणों में पावन है चित्रकूट धाम
चित्रकूट में कई पर्यटक आकर्षण हैं। जैसे कि देखने के लिए विभिन्न मंदिर, वन्यजीव राष्ट्रीय उद्यान और देखने के लिए सुंदर झरने हैं। यह हिंदुओं के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है और यहां पूरे वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। महाकाव्य रामायण के अनुसार, चित्रकूट वह स्थान है जहां भगवान राम के भाई भरत उनसे मिलने आए थे। उनसे अयोध्या लौटने और राज्य पर शासन करने के लिए कहा था। ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म के सर्वोच्च देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) ने यहां अवतार लिया था।