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Maa Bhuvaneshwari Temple: इस चमत्कारी मंदिर की मिट्टी असाध्य रोगों को कर देती है दूर

Maa Bhuvaneshwari Temple: वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो भुवनेश्वरी मंदिर की मिटटी के जांच कई बार वैज्ञानिकों करनी चाही पर यह पता नहीं लगा सके कि इस मिटटी में कौन ऐसे तत्व छिपे हैं कि एक मुटठी मिटटी किस तरह शरीर पर लगते ही उसके सभी शारीरिक दर्द या कष्ट खत्म हो जाते है

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 8 Sep 2022 2:50 PM GMT
Maa Bhuvaneshwari Temple
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Maa Bhuvaneshwari Temple (Image: Social Media)    

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Maa Bhuvaneshwari Temple: अक्सर आपने बहुत से ऐसे देवी - देवताओं के मंदिर अवश्य देखे होंगे, जिनमें तरह-तरह के रूप में देवी देवताओं की मूर्तियां रखी होती हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां की सिर्फ मिट्टी लगाने भर से शरीर के सारे दर्द / कष्ट दूर हो जाते है। जी हाँ , हमीरपुर जिले के झलोखर गांव का प्राचीन मंदिर जो मां भुनेश्वरी के नाम ने जाना जाता है। मान्यता है कि यहाँ की मिट्टी शरीर में लगाने भर से शरीर के सारे दर्द चमत्कारी रूप से दूर हो जाते हैं। बता दें कि यह स्थान कभी बस्ती से सैकड़ों मील दूर हुआ करता था। इस मंदिर में आज भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने दुख - दर्द दूर करने आते हैं।

उल्लेखनीय है कि हमीरपुर जिले के झलोखर गांव का प्राचीन मंदिर जो मां भुनेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध है लाखों श्रद्धालुओं के आस्था का बहुत बड़ा केंद्र बना हुआ है । यहाँ के स्थानीय लोगों के अनुसार लगभग 200 वर्ष पूर्व एक नीम के पेड़ से मूर्ती निकली तो लोग इसे देखने के लिए दूर - दूर से आए श्रद्धालो ने यहाँ की मिटटी को तिलक समझा कर लगाया तो उनके शरीर के सारे दर्द चमत्कारी रूप से दूर हो गए। इसके बाद से ही यह स्थान भुनेश्वरी के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज भी धार्मिक मान्यताओं की बात करें आज भी यहां बात रोग से पीड़ित श्रद्धालु गोद में बैठ कर आते है और यहाँ की एक मुटठी चमत्कारी मिटटी शरीर पर लगाते ही उनके सारे दर्द दूर हो जाते हैं और वे मां के दरबार से दौड़ते हुए वापस जाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो भुवनेश्वरी मंदिर की मिटटी के जांच कई बार वैज्ञानिकों करनी चाही पर यह पता नहीं लगा सके कि इस मिटटी में कौन ऐसे तत्व छिपे हैं कि एक मुटठी मिटटी किस तरह शरीर पर लगते ही उसके सभी शारीरिक दर्द या कष्ट खत्म हो जाते है।

बता दें कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यह मंदिर एक झाड़ी के तरह जंगल में मौजूद हुआ करता था, जहां पर दूर गांव से एक गाय आती थी और उसका सारा दूध अपने आप यहां एक झाड़ी में निकल जाया करता था। गांववालों की नजर पड़ने पर इस झाड़ी को खोला गया तो यहां से एक मूर्ति मिली जिसे भुनेश्वरी के नाम से स्थापित कर दिया गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार एक बीमार श्रद्धालु देवी के लिए तालाब से कलसे में जल भरकर चढ़ाने आया तो कलश अचानक मूर्ति पर गिर गया। जिससे मूर्ति का सिर टूट कर अलग हो गया।

मंदिर के पुजारी और गांववालों के अनुसार पुजारी को माता रानी ने स्वप्न कहा कि मेरे ऊपर घी चढ़ाया जाए कुछ दिन धी चढ़ाने के बाद में मूर्ति से पानी निकलना भी बंद हो गया। इस मंदिर की एक और बेहद खास बात यह है कि जो भी श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं उन्हें मंदिर के पास बने तालाब में नहाना होता है। मान्यता है कि इसी तालाब में नहाने से व्यक्ति के शरीर के सारे रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। धार्मिक मान्यतााओं के मुताबिक़ भुनेश्वरी देवी के मंदिर में एक नीम का पेड़ है, जिससे एक सांग निकली हुई है। कहा जाता है कि यह सांग कई वर्षों से बराबर ही बढ़ रही है। स्थानीय लोगों की माने तो पहले यह सांग कील जैसी दिखती थी जो अब एक सांग का रूप ले चुकी है यह भी एक देवी के चमत्कारी प्रताप का ही असर माना जाता है।

Preeti Mishra

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Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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