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Famous Mata Mandir: माता का एक ऐसा मंदिर जहां भक्तों से करती है मां बात, देती है काम होने के संकेत
Madhya Pradesh Famous Temple: माता रानी के कई रूप धरती पर पूजे जाते है, यहां पर हम माता के एक विचित्र और चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे है।
Madhya Pradesh Famous Mata Temple: माता पार्वती ने समय – समय पर जब भी धरती पर आवश्यकता पड़ी, उन्होंने अवतरित होकर मानव वर्ग का उद्धार किया। माता जिस भी जगह पर अवतरित हुई, वह जगह पवित्र माना जाता है। यहां पर हम आपको ऐसे ही एक पवित्र जगह के बारे में बताने जा रहे है। जहां पर एक भक्त का उद्धार करने के लिए माता ने अवतार लिया था। यहां पर माता का एक मंदिर भी है। जिसे चमत्कारिक कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में आने वाले भक्तों से माता स्वयं वार्तालाप करती है। आपका कार्य पूरा होगा अथवा नहीं माता रानी यह भी बता देती हैं। इतना ही नहीं उन्हें प्रसाद भी देती है। चलिए जानते है इस मंदिर के बारे में..
मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिर
हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं, वह मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर को अछरु माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के नाम के पीछे भी एक कहानी है। यह एक ऐसा मंदिर है, जचहां पर माता अपने भक्तों से स्वयं बात करती है, एवं उनके प्रश्नों का भी जवाब देती है।
मंदिर का नाम: अछरू माता मंदिर(Achharu Mata Mandir)
लोकेशन: निवाड़ी, मध्य प्रदेश
रहस्यमयी है मंदिर
अछुरु माता का मंदिर एक चमत्कारिक मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में ऑक कुंड स्थित है, इसी कुंड के जरिए माता अपने भक्तों से बात करती है। भक्तों के सारे प्रश्न सुनकर उनके जवाब भी देती है। और तो और ये भी बताती है कि उनके पूछे गए काम पूरे होंगे या नहीं? यह कुंड रहस्यमयी है, इस कुंड में जल कहां से आता है यह बात आजतक किसी को भी पता नहीं चल पाई है।
कैसे देती है भक्तों के प्रश्नों का जवाब
गर्भगृह मे जो कुंड है, उसमे प्रसाद के रूप में नींबू, फूल, चिरौंजी, जलेबी, फल आदि के जरिए प्रसाद देकर बात करती है। पूछे गए प्रश्नों के अनुसार कुंड से प्रसाद मिलता है। मांगी हुई मान्यता के अनुसार ही माता प्रसाद कुंड के जरिए देती है। इस कुंड मे हमेशा जल भरा रहता है। आजतक पता नहीं चल पाया कि इसमें जल आता कहां से है। माता के पास यह प्रसाद कहां से आता है इस चमत्कार के बारे में भी आज तक कोई पता नहीं लगाया गया है। इस मंदिर में हर रोज हजारों की संख्या में पहुंचते है। माता के सामने अपनी अर्जी लगाते है।
मंदिर के निर्माण से जुड़ी खास जानकारी
मंदिर को लेकर मान्य़ता है कि आज से पांच सौ साल पहले इस कुंड के निकट माता स्वयं प्रकट हुई थी। जिसके निकट एक चरवाहा था, उसका नाम अछुरु था। माता ने उसकी किसी चीज में सहायता की थी। उसक सबाद गांव के स्तानीय लोगों ने कुंड के पास माता की एक प्रतिमा स्थापित करवाई। जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। इस मंदिर को इसलिए अछुरु माता मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। तब से लेकर आजतक जो भी माता के पास मनोकामना लेकर सच्चे मन से पहुंचता है, वो कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता है। माता यहां आने वाले सभी भक्तों की सुनती है।