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Mahakumbh 2025 Update: महाकुंभ को लेकर प्रशासन से लेकर भारतीय रेलवे तक के ख़ास इंतज़ाम
Praygraj Mahakumbh Mela 2025: महाकुम्भ को लेकर प्रशासन और भारतीय रेलवे दोनों ही पूरी तरह से तैयार हैं आइये जानते हैं क्या-क्या इंतज़ाम किये गए हैं यहाँ।
Praygraj Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ इस बार बेहद भव्य और दिव्य होने वाला है। ऐसे में अगर आप भी इसमें शामिल होने की और यहाँ जाने की सोच रहे हैं तो आइये आपको बता दें कि भारतीय रेलवे ने इसके लिए क्या-क्या ख़ास इंतज़ाम किये हैं और किस तरह महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के लिए ख़ास इंतज़ाम किये गए हैं।
महाकुंभ को लेकर प्रशासन से लेकर भारतीय रेलवे तक के ख़ास इंतज़ाम
'कुंभ' मूल शब्द 'कुंभक' (अमृत का पवित्र घड़ा) से आया है ये ऋग्वेद में कुंभ और उससे जुड़े स्नान अनुष्ठान का भी उल्लेख मिलता है। इसमें इस अवधि के दौरान संगम में स्थान करने के लाभ नकारात्मक प्रभावों और उन्मूलन साथ ही साथ मन और आत्मा के कायाकल्प की हर एक बात को विस्तार से बताया गया है। अथर्ववेद और यजुर्वेद में भी कुंभ के लिए कई प्रार्थनाएं लिखी हुई है। इसमें बताया गया है कि कैसे देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन से निकले अमृत के पवित्र घड़े को लेकर युद्ध हुआ था। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर कुंभ को लालची राक्षसों के चंगुल से छुड़ाया था। वहीँ जब वे इसे स्वर्ग की ओर लेकर भागे तो अमृत की कुछ बूँदें छलक कर पवित्र स्थलों पर गिरी जिन्हें हम आज हरिद्वार,उज्जैन, नासिक और प्रयागराज के नाम से भी जानते हैं। इन्हीं चार स्थानों पर हर 3 वर्ष पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
कुंभ मेला दुनिया में कहीं भी होने वाले सबसे बड़े सार्वजनिक समागम और आस्था का एक सामूहिक आयोजन माना जाता है। यह लगभग 45 दिनों तक चलने वाला मेला है जहां लाखों श्रद्धालु गंगा यमुना और रहस्यमई सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए आते हैं। मुख्य रूप से इस समागम में तपस्वी संत साधु साध्वी या कल्पवासी और सभी क्षेत्र के तीर्थ यात्री शामिल होते हैं।
मुख्य स्नान महाकुंभ
आइये जानते हैं कि महाकुंभ में कौन-कौन से दिन बेहद खास है जिन्हें मुख्य स्नान पर्व के रूप में मनाया जाएगा।
मुख्य स्नान पर्व | दिनांक |
पूर्णिमा | 13-01-2025 |
मकर संक्रांति | 14-01- 2025 |
मौनी अमावस्या | 29-01-2025 |
बसंत पंचमी | 3-02-2025 |
माघी पूर्णिमा | 12-02-2025 |
महाशिवरात्रि | 26-02-2025 |
प्रयागराज अपने आप में भव्यता और दिव्यता लिए हुए हैं। वहीं इस साल लगने वाले महाकुंभ को और भी ज्यादा भव्य और दिव्य बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन ऐसे में क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज का इतिहास क्या है। आइये इसे और विस्तार से समझते हैं।
महाकुम्भ का इतिहास
600 ईसा पूर्व में एक राज्य था जिसका हिस्सा वर्तमान प्रयागराज जिला ही है। इस राज्य को वत्स के नाम से भी जाना जाता था और इसकी राजधानी कौशांबी थी। जिसके अवशेष आज भी प्रयागराज के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। गौतम बुद्ध ने भी अपनी तीन यात्राओं में इस शहर को सम्मानित किया था। इसके बाद यह क्षेत्र मौर्य शासन के अधीन आ गया और कौशांबी को अशोक के एक प्रांत का मुख्यालय बना दिया गया। उनके निर्देश पर कौशांबी में दो अखंड स्तंभ बनाए गए जिनमें से एक को बाद में प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया गया। इतना ही नहीं प्रयागराज राजनीति और शिक्षा का केंद्र भी रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था। इस शहर में देश को तीन प्रधानमंत्री सहित कई राजनीतिक हस्तियां भी दी है। इस शहर साहित्यिक महत्त्व होने के साथ ही साथ ये कला और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का भी केंद्र रहा है।
प्रयागराज में घूमने की जगहें
प्रयागराज में घूमने के लिए कई ऐसे स्थान है जहां आप जा सकते हैं जैसे की संगम, शंकर विमान मंडपम, वेणी माधव मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, भारद्वाज आश्रम, विक्टोरिया मेमोरियल, तक्षकेश्वर नाथ मंदिर, अक्षय वट, शिवकुटी, नारायण आश्रम, पत्थर गिरजाघर, प्रयागराज किला, ललिता देवी मंदिर, आनंद भवन, प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सार्वजनिक पुस्तकालय, गंगा पुस्तकालय, श्री अखिलेश्वर महादेव मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, नागवासुकि मंदिर, अलोपी देवी मंदिर, खुसरो बाग, मिंटो पार्क, कल्याणी देवी और कालीबाड़ी।
अगर आप भी इस बार महाकुंभ जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो हम आपके यहां भारतीय रेलवे द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध क्या-क्या सुविधाएं हैं जिनका लाभ आप उठा सकते हैं।
- वेटिंग रूम और वेटिंग हॉल
- स्लीपिंग पॉड्स
- रिटायरिंग रूम/डॉरमेट्री
- एग्जीक्यूटिव लाउंज
- बुजुर्ग/दिव्यांगों के लिए प्लेटफार्म पर आवागमन हेतु बैटरी चलित कारें
- व्हीलचेयर
- रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन
- खान पान सुविधा
- प्राथमिक चिकित्सा बूथ
- पर्यटक भूथ
- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
- बहुभाषी घोषणा का प्रावधान
- यात्रा सुविधा केंद्र
- क्लॉर्क रूम
इसके अलावा आपको बता दे की कुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और सुगम निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए जाएंगे प्रबंध मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू रहेंगे।
प्रयागराज जंक्शन
- प्रवेश केवल सिटी साइड प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
- आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर 5 के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जाएगा।
नैनी जंक्शन '
- प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा।
- विकास केवल माल गोदाम की ओर द्वितीय प्रवेश द्वार से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा
- आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी। प्रयागराज चकवी स्टेशन
प्रयागराज छिवकी स्टेशन
- प्रवेश केवल प्रयागराज मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जाएगा।
- निकास केवल जी.ई.सी नैनी रोड प्रथम प्रवेश की ओर से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
सूबेदारगंज स्टेशन
- प्रवेश केवल झलवा (कौशांबी रोड) की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल जी.टी रोड की ओर से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्रा आश्रय की व्यवस्था रहेगी।
- आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 3 से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
प्रयागराज जंक्शन
- प्रवेश केवल चैथम लाइन प्लेटफार्म नंबर एक की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल रामप्रिया रोड प्लेटफ्रॉम नंबर 4 की ओर से होगा।
- अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
फाफामऊ जंक्शन
- प्रवेश केवल द्वितीय प्रवेश द्वार प्लेटफार्म नंबर 4 की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल फाफामऊ बाजार प्लेटफार्म नंबर एक की ओर से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
- आरक्षित यात्रियों को सहसों रोड स्थित द्वितीय प्रवेश मार्ग से ही प्रवेश दिया जाएगा।
प्रयागराज रामबाग स्टेशन
- प्रवेश केवल हनुमान मंदिर चौराहा की ओर से प्रवेश मुख्य प्रवेश द्वार से दिया जाएगा।
- निकास केवल लाउदर रोड की ओर से दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
झूंसी स्टेशन
- प्रवेश और निकास की व्यवस्था स्टेशन के दोनों ओर से दी जाएगी।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
इन सब के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए या और किसी भी तरह की समस्या के लिए महाकुंभ के खास अवसर पर भारतीय रेलवे द्वारा एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है यह नंबर है 18004199139।