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Mallikarjun Jyotirling Darshan: मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग से जुड़ी सभी खास जानकारी यहां देखें
Mallikarjun Jyotirling Darshan: बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर के पीछे एक कहानी है, जो कुछ न कुछ विशेष बताती है। चलिए जानते है मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के बारे में...
Mallikarjun Jyotirling Darshan Details: भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर 12 झरनों में से एक के पास स्थित है, इसे श्रीशैलम का क्षेत्र कहा जाता है , यह आध्यात्मिक केंद्रों में से एक है। आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर का विशेष महत्व है क्योंकि इसमें ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों स्थित हैं। शिव महापुराण के अनुसार, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 सबसे पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो श्री पर्वत पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यह इसे शिव के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है।
पूरा नाम: श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम्(Sri Bhramaramba Mallikarjuna Swami Varala Devasthanam)
लोकेशन: श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश(Srisailam, Andhra Pradesh)
समय: सुबह 6 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक फिर शाम 6 से रात 10 बजे तक
इसके अतिरिक्त, श्रीशैलम 18 शक्तिपीठों में से एक है। किंवदंती के अनुसार, जब भगवान शिव ने सती देवी के शव को खंडित किया था, तो उनका ऊपरी होंठ इस स्थान पर गिरा था। ऐसा माना जाता है कि सती देवी के स्थान पर पार्वती यहीं प्रकट हुई थीं। यह दोहरी पवित्रता श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर को एक दुर्लभ और पूजनीय स्थल बनाती है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के दिव्य पुरुषत्व और स्त्रीत्व दोनों पहलुओं का जश्न मनाता है।
कैसे पहुंचे यहां(How To Reach Here)
सड़क मार्ग: एमजीबीएस बस स्टेशन से श्रीशैलम तक कई बसें चलती हैं। यात्रा में लगभग 5-6 घंटे लगते हैं, और लगभग 250 किलोमीटर की दूरी तय होती है। हैदराबाद हवाई अड्डे पर टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं और श्रीशैलम तक अधिक आरामदायक और निजी यात्रा के लिए इन्हें किराये पर लिया जा सकता है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है, जो श्रीशैलम से लगभग 87 किमी दूर है। एक अन्य नजदीकी स्टेशन नांदयाल है, जो लगभग 158 किमी दूर है।
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो श्रीशैलम से लगभग 202 किमी दूर है।
कब जाएं घूमने(Best Time To Visit)
प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए मानसून में जाना बेहतर है जबकि मंदिर में जाने के लिए गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा है क्योंकि इस दौरान भीड़ कम होती है लेकिन गर्मी का सामना करने के लिए तैयार रहें। यदि आप मानसून में मंदिर जाते हैं, तो निश्चित रूप से दर्शन के लिए अधिक समय लगेगा।
मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के कुछ प्रमुख जगह
- यह ज्योतिर्लिंग भगवान मल्लिकार्जुन शिव के एक अवतार और देवी भ्रामराम्बा पार्वती के एक अवतार को समर्पित है।
- ज्योतिर्लिंग: यह बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है जहाँ भगवान शिव की एक उज्ज्वल लिंगम के रूप में पूजा की जाती है।
- पथला गंगा: कृष्णा नदी पर एक पवित्र स्थान, जहाँ तीर्थयात्री पवित्र स्नान करते हैं। यहाँ सीढ़ियों की एक श्रृंखला या रोपवे के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
- शक्ति पीठ: इस ज्योतिर्लिंग के पास, अठारह शक्तिपीठों में से एक स्थित है।
- अक्कमहादेवी गुफाएँ: ये प्राचीन गुफाएँ पथला गंगा से नाव द्वारा पहुँची जा सकती हैं और 12 वीं शताब्दी की संत अक्कमहादेवी से जुड़ी हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने यहाँ ध्यान किया था।
- श्रीशैलम बाँध: कृष्णा नदी पर बना भारत के सबसे बड़े बाँधों में से एक, जो एक मनोरम दृश्य और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्थान प्रदान करता है।
- शिखरम: श्रीशैलम की सबसे ऊँची चोटी, जो मंदिर शहर और आसपास के जंगलों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। यहाँ भगवान शिव को समर्पित एक छोटा मंदिर है।