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Mana Gaon Visit Details: ऐसे करे भारत के आखिरी गांव और बद्रीनाथ धाम के दर्शन, इतना हो सकता है बजट

Mana Gaon Visit Details: अगर आप भी माना गांव घूमने का सोच रहे है तो, यहां पर आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिससे आपकी यात्रा आसान हो जाएगी।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 8 April 2024 2:59 PM GMT
Mana Gaon Visit Details
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Mana Gaon Visit Details (Pic Credit-Social Media)

Mana Gaon Visit Details: माना गांव को भारत का आखिरी गांव कहा जाता है। जो चमोली में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर बद्रीनाथ धाम से लगभग 5 किलोमीटरकी दूरी पर है। जो बद्रीनाथ धाम के पास के विख्यात टूरिस्ट प्लेस है। यह हिमालय में भारत और तिब्बत/चीन की सीमा से लगा हुआ आखिरी भारतीय गांव है। यह चमोली जिले में स्थित है । इसे उत्तराखंड सरकार द्वारा "पर्यटन गांव" के रूप में नामित कर घोषित किया गया। अगर आप भी माना गांव घूमने का सोच रहे है तो, यहां पर आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिससे आपकी यात्रा आसान हो जाएगी।

बद्रीनाथ में माना गांव इसलिए भी है खास (Mana Gaon Visit Details)

माना गांव बद्रीनाथ के नजदीक सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह बद्रीनाथ शहर से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर है। यह गांव सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 3219 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव हिमालय की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। वहां रहने वाले लोगों को भोटिया (मंगोल जनजाति) कहा जाता है। इस गांव के ग्रामीण छोटी-छोटी झोपड़ियों में रहते हैं जिन्हें खूबसूरती से सजाया और नक्काशी किया गया है। माना अपनी कई चीजों के लिए प्रसिद्ध है जैसे ऊनी वस्त्र और सामग्री (ज्यादातर भेड़ के ऊन से), शॉल, टोपी, मफलर, आसन, पंखी (भेड़ के ऊन से बना एक पतला कंबल), कालीन आदि। इसके अलावा माणा अपने आलू और राजमा के लिए प्रसिद्ध है।


माना के बारे में पौराणिक तथ्य

माना में हिंदू पौराणिक कथाओं, महाभारत के निशान मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पांडव महाभारत युद्ध जितने के बाद पर्याप्त समय खुश hali से बिताकर स्वर्ग की यात्रा के दौरान माना से होकर गुजरे थे। यहां भीम (पांडवों के पांच भाइयों में से एक) द्वारा बनाया गया एक प्रसिद्ध पत्थर का पुल है। जिसे सरस्वती नदी के पास 'भीम पूल' के नाम से जाना जाता है। यह एक विशाल चट्टान है जो सरस्वती नदी पर पुल के रूप में बनी है।


माना गांव कैसे पहुंचें

माना गाँव बद्रीनाथ और जोशीमठ शहरों के साथ-साथ NH-58 के माध्यम से सीधे हरिद्वार / ऋषिकेश से जुड़ा हुआ है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में स्थित है जो गाँव से लगभग 275 किमी दूर है। वहां से आप माना गांव के लिए बस ले सकते हैं या टैक्सी किराये पर ले सकते हैं। हरिद्वार दिल्ली, देहरादून आदि कई स्थानों से जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो देहरादून में स्थित है। माना गांव और देहरादून के बीच की दूरी लगभग 319 किमी है।


चलिए यहां पर आपको माना गांव पहुंचने का आसन तरीका बताते है:

हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुँचें।

बद्रीनाथ के लिए आपको हरिद्वार और ऋषिकेश से सीधी बसें मिल जाएंगी।

हरिद्वार: पहाड़ी बस अड्डा

ऋषिकेश: रोडवेज बस अड्डा के पास कीमत 630-660 अधिकतम हो सकती है।

बद्रीनाथ के लिए जल्दी निकलने की कोशिश करें, क्योंकि दोपहर 2 बजे जोशीमठ में कपाट बंद कर दिए जाते है।

वहां पहुंचने के बाद होटल में चेक इन करें। कीमत 1000-2000/- रुपए तक हो सकता है।

आप रात में 9-10 बजे के आसपास दर्शन कर सकते हैं क्योंकि सुबह के समय बहुत भीड़ होती है।

सुबह-सुबह माना के लिए निकलें, जो 3 किलोमीटर दूर है, टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं, कीमत - 50/- रुपये प्रति व्यक्ति होती है।

भारत की पहली दुकान से माना में चाय और पकौड़े जरूर खाए। इसकी कीमत आपको लगभग 70-80/- रुपये और वेद व्यास गुफा (जहाँ महाभारत लिखी है) पर जाएँ।

भीम पुल, सरस्वती नदी (जिसे आप केवल माना में देख सकते हैं)

उसके बाद वसुधारा झरने के लिए प्रस्थान करें जो 5-6 किमी की सुंदर पैदल यात्रा है!

यदि आपके पास एक दिन का समय है तो चरण पादुका के लिए भी निकलें जो बद्रीनाथ मंदिर से 3-4 किमी की सुंदर पैदल दूरी पर है।

आप अपने साथ पानी की बोतलें और खाने की कोई चीज़ जैसे चॉकलेट टॉफ़ी या नमकीन अवश्य रखें। इसके अलावा कृपया पैकेट और रैपर को ट्रेक पर न फेंकें।

अगले दिन उसी रूट से ऋषिकेश वापस लौट जाए।

ऋषिकेश या हरिद्वार से आप 3 से 4000 रुपए के बजट में आसानी से भारत का आखिरी गांव घूमकर आ सकते है।

नोट - बद्रीनाथ से ऋषिकेश हरिद्वार के लिए बसें केवल सुबह 5-6 बजे ही उपलब्ध हैं! आपको अपना टिकट एक दिन पहले बुक करना होगा।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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