TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mangalnath Temple Ujjain: उज्जैन के इस मंदिर में लिंग रूप में विराजमान है मंगल ग्रह, पूजन से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट

Mangalnath Temple Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान मंगल का बहुत प्राचीन मंदिर मौजूद है। जो अपने चमत्कारों के लिए पहचाना जाता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 15 May 2024 4:15 PM IST (Updated on: 15 May 2024 4:15 PM IST)
Magalnaath Temple Ujjain
X

Magalnaath Temple Ujjain (Photos - Social Media)  

Magalnaath Temple Ujjain : उज्जैन एक ऐसी जगह है जो एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी होने के साथ-साथ श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली और मंगल की जन्मस्थली भी है। उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर मौजूद है जहां पर भगवान मंगल की पूजन की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है और घर में सुख शांति नहीं रहती है। व्यापार व्यवसाय शादी भी हमें दिक्कत आ रही है उनके लिए उज्जैन में दिव्य स्थान मौजूद है जहां पर भगवान मंगल शिवलिंग के रूप में स्थापित है। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग की विधि विधान से पूजन अर्चन करने के बाद अमानगल भी मंगल में बदल जाता है और सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। इस मंदिर को मंगल दोष से निवृत्ति के लिए न सिर्फ देश भर में बल्कि दुनिया भर में पहचाना जाता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर कुछ जनार्दन के लिए पहुंचते हैं।

अति प्राचीन है मंदिर

उज्जैन में मौजूद मंगलनाथ मंदिर शिप्रा नदी के किनारे है जो बहुत ही प्राचीन है। पुराणों में वैसे भी उज्जैन मंगल की जन्मस्थली होने का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है यदि वह ग्रहण की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजन आसान करवाते हैं तो उनके सारे संकट दूर हो जाते हैं। यह मंदिर बहुत चमत्कारी है और कर्क रेखा पर स्थित होने के साथ-साथ देश के नाभी स्थल पर मौजूद है।

Magalnaath Temple Ujjain


लिंग रूप में विराजमान हैं मंगल

इस मंदिर में भगवान मंगलनाथ शिव की प्रतिमा के रूप में लिंग रूप में विराजमान है। भगवान शिव और पृथ्वी के पुत्र भगवान मंगल देने और इनका अगर विधि विधान से पूजन किया जाता है तो कुंडली के अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है। भगवान मंगलनाथ को शीतल का प्रदान करने के लिए मंदिर में भात पूजा किए जाने का महत्व है जिससे प्रसन्न होकर वह भक्तों का आशीर्वाद देते हैं।

Magalnaath Temple Ujjain


इन राशियों के हैं स्वामी

मंगल ग्रह में मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित कोई दोष होता है वह विश्व के एकमात्र इस मंगल ग्रह की उत्पत्ति वाले मंदिर में पहुंचकर पूछना अर्चन करने से समाप्त हो जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और मंगल के प्रकोप को शांत कर उनसे आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंगलनाथ भगवान को सबसे प्रिय मास वैशाख होता है यही कारण है कि इस महीने में विशेष तौर पर मंदिर में पूजन अर्चन की जाती है।



\
Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story