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MP Famous Shiv Mandir: यह मंदिर महाभारत काल से है जुड़ा, हर साल 1 इंच की होती है बढ़त

MP Famous Shiv Mandir: खजुराहो में मतंगेश्वर महादेव मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर की संरचना और मान्यता दोनों भव्य है चलिए इस मंदिर के बारे में जानते है...

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 4 April 2024 7:15 AM GMT
MP Famous Shiv Mandir
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MP Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Matangeshwar Mahadev Mandir: मध्य प्रदेश का खजुराहो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है। पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ यह तीर्थस्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। खजुराहो में मतंगेश्वर महादेव मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर में स्थित शिवलिंग जमीन से 9 फीट अंदर और इतना ही बाहर है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां लोगों द्वारा बताई जाती है। यह मंदिर अपने वास्तुकला और गर्भगृह में विराजमान भव्य शिवलिंग से प्रसिद्ध है।

चंदेल युग का इकलौता मंदिर

मतंगेश्वर मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के मध्य प्रदेश के खजुराहो में प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर के बगल में स्थित है। यह मंदिरों के पश्चिम समूह में स्थित है। खजुराहो के चंदेल-युग के स्मारकों में से, यह एकमात्र हिंदू मंदिर है जो अभी भी सक्रिय रूप से पूजा के लिए उपयोग किया जाता है।

लोकेशन: राजनगर रोड, सेवाग्राम,मातंगेश्वर मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दर्शन का समय : सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे तक

खजुराहो बस स्टैंड से 1 किमी की दूरी पर यह प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित है।


भव्य शिवलिंग से है सुशोभित

मतंगेश्वर मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी की शुरुआत में चंदेल वंश के शासक चंद्र देव ने करवाया था। राजा भगवान शिव के परम भक्त थे। भगवान शिव का ही रूप पूज्य मतंग ऋषि को माना जाता है और इसलिए उनका नाम मतंगेश्वर है। यह मध्य प्रदेश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस शिवलिंग वास्तविक की लंबाई 8 फीट 5 इंच है। इसकी परिधि लगभग 4 फीट है। इस शिवलिंग को लोग मृत्युंजय महादेव के नाम से भी जानते हैं।


चमकदार शिवलिंग के साथ दूसरे देवताओं के भी मूर्ति

मतंगेश्वर मंदिर में भारत सबसे बड़े शिवलिंग में से एक हैं। लिंगम आठ फीट ऊंचा है और चमकदार पीले चूना पत्थर से बना है। ऊपर दाईं ओर एक छोटी सी गणेश जी की संरचना है, और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर दो छोटे सहायक देवताओं के साथ एक देवी की एक विस्तृत तस्वीर स्थापित की गई थी। यह मध्य भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है जिसमें कई भक्त श्रद्धा रखते हैं।


विश्व धरोहर स्थल पर है खास

मतंगेश्वर मंदिर भारत के मध्य प्रदेश के खजुराहो शहर में विश्व प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में स्थित है। मातंगेश्वर मंदिर योजना और डिज़ाइन की दृष्टि से ब्रह्मा मंदिर का एक बड़े पैमाने का संस्करण है। इसकी एक वर्गाकार योजना है। मृत्युंजय महादेव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, इस मंदिर का बाहरी और आंतरिक भाग अन्य खजुराहो मंदिरों की तरह मूर्तियों से नहीं सजाया गया है, लेकिन छत मूर्तियों से ढकी हुई है। मंदिर के दक्षिण में एक खुला पुरातत्व संग्रहालय है जिसमें मूर्तियों का विशाल संग्रह है।


हर साल तिल बराबर बढ़ता है आकर

मतंगेश्वर मंदिर में मौजूद इस शिवलिंग की लंबाई हर साल शरद पूर्णिमा के दिन एक इंच बढ़ जाती है। यहां के अधिकारी इंच टेप से इसकी माप करते हैं। वहीं, मंदिर के पुजारी के मुताबिक, हर साल कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की लंबाई एक तिल के बराबर बढ़ जाती है। पर्यटन विभाग के कर्मचारी शिवलिंग की लंबाई मापने के लिए इंच टेप से मापते हैं। जहां पहले से भी ज्यादा लंबा शिवलिंग मिला है। मंदिर की खासियत यह है कि यह शिवलिंग जितना ऊपर की ओर बढ़ता है, उतना ही नीचे की ओर बढ़ता है। शिवलिंग के इस अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ती है। वैसे तो यह मंदिर साल भर भक्तों से भरा रहता है, लेकिन सावन के महीने में यहां भक्तों का तांता लग जाता है। लोग दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं।


मंदिर के पीछे दो कहानियां

मातंग को भगवान शिव के 10वें अवतार के रूप में जाना जाता है, वह महान दार्शनिक ममाईदेव के पूर्वज थे, महेशरी समुदाय मतंग के भक्त थे। उन्होंने भारत के गरीब मैसरिया और सिंभरिया मेघवार समुदाय को उपदेश दिया था, वह बारामती पंथ धर्म के प्रणेता थे और उन्होंने गरीब मैसरिया मेघवार को धर्माचार शब्द दिया है। वहीं दूसरी किंवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण एक चमत्कारिक मणि रत्न के ऊपर कराया गया है। मान्यता अनुसार यह मणि स्वयं भगवान शिव ने सम्राट युधिष्ठिर को प्रदान की थी। जो कि हर मनोकामना पूरी करती थी। बाद में संन्यास धारण करते समय युधिष्ठिर ने इसे मतंग ऋषि को दान में दे दिया था। मतंग ऋषि के पास से यह मणि राजा हर्षवर्मन के पास आई। जिन्होंने इस मणि को धरती के नीचे दबाकर उसके उपर इस मंदिर का निर्माण कराया। आज भी मणि विशाल शिवलिंग के नीचे स्थित है।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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