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Mathura: मथुरा में मंदिर के अलावा घूमे इन जगहों पर, इस मार्केट और रेस्टोरेंट का भी लें मजा
Mathura Mein Ghumne Ki Jagah: भगवान कृष्ण की इस नगरी में आपको लगभग हर नुकक्ड़ पर मंदिर ही मंदिर देखने को मिलेंगे, लेकिन मंदिरों के अलावा भी हम आपको कई मजेदार जगहों के बारे में बताते हैं जहां पर घूमकर आपका मन खुश हो जाएगा।
Mathura Mein Ghumne Ki Jagah: उत्तर प्रदेश का मथुरा शहर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। भगवान कृष्ण की इस नगरी में आपको लगभग हर नुकक्ड़ पर मंदिर ही मंदिर देखने को मिलेंगे, लेकिन मंदिरों के अलावा भी हम आपको कई मजेदार जगहों के बारे में बताते हैं जहां पर घूमकर आपका मन खुश हो जाएगा। पूरे साल इस शहर में पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रहती है। मनोरम संरचनाओं और आकृतियों से युक्त मथुरा भारत का एक लोकप्रिय शहर है। यहां पर घूमने की जगहों की बात करें तो ऐसी कई जगहें है जहां जाकर आपको बहुत आनंद आएगा। इतिहास को संजोय हुए मथुरा में आप वास्तुकला और कला का खूबसूरत मेल-जोल देखने को मिलेगा।
भगवान कृष्ण का जन्मस्थान मथुरा जन्माष्टमी के अवसर पर जगमगा उठता है। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की इतनी भीड़ उमड़ती है, कि दूर से देखने पर सिर ही सिर दिखाई देते हैं। वैेसे तो पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है। ऐसे में अगर आप मथुरा जाने की सोच रहे हैं तो आइए आपको यहां के मंदिरों के बारे में बताते हैं, यहां पर घूमने वाली जगहों के बारे में, यहां की मशहूर मार्केट और स्वादिष्ट खाने के लिए फेमस रेस्टोरेंट के बारे में।
मथुरा में घूमने की जगह
श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर (Shri Krishna Janmasthan Temple)
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर है। ये मंदिर जेल की कोठरी के चारों ओर बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की माता देवकी और पिता वासुदेव को मामा कंस ने कैद किया था। हिंदु धर्म में इस मंदिर का बहुत महत्व है। मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक।
केशव देव मंदिर (Keshav Dev Temple)
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पीछे की तरफ केशव देव मंदिर है। इस मंदिर की ऐतिहासिक महत्ता है। ऐसा माना जाता है कि इस भूमि पर भगवान कृष्ण को बंदी बनाया गया था। मंदिर को निर्माण बाद में उसी जगह पर कर दिया गया। इस मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सबसे ज्यादा भीड़ रहतीहै। मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 5 बजे से रात के 9:30 बजे तक
द्वारकाधीश मंदिर (The Dwarkadhish Temple)
मथुरा के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक द्वारकाधीश मंदिर है। ये मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और चित्रों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण 1814 में किया गया था। ये मंदिर यमुना नदी के घाटों के पास स्थित है। यहां भक्तों की भीड़ बारोमास लगी रहती है। मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 6:30 बजे से दोपहर के 10:30 तक, शाम 4:30 बजे से रात के 7 बजे तक.
मथुरा म्यूजियम (Mathura Museum in Hindi)
मथुरा म्यूजियम जोकि कर्जन संग्रहालय पुरातत्व के रूप में जाना जाने वाला, सरकारी संग्रहालय है। ये म्यूजियम मथुरा डैम्पियर पार्क में है। इस म्यूजियम का निर्माण सन् 1874 में हुआ था। इतिहास के पन्नों से रूबरू होने के लिये ये संग्रहालय काफी अच्छी जगह है।
बिड़ला मंदिर मथुरा (Birla Mandir)
मथुरा का बिड़ला मंदिर मथुरा रेलवे जंक्शन से करीब 6.5 किमी दूर वृंदावन-मथुरा रोड पर है। इस मंदिर को गीता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर भगवान लक्ष्मी नारायण को समर्पित मंदिर है। यहां सर्दियों में और गर्मियों में दर्शन करने का समय अलग-अलग है।
गर्मियों में मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक और दोपहर 2 बजे से रात के 9 बजे तक
सर्दियों में मंदिर में दर्शन करने का समय -सुबह 5:30 बजे से दोपहर के 12 तक और दोपहर 2 बजे से रात के 8:30 बजे तक है।
श्री जुगल किशोर जी मंदिर (Shri Jugal Kishor Ji Mandir)
श्रीकृष्ण नगरी मथुरा में केशी घाट के पास श्री जुगल किशोर जी मंदिर स्थित है। इसे केशी घाट मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बता दें, ये मंदिर मथुरा के चार सबसे पुराने मंदिरों में भी आता है। क्योंकि इस मंदिर का निर्माण 1727 ईसवी में किया गया था। अनोखी कलाकृतियों के लिए ये मंदिर काफी मशहूर है।
कंस किला (Kansa Qila in Mathura)
मथुरा में यमुना नदी के तट पर स्थित कंस किला बहुत प्राचीन किला है। ये किला भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित है। किले की ठीक प्रकार से देख-रेख न हो पाने की वजह से ये किला बस कुछ ढंचे भर का ही बचा है। लेकिन इसके बाद भी पर्यटक दूर-दूर से इसे देखने आते हैं। इस किले को मथुरा का पुराना किला ने नाम से भी जाना जाता है।
चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)
मथुरा में चामुंडा देवी मंदिर की काफी महत्ता है। ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। चामुंडा देवी का ये मंदिर चामुंडा देवी मार्ग पर है। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि मां गायत्री तपोध के सामने स्थित जहां ये मंदिर है, वहां माँ गायत्री का एक बाल गिर गया था, जिसकी वजह से इस मंदिर का निर्माण करने का फैसला लिया गया। ये भी बताया जाता है कि शांडिल्य ऋषि ने यहां तपस्या की थी और श्री गोरखनाथ ने भी इसी स्थान पर ज्ञान प्राप्त किया था। मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 6:30 बजे से दोपहर के 12 तक, शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक
श्री दाऊजी महाराज मंदिर (Shri Dauji Maharaj Mandir)
मथुरा में श्री दाऊजी महाराज मंदिर सबसे प्रसिद्ध और पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1535 ईसवी में हुआ था। इस मंदिर के पीठासीन देवता भगवान बलराम हैं। बलराम भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे। बताया जाता है कि मंदिर में भगवान बलदेव की मूर्ति ब्रज मंडल की सबसे विशाल, काले रंग की और दो हाथों वाली मानी जाती है। मंदिर में दर्शन करने का समय- सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक
तिलक द्वार (बाजार) (Tilak Dwar in Mathura)
मथुरा में खूबसूरत कलाकृत चीजों के लिए मशहूर है तिलक द्वार। ये तिलक द्वार द्वारिकादीश मंदिर और विश्राम घाट के नजदीक एक स्थानीय बाजार है। इस बाजार को पवित्र द्वार के नाम से जाना जाता है। इस बाजार में बहुत कम दामों पर पीतल की मूर्ति, साज-सज्जा का सामान, हस्तशिल्प, पेंटिंग, मूर्तियां और हाथ की कढ़ाई वाली वस्तुओं मिलती है। इसी तिलक द्वार पर प्रसिद्ध बृजवासी मिठाईवाला की दुकान भी है। इसकी मिठाई काफी पसंद की जाती है।
गोवर्धन हिल (Govardhan Hill)
गोवर्धन हिल वृंदावन के करीब स्थित काफी लोकप्रिय जगहों में से एक है। यहां पर भक्तों और पर्यटकों दोनों के घूमने के लिए बहुत खूबसूरत है। इस पर्वत के बारे में पवित्र भागवत गीता में कहा गया है कि भगवान कृष्ण की लीलाओं से ही जुड़ा है ये गोवर्धन पर्वत। भगवान कृष्ण ने अपने गांव वालों की रक्षा करने के लिए इस पर्वत को एक उंगली पर उठा लिया था।
कुसुम सरोवर (Kusum Sarovar in Mathura)
मथुरा की मशहूर जगहों में से एक राधाकुंज के पास स्थित कुसुम सरोवर है। ये सरोवर 450 फीट लंबा और करीब 60 फीट गहरा है। इस सरोवर का नाम राधा के नाम पर कुसुम सरोवर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि राधा सरोवर के आस-पास कृष्ण से मिलने आती थी।