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Mathura Famous Temple: मथुरा के इस मंदिर में राधा कृष्ण की आरती करती हथनी

Mathura Radha Krishna Mandir History: गोकुल में राधा रानी और श्री कृष्ण का एक ऐसा मंदिर है जहां पर एक हाथी द्वारा मंदिर में आरती किया जाता है।

Yachana Jaiswal
Published on: 3 Sept 2024 2:53 PM IST
Raman Reti Mandir Gokul, Vrindavan Famous Temple,
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Raman Reti Mandir Gokul(Pic Credit-Social Media)

Mathura Famous Radha Krishna Mandir: रमणरेती, जिसे अक्सर वृंदावन के प्रसिद्ध क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ है और इसे अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त है। यहां हम आपको मथुरा में श्री कृष्ण के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा है, जहां प्रतिदिन हथि‍नी भगवान की आरती करती है। यही नहीं घंटी बजाकर भगवान को जगाने का काम भी करती है।

नाम: रमन रेती मंदिर(Raman Reti Mandir)

लोकेशन: रमणरेती, महाबन खादर, मथुरा, उत्तर प्रदेश

समय: सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक, शाम 4 से 8:45 बजे तक


हथिनी करती है पूजा, देती है आशीर्वाद

मथुरा के गोकुल में रमण रेवती मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां, भगवान की आरती एक पशु द्वारा किया जाता है। दो मुस्लिम महावत सलीम खान और अमजद खान हर समय हथिनी, जिसका नाम राधा है कि देख-रेख में लगे रहते हैं। राधा (हथ‍िनी) के साथ दोनों मुस्‍लिम महावत सुबह-शाम उसके साथ भगवान की आरती में शामिल होते हैं, मंदिर की परिक्रमा भी लगाते हैं। इस दौरान सभी श्रद्धालु राधा के पैर छूते है और दक्षिणा देते हैं। राधा भी दक्षिणा लेकर अपने महावत को दे देती है। वह अपनी सूंढ से रुपए तब-तक पकड़ कर रखती है, जब तक कि महावत इसे ले न लें।


मंदिर का धार्मिक महत्व

रमणरेती भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यहाँ की रेत को अत्यंत पवित्र माना जाता है और भक्तजन इसे अपने साथ ले जाते हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। यहाँ नियमित रूप से भजन, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गोकुल में श्री रमन बिहारी जी मंदिर एक दिव्य अभयारण्य है जो भगवान कृष्ण और राधा के शाश्वत प्रेम को दर्शाता है। गोकुल के विचित्र शहर में स्थित, यह मंदिर शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश करने वाले भक्तों के लिए एक पवित्र आश्रय है।


मंदिर की वास्तुकला

मंदिर की वास्तुकला मथुरा की आध्यात्मिक विरासत के कालातीत आकर्षण को दर्शाती है, इसके जटिल नक्काशीदार अग्रभाग और जीवंत रंग आकर्षित करते है। जैसे ही आप अंदर कदम रखते हैं, शांति की भावना आपको घेर लेती है, जैसे कि दिव्य उपस्थिति स्वयं आपको अपने करीब बुला रही हो।

मंदिर के केंद्र में गर्भगृह है, जहाँ भगवान कृष्ण, रमन बिहारी जी के रूप में सुशोभित हैं, अपने सभी दिव्य वैभव के साथ खड़े हैं। भक्त उनके प्रेम की आभा में डूबने और खुशी और पूर्णता के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहाँ आते हैं।

हथिनी के आरती करने के पीछे ये है कहानी

गोकुल में गुरु शरणानंद महाराज का रमण रेती आश्रम स्थित है। आश्रम में राधा और माधव हाथी हथिनी का जोड़ा रहता था। गुरु शरणानंद महाराज ने साल 2002 में हाथी और हथिनी का छोटा सा जोड़ा केरल से लेकर आए थे। महावत ने हाथी और हथिनी की आश्रम मे परवरिश की। राधा और माधव रमण रेती आश्रम में सुबह और शाम को ठाकुर जी की आरती करते थे। राधा घंटी बजाती और माधव दीपक लेकर आरती करता था। कुछ सालों पहले माधव अचानक बीमार हो गया, इलाज के बाद भी ठीक न हो आया जिसके चलते साल 2016 में माधव की मृत्यु हो गई। इसके बाद से आश्रम में सुबह और शाम राधा ही भगवान श्रीकृष्ण की आरती करने की जिम्मेदारी ले ली। इस दृश्य को देखने के लिए दूरदराज से लोग मंदिर आते है।





Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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