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Mathura Famous Street Food: कृष्ण की नगरी मथुरा के स्ट्रीट फ़ूड में होता है गुजरती जायके का पुट, आप भी चखें स्वाद
Mathura Famous Street Food: मथुरा में यदि घूमने लायक बहुत जगह है तो यह शहर खाने-पीने के लिए बहुत विविधता रखता है। जिस प्रकार वाराणसी का सम्बन्ध तमिल लोगों से है उसी प्रकार मथुरा का सम्बन्ध गुजरात से है। यही कारण है कि यहाँ के लोकल खान-पान में गुजरती व्यंजन भी घुल मिल गए हैं।
Mathura Famous Street Food: भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। इसका अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, विशेषकर हिंदू धर्म में, क्योंकि इसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है। कृष्ण के साथ शहर का जुड़ाव इसे दुनिया भर के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में मथुरा का महत्व और इसके पवित्र स्थल इसे भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व का स्थान और पर्यटकों के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुचि का स्थान बनाते हैं। मथुरा में यदि घूमने लायक बहुत जगह है तो यह शहर खाने-पीने के लिए बहुत विविधता रखता है। जिस प्रकार वाराणसी का सम्बन्ध तमिल लोगों से है उसी प्रकार मथुरा का सम्बन्ध गुजरात से है। यही कारण है कि यहाँ के लोकल खान-पान में गुजरती व्यंजन भी घुल मिल गए हैं। तो आज हम इस लेख में मथुरा के स्ट्रीट फूड्स के बारे में बात करेंगे। आइये डालते हैं मथुरा के स्ट्रीट फूड्स पर एक नजर।
माखन मिश्री (Makhan Mishri)
माखन मिश्री तो एक तरह से मथुरा का प्रसाद है। हम सब जानते हैं कि भगवान कृष्ण को प्यार से 'माखन चोर' भी कहा जाता है और यहीं से हमें माखन मिश्री शब्द मिलता है। माखन मिश्री मूल रूप से सफेद मक्खन होता है जिसके ऊपर मिश्री होती है, जिसे मिट्टी के छोटे बर्तन में परोसा जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता यशोदा अपने बालगोपाल को प्रतिदिन उनका पसंदीदा माखन मिश्री खिलाती थीं।
कचौरी और जलेबी (Kachori And Jalebi)
वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या जैसे पौराणिक शहरों की तरह यदि आप मथुरा में हैं, तो आपको अपने दिन की शुरुआत कचौरी और जलेबी से करनी चाहिए। देसी घी से सराबोर, ये कचौरियां चपटी होती हैं और आलू की सब्जी के साथ परोसी जाती हैं। सबसे अच्छी बात है कचौरी में हींग का तेज़ स्वाद। और चाशनी में भीगी कुरकुरी, गर्म जलेबियों के बिना यह मसालेदार कचौरी अधूरी रहती है।
मथुरा का पेड़ा (Mathura Ka Peda)
कुछ शहर ऐसे होते हैं जिनकी पहचान ही किसी व्यंजन विशेष के नाम पर हो जाती है। ऐसा ही है पेड़ा। अगर पेड़ा हो तो मथुरा का हो। मथुरा का पेड़ा यहाँ का एक प्रसिद्ध मीठा व्यंजन है। यह एक पारंपरिक मिठाई है जो सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है। मथुरा का पेड़ा अक्सर मंदिरों में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और स्थानीय लोगों और आगंतुकों द्वारा मीठे व्यंजन के रूप में भी इसका आनंद लिया जाता है।
खमन, ढोकला और पोहा (Khaman, Dhokla And Poha)
हालाँकि खमन, ढोकला और पोहा मूल रूप से मथुरा के व्यंजन नहीं हैं, लेकिन गुजरात राज्य से मथुरा का आध्यात्मिक कनेक्शन होने के नाते अब इस शहर में भी आपको तमाम ऐसे रेस्टोरेंट्स और फ़ूड स्टॉल्स मिल जायेंगे जो इन गुजराती व्यंजनों को परोसते हैं। मथुरा शहर में आपको सुबह-सुबह नाश्ते में कचोरी, जलेबी के साथ लोग खमन, ढोकला और पोहा कहते हुए मिल जायेंगे।
दूध, रबड़ी और लस्सी (Milk, Rabri And Lassi)
कृष्ण की नगरी की बात दूध, रबड़ी और लस्सी के बिना बिलकुल अधूरी है। दूध, रबड़ी और लस्सी का कृष्ण से कनेक्शन भला किसे नहीं पता। दूध मथुरा के व्यंजनों पर काफी हावी है, चाहे वह अपने मूल रूप में हो या किसी उत्पाद के रूप में। यहाँ आपको जगह-जगह कड़ाही में खौलता हुआ दूध पीने को मिल जायेगा। रबड़ी भी मथुरा का प्रसिद्ध भोजन है। इसे मिट्टी के बर्तन में केसर, मसाले और मेवे मिला कर परोसा जाता है। रबड़ी और जलेबी एक प्रसिद्ध व्यंजन है। लस्सी भी यहाँ का एक प्रसिद्ध पेय है। ताज़े दही की बानी गाढ़ी लस्सी के लोग यहाँ दीवाने हैं।