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Mathura Top 5 Temples: मथुरा वृंदावन के इन मंदिरों में स्वयं विराजित हैं श्री कृष्ण, यहां देखें सारी जानकारी
Mathura Vrindavan Top 5 Temples: वृंदावन हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। वृंदावन में आपको कई ऐसे मंदिर देखने को मिल जाएंगे जो कृष्ण और राधा जी को समर्पित हैं।
Temples Dedicated To Lord Krishna : मथुरा को हिंदुओं के सबसे चहेता स्थल माना जाता है क्योंकि यह श्री कृष्ण भगवान की जन्मस्थली है। जन्माष्टमी हो या रास लीला या फिर होली, यहां सभी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाता हैं। मथुरा भारत के पवित्र स्थलों में से एक माना गया है। ब्रजमंडल जहां पर भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता था और जहां पर उन्होंने अपनी लीलाएं दिखाई थीं, उसका बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है। पुराणों के अनुसार कृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में हुआ था। उसके बाद उनका पूरा बचपन गोकुल और वृंदावन में ही व्यतीत हुआ। यही कारण है कि ब्रजभूमि हमेशा से ही धर्म और अध्यात्म का केंद्र बनी रही है और इस पावन भूमि के दर्शन के लिए लोग देश-विदेश से पहुंचते हैं।
श्री कृष्ण जन्म स्थली (Sri Krishna Birth Place)
ये वही स्थान है जहाँ श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। मथुरा के मंदिर में इसका सर्वोच्च स्थान है। यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह बुंदेल ने करवाया था जो श्री कृष्ण के ही वंशज थे। यहाँ कंस का पत्थर से बना बड़ा कारावास है। यहाँ का सबसे आकर्षक मंदिर का वो छोटा कारावास है जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था। यह मंदिर अपनी पवित्रता से आपके रोम-रोम को साधना में लीन कर देगा। बहुत ही खुबसूरती से इसे बनाया गया है। यहाँ कृष्ण की सफ़ेद मार्बल से बनी मूर्ति है जो अपने अस्तित्व का परिचय देती है। यहाँ आने का सबसे उचित समय है जन्माष्टमी व होली का पर्व। ये त्योहार भव्यता से यहाँ मनाया जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple)
यह भारत का मशहूर व ऐतिहासिक पवित्र स्थल है जो श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि कृष्ण द्वारका में आकर बस गए और उन्होंने अपनी आखरी साँस भी यहीं ली। मंदिर में काले मार्बल से बनी कृष्ण की प्रतिमा है और उसी के समीप सफ़ेद मार्बल से बनी उनकी प्रिय राधा की प्रतिमा भी है जिनकी सुंदरता अतुल्नीय है। इसलिए यहाँ मथुरा के मंदिर की फोटो लेना आवश्यक हो जाता है। श्रद्धालु यहाँ अधिकतर जन्माष्टमी के अवसर पर आते हैं क्योंकि उस वक्त यहाँ का नज़ारा आँखों में घर कर जाता है।
प्रेम मंदिर (Prem Temple)
मथुरा वृंदावन यात्रा करते वक्त अगर आप मथुरा का प्रेम मंदिर देखना भूल जाते है तो आपको पछतावा होगा। भगवान के प्रति प्रेम को समर्पित है यह मंदिर। मंदिर में राधा-कृष्ण व राम-सीता की मूर्तियाँ हैं। मंदिर का माहौल शांतिपूर्ण है जो अंतःकरण तक शांति का संचार कर देगा। 2001 में इस मंदिर को जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने आकार दिया। बृजवासियों की उपस्थिति से आरती के समय का माहौल आध्यात्मिकता में लीन कर देता है। सफ़ेद मार्बल से बने इस मंदिर की वास्तुकला भी तारीफ के काबिल है।
बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple)
बाँके बिहारी-श्री कृष्ण का एक और नाम जिसका अर्थ है: परम आनंदकर्ता। सबको आनंद देने वाला। यहाँ आप मदमस्त होकर खड़े श्रीकृष्ण को हाथ में बाँसुरी लिए हुए देखेंगे। कृष्ण जब बेहद खुश होते थे तब वह आनंदित होकर बाँसुरी बजाते थे। इसी को यहाँ प्रतिमा का आकार दिया गया है। जिसे देखकर आपके चहरे पर भी मुस्कुराहट आ जाएगी। मंदिर के मुख्य प्रवेश पर गहरे पीले व भूरे रंग की पारंपरिक डिज़ाइन बनाया गया है। यह मंदिर का मुख्य आकर्षण है।
श्री जुगल किशोर मंदिर (Shri Jugal Kishore Temple)
श्री जुगल किशोर जी मंदिर मथुरा में केशी घाट के पास स्थित है और इसलिए इसे केशी घाट मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर शहर के चार सबसे पुराने मंदिरों में भी आता है। मंदिर का निर्माण 1727 ईस्वी में किया गया था, जो लाल बलुआ पत्थर में निर्मित है। मंदिर एक भव्य स्थापत्य शैली का दावा करता है।