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Sabse Jyada Abadi Wala Dweep: दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला द्वीप, जानें कैसी है यहाँ की जीवनशैली?

World's Most Densely Populated Island: सांता क्रूज़ डेल इसलोटे एक अनोखा द्वीप है जो अपनी अत्यधिक जनसंख्या घनत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ के निवासी कठिन परिस्थितियों में भी जीवन जीने के नए तरीके खोज लेते हैं।

Shivani Jawanjal
Written By Shivani Jawanjal
Published on: 4 March 2025 12:09 PM IST
Sabse Jyada Abadi Wala Dweep: दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला द्वीप, जानें कैसी है यहाँ की जीवनशैली?
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Sabse Jyada Abadi Wala Dweep (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Most Crowded Island on Earth: दुनिया में कई द्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता, अद्वितीय वन्य जीवन और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला द्वीप कौन सा है? यह कोई बड़े क्षेत्रफल वाला द्वीप नहीं, बल्कि कोलंबिया के तट पर स्थित सांताक्रूज़ डेल इसलोटे (Santa Cruz del Islote) नामक एक छोटा-सा द्वीप है, जिसे दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला स्थान माना जाता है।आइए इस असाधारण द्वीप के बारे में विस्तार से जानें।

सांताक्रूज़ डेल इसलोटे भौगोलिक विवरण (Santa Cruz del Islote Geographical Location)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सांताक्रूज़ डेल इसलोटे (Santa Cruz del Islote) कोलंबिया के कैरेबियन सागर (Colombia's Caribbean Sea) में स्थित एक छोटा सा द्वीप है। यह कोलंबिया के तट से लगभग 20 किलोमीटर दूर और सान बर्नार्डो द्वीपसमूह (San Bernardo Archipelago) का हिस्सा है। यह द्वीप कार्टाजेना (Cartagena) शहर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और चारो ओर से पानी से घेरा हुआ है जो अपनी अत्यधिक जनसंख्या घनत्व के लिए प्रसिद्ध है।

सबसे घनी आबादी वाला द्वीप (Which Is Most Crowded Island)

सांताक्रूज़ डेल इसलोटे कोलंबिया के तट से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा-सा कृत्रिम द्वीप है। यह द्वीप केवल 0.012 वर्ग किलोमीटर (1.2 हेक्टेयर) क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां 500 से 1,200 लोग निवास करते हैं। इसकी जनसंख्या घनत्व लगभग 68,000 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों से भी कहीं ज्यादा है। तुलना करें तो यह हांगकांग से 10 गुना और मैनहटन से चार गुना अधिक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। इस छोटे से द्वीप पर घर एक-दूसरे से सटे हुए हैं, और यहां हर जगह लोग ही लोग नजर आते हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले स्थानों में से एक बन गया है।

इतिहास और उत्पत्ति (Santa Cruz del Islote History & Origin)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सांताक्रूज़ डेल इसलोटे की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियाँ प्रचलित हैं, लेकिन माना जाता है कि लगभग 150-200 साल पहले यह द्वीप खाली था। एक किंवदंती के अनुसार, कुछ मछुआरों ने इस द्वीप की खोज की और यहाँ रात बिताने का निर्णय लिया। जब उन्होंने देखा कि यहाँ मच्छर नहीं थे, तो उन्होंने इसे अपने स्थायी निवास के रूप में चुन लिया।

धीरे-धीरे, पास के द्वीपों से मछुआरों के परिवार यहाँ बसने लगे और आबादी बढ़ती गई। समय के साथ मूंगे की चट्टानों, समुद्री कवच और कचरे को दबाकर द्वीप को कृत्रिम रूप से बड़ा किया गया। इस तरह, यह छोटा-सा द्वीप एक घनी आबादी वाले इलाके में बदल गया।

कैसी है इस द्वीप पर जीवनशैली?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अवैध बस्तियों में बढ़ती जनसंख्या

प्रत्येक घर में दर्जनों लोग छोटे-छोटे कमरों में रहते हैं, जहाँ एक औसत कमरे में लगभग दस लोग एक साथ गुजर-बसर करते हैं। लोग अवैध रूप से घर बनाते हैं, और उनके पास भूमि स्वामित्व का कोई अधिकार नहीं होता। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती है और जगह की कमी महसूस होती है, लोग मौजूदा इमारतों के ऊपर नए घर बना लेते हैं, जिससे बस्तियों का विस्तार अनियंत्रित रूप से होता जाता है।

ऊर्जा और जल आपूर्ति की चुनौतियाँ

सांताक्रूज़ डेल इसलोटे में बिजली उत्पादन सौर पैनलों के माध्यम से होता है, जिससे सीमित समय के लिए ऊर्जा उपलब्ध हो पाती है। अच्छे मौसम में यहां दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली मिलती है, लेकिन बाकी समय बिजली नहीं रहती। द्वीप पर पीने के पानी की भारी समस्या है, इसलिए वर्षा के पानी को संग्रहित कर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, सूखे के समय यहां पानी की आपूर्ति नौसेना द्वारा की जाती है, जिससे निवासियों की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।

द्वीप पर केवल एक ही स्कूल, क्लिनिक और चर्च

द्वीप पर एक छोटा क्लिनिक है, जहां एक नर्स पिछले 40 वर्षों से अपनी सेवाएँ दे रही है। हालांकि, यहाँ आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे कई बार स्थितियाँ खतरनाक हो सकती हैं। शिक्षा की सुविधा सीमित है, क्योंकि द्वीप पर केवल एक प्राथमिक स्कूल है, जहां 250 छात्र और 12 शिक्षक हैं। बच्चों के पास आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें दूसरे द्वीपों पर जाना पड़ता है, जो काफी मुश्किल है। विशेष बात यह है कि यहाँ के अलावा पड़ोसी द्वीपों के बच्चे भी यहाँ पढ़ने आते हैं। इसके अलावा, द्वीप पर एक छोटा सा चर्च भी स्थित है, जो स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

द्वीप की अर्थव्यवस्था और रोजगार के साधन

द्वीप पर पर्यटन मुख्य आय का स्रोत है, जहां प्रवेश के लिए 2.5 डॉलर शुल्क लिया जाता है। हालांकि, पारंपरिक रूप से मछली पकड़ना भी आजीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, लेकिन अब मछलियों की कमी के कारण यह व्यवसाय प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, स्थानीय लोग बारटेंडर, गोताखोर और पर्यटन से जुड़े अन्य कार्य करके अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।

सामाजिक संरचना

द्वीप पर परिवारों का आकार आमतौर पर बड़ा होता है, जहां प्रत्येक परिवार में औसतन 2 से 5 बच्चे होते हैं। यहाँ लड़कियाँ अक्सर 16 साल की उम्र में पहला बच्चा जन्म देती हैं, और अधिकांश जोड़े बिना शादी के साथ रहते हैं। सीमित स्थान के कारण लोगों का कोई व्यक्तिगत क्षेत्र नहीं होता। इसके अलावा, द्वीप पर कब्रिस्तान नहीं होने के कारण मृत्यु के बाद शवों को नाव से दूसरी जगह ले जाया जाता है और वहीं दफनाया जाता है।

कचरा प्रबंधन और समुद्री प्रदूषण

द्वीप पर कचरा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, आधा कचरा नाव के जरिए दूसरी जगह भेजा जाता है, लेकिन अधिकांश सीधे समुद्र में फेंक दिया जाता है, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। समुद्र में प्लास्टिक, कांच और धातु के टुकड़े आसानी से देखे जा सकते हैं, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि शौचालय भी समुद्र तल पर बने हुए हैं, जिससे पानी और अधिक दूषित हो जाता है।

सांस्कृतिक जीवन और परंपराएँ

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

द्वीप पर कोई पुलिस स्टेशन नहीं है, क्योंकि यहाँ अपराध की घटनाएँ लगभग न के बराबर होती हैं। समुदाय के लोग आपसी सहयोग और मेल-जोल के साथ जीवन व्यतीत करते हैं। त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान पूरा समुदाय एकजुट होकर उत्सव मनाता है, जिससे सामाजिक संबंध और मजबूत होते हैं। खेल, विशेष रूप से फुटबॉल, यहाँ के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सीमित स्थान के बावजूद, बच्चे और युवा किसी न किसी तरह फुटबॉल खेलने का तरीका निकाल ही लेते हैं, जिससे यह द्वीप की जीवनशैली का अहम हिस्सा बन गया है।

द्वीप पर जीवनी की कठिनाइयाँ

इस द्वीप पर जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन उपलब्ध स्थान सीमित होने के कारण संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पानी और बिजली की कमी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित होने के कारण उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है। वहीं, समुद्र के बढ़ते जल स्तर के कारण द्वीपों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही, पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव मछली पकड़ने के व्यवसाय पर भी पड़ रहा है, जिससे वहां के लोगों की आजीविका संकट में है।

भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जलवायु परिवर्तन और समुद्र का बढ़ता स्तर:- सांताक्रूज़ डेल इसलोटे के लिए सबसे बड़ी चुनौती समुद्र का बढ़ता जलस्तर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले दशकों में यह द्वीप पूरी तरह जलमग्न हो सकता है।

संसाधनों की कमी:- बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधन इस द्वीप के भविष्य को और भी कठिन बना सकते हैं। सरकार और कई गैर-लाभकारी संगठन यहाँ बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास कर रहे हैं।

पर्यटन और विकास:- हाल के वर्षों में, पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने इस द्वीप को एक नई पहचान दी है। यदि सही प्रबंधन किया जाए, तो पर्यटन इस द्वीप के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन बन सकता है।

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