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Most Expensive Schools in India: ये है भारत का सबसे महंगा स्कूल, लाखों में है फीस
Most Expensive Schools in India: दून स्कूल पूरी तरह से आवासीय संस्थान है, और सभी छात्र परिसर में रहते हैं। स्कूल को हाउस में विभाजित किया गया है, और छात्रों को दून में उनके समय के दौरान एक विशेष हाउस में नियुक्त किया जाता है।
Most Expensive Schools in India: यूपी के पडोसी राज्य उत्तराखंड के देहरादून में स्थित दून स्कूल, भारत का सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और विशिष्ट बोर्डिंग स्कूलों में से एक है। यह एक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। दून स्कूल की स्थापना 1935 में एक भारतीय बैरिस्टर सतीश रंजन दास द्वारा की गई थी, और बाद में प्रसिद्ध शिक्षाविद् आर्थर ई. फ़ुट द्वारा इसे विकसित किया गया। स्कूल का एक समृद्ध इतिहास है और यह अपने कठोर शैक्षणिक कार्यक्रमों, पाठ्येतर गतिविधियों पर ज़ोर देने और समग्र शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।
क्या खासियत है दून स्कूल की
दून स्कूल पूरी तरह से आवासीय संस्थान है, और सभी छात्र परिसर में रहते हैं। स्कूल को हाउस में विभाजित किया गया है, और छात्रों को दून में उनके समय के दौरान एक विशेष हाउस में नियुक्त किया जाता है। दून स्कूल अपने उच्च शैक्षणिक मानकों के लिए पहचाना जाता है और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईएससी) सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।
शिक्षा के अलावा, दून स्कूल खेल, संगीत, नाटक और सामुदायिक सेवा सहित पाठ्येतर गतिविधियों पर महत्वपूर्ण जोर देता है। छात्रों को कक्षा के बाहर अपनी प्रतिभा और रुचियों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, जिनमें आधुनिक कक्षाएं, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, खेल के मैदान और छात्र विकास में सहायता के लिए कई अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं।
कितनी होती है फीस
आपको बता दें कि दून स्कूल में विदेशों से भी छात्र पढ़ने आते हैं। इस स्कूल में 12 साल की उम्र से लेकर 18 साल की उम्र के बच्चे एडमिशन ले सकते हैं। हर साल लड़को को केवल दो बार एडमिशन दिया जाता है। सातवीं क्लास में जनवरी में और आठवीं क्लास में अप्रैल में। यहाँ भारतीय छात्रों और विदेशी छात्रों के लिए फीस अलग-अलग है। भारतोय छात्रों के लिए सालाना फीस लगभग 12 लाख होती है। इसमें से पांच लाख एडमिशन फीस होती है जो नॉन रिफंडेबल होती है वहीँ छह लाख की सिक्योरिटी फीस ली जताई है जो रिफंडेबल होती है। विदेशी छात्रों को यहाँ पढ़ने के लिए लगभग 15 लाख खर्च करने पड़ते हैं जिसमे से लगभग 7.50 लाख एडमिशन के समय लिए जाते हैं और ये नॉन रिफंडेबल होते हैं वहीँ बाकि के 7.50 लाख रिफंडेबल होते हैं।
दून स्कूल के फेमस एलुम्नाई
भारत में दून स्कूल से पढ़ कर निकलने वालों की लिस्ट कोई छोटी नहीं है। पूर्व पीएम राजीव गाँधी, उनके भाई संजय सिंह, उनके बेटे और कांग्रेस से वर्तमान में एक सांसद राहुल गाँधी, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, डिप्लोमेट परमेश्वरन अय्यर, इंडिया टुडे के प्रधान संपादक पत्रकार अरुण पुरी, विक्रम चंद्रा, करण थापर, प्रणय रॉय, राजीव मखनी, लेखक अमिताव घोष और विक्रम सेठ और शूटर अभिनव बिंद्रा यही से पढ़ कर निकले हैं।