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Mount Everest History: जाने क्यों माउंट एवरेस्ट को कहा जाता है, दुनिया का सबसे ऊंचा कब्रिस्तान
Mount Everest History: भारत के कई प्रशंसक, पर्वतारोहण के शौकीन और वीर लोग इस पर्वत पर फतह करने के लिए उत्साहित होते हैं और कई भारतीय पर्वतारोहणों ने इस पर्वत की चोटी पर अपने जादू का प्रदर्शन भी किया है।
Mount Everest : माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और ऊँची चोटी है. इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। इसे फतह करना वास्तव में बड़ी चुनौती होती है और वहाँ पहुंचने के लिए वीरता, संघर्ष और तत्परता की जरूरत होती है। भारत के कई प्रशंसक, पर्वतारोहण के शौकीन और वीर लोग इस पर्वत पर फतह करने के लिए उत्साहित होते हैं और कई भारतीय पर्वतारोहणों ने इस पर्वत की चोटी पर अपने जादू का प्रदर्शन भी किया है।
दुनिया का सबसे ऊंचा कब्रिस्तान
इस दुनिया का सबसे ऊंचा कब्रिस्तान भी कहा जाता है। हालांकि यह सुनने में जरा अजीब लगता है, लेकिन यह बिल्कुल सही है। यहां हर साल लगभग 800 पर्वतारोही चढ़ाई करते हैं, लेकिन उनमें से कई सारे ऐसे लोग होते हैं जो जिंदा वापस नहीं लौट पाते। 1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेंजिन शेरपा ने इतिहास रचा जब उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया। इस उपलब्धि ने उनके नाम को दुनिया भर में मशहूरी दिलाई और पर्वतारोहण के क्षेत्र में नये रास्ते खोले। नेपाल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण परमिट प्राप्त करने के लिए विदेशी पर्वतारोहियों को विभिन्न शुल्क और शुल्क वितरण की योजना बनाई है। भारतीय नागरिकों को भी इस प्रमिट के लिए आवेदन करने की अनुमति होती है, लेकिन चढ़ाई का खर्च उच्च होता है, जिसमें गाइड, अनुमतियाँ, उपकरण, खाद्य-पेय, और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल होती है।
माउंट एवरेस्ट के नियम
एवरेस्ट के लिए परमिट और अनुमतियाँ आवश्यक होती हैं, जो आमतौर पर खास नियमों और शर्तों के साथ आती हैं। ये नियम और शर्तें आमतौर पर यात्री की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के हित की देखभाल के लिए होती हैं।
हो सकती है ये दिक्कतें
सिरदर्द और उल्टियां: ऊँचाई के साथ ऑक्सीजन की कमी होती है जो सिरदर्द और उल्टियां का कारण बनती है। इसे अल्टीट्यूड सिकनेस कहा जाता है।
सेरेब्रल एडीमा: बारूमेट्रिक प्रेशर कम होने से अधिक ऊँचाई पर दिल के आसपास की रक्तवाहिनियों में दबाव कम हो जाता है, जिससे रक्त शिराओं में सूजन हो सकती है। यह सेरेब्रल एडीमा का कारण बन सकता है।
ऑक्सीजन की कमी: ऊँचाई के साथ वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। यह श्वसन और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित कर सकता है।