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Mundeshwari Temple Bihar: यह भगवान शिव का सबसे पुराना मंदिर, यहां मौजूद है पंचमुखी शिवलिंग

Mundeshwari Temple Bihar: सावन के महीने में शिव मंदिर में विशेष तौर पर भीड़ देखने को मिलती है। चलिए आज आपको भगवान शंकर के सबसे पुराने मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 5 Aug 2024 1:43 PM IST
Mundeshwari Temple Bihar
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Mundeshwari Temple Bihar (Photos - Social Media)

Mundeshwari Temple Bihar : सावन के महीने का हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। इस महीने में भक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं और भगवान शंकर के दर्शन के लिए अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं। इस समय हरिद्वार में भारी भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप शिव मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो भारत के सबसे प्राचीन शिव मंदिर में जा सकते हैं। यह भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर है। यह बिहार के कैमूर जिले के कौरा क्षेत्र में मौजूद है। इसे मुंडेश्वरी मंदिर के रूप में पहचाना जाता है। चलिए आज आपको इस मंदिर के बारे में जानकारी देते हैं।

कब हुआ मुंडेश्वरी मंदिर का निर्माण (When Was Mundeshwari Temple Built?)

मुंडेश्वरी मंदिर का निर्माण तीन या चार शताब्दियों के दौरान हुआ था। इस मंदिर में भगवान विष्णु स्थापित हैं। सातवीं शताब्दी में यहां पर भगवान शिव की एक मूर्ति स्थापित की गई थी। यह वाराणसी से 60 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है और सबसे पुराने और सबसे अधिक पूजे जाने वाले मंदिरों में से एक है। यह मुंडेश्वरी नामक पर्वत पर मौजूद है।

Mundeshwari Temple Bihar


भगवान शिव के हैं 4 मंदिर (There Are 4 Temples of Lord Shiva)

इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के चार मुख हैं। यहां सूर्य गणेश और विष्णु की मूर्तियां भी है। चैतरामाहा के दौरान बड़ी संख्या में भक्ति यहां पर आते हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से 9 मूर्तियां कोलकाता संग्रहालय में स्थानांतरित कर दी गई है। यह मंदिर तांत्रिक पूजा का प्रतीक है।

Mundeshwari Temple Bihar


मुंडेश्वरी मंदिर की विशेषता (Specialty of Mundeshwari Temple)

इस मंदिर की विशेषताओं की बात करें तो यहां पर सात्विक बलि दी जाती है। यहां बाली के बकरे को देवी की मूर्ति के सामने लाया जाता है और फिर पुजारी मां की मूर्ति को छूकर चावल के दाने बकरा पर फेंक देता है जिससे बकरा बेहोश हो जाता है। थोड़ी देर बाद उसे पर फिर से अक्षत फेंका जाता है और बकरा उठकर खड़ा हो जाता है। इस तरह से बलि की प्रक्रिया पूरी की जाती है।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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