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Mysterious Temples in India: भगवान शिव का यह मंदिर दिन में दो बार दर्शन दे फिर हो जाता है गायब

Mysterious Temples in India: भगवान शिव के रूप और चमत्कार का व्याख्या करना मुश्किल है। भारत में कई ऐसे मंदिर है जो अपने रहस्यमी कारणों से फेमस है।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 8 Nov 2022 8:37 AM IST
Famous Shiva Temple in India
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Mysterious Temples in India (Image: Social Media)

Mysterious Temples in India: भगवान शिव के रूप और चमत्कार का व्याख्या करना मुश्किल है। भारत में कई ऐसे मंदिर है जो अपने रहस्यमी कारणों से फेमस है। इनमें से एक मंदिर ऐसा भी है जो दिन में दो बार दर्शन दे फिर गायब हो जाता है। कहते हैं भगवान भोलेनाथ का दर्शन पाना आसान नहीं होता। लेकिन यहां हर रोज भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का दर्शन पाने के लिए आते हैं।

दरअसल इस मंदिर को गायब मंदिर के नाम से जानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मंदिर दिन में दो बार गायब हो जाता है। जिसे बता दें यह मंदिर गुजरात में स्थित है। भगवान शिव के इस मंदिर का नाम स्तंभेश्वर मंदिर (Stambheshwar Temple or Gayab Mandir Rahasya) हैं। इस मंदिर को गायब मंदिर भी कहा जाता है।

Stambheshwar Shiva Temple

बता दें स्तंभेश्वर मंदिर गुजरात के जम्बूसार तहसील में कवि कंबोई गांव में स्थित है। यह मंदिर वडोदरा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित होने के कारण वडोदरा के पास सबसे लोकप्रिय दार्शनिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है। सालभर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। खासतौर पर सावन के महीने में इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान महादेव के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।

दरअसल स्कन्द पुराण के अनुसार स्तम्भेश्वर मंदिर को भगवान कार्तिकेय के ताड़कासुर नाम के राक्षस को नष्ट करने के बाद स्थापित किया था। ऐसा कहा जाता है कि राक्षस ताड़कासुर भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। उसने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की और भोलेनाथ ने उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे एक वरदान मांगने को कहा। तब ताड़कासुर ने यह आशीर्वाद माँगा कि भगवान शिव के छह दिन के पुत्र के अलावा कोई भी उसे मार ना सके। भगवान भोलेनाथ ने उसे यह आशीर्वाद दे दिया। फिर उसकी इच्छा पूरी होने के बाद, ताड़कासुर ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया। तब ताड़कासुर के अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से भगवान कार्तिकेय की रचना की। भगवान कार्तिकेय ने ताड़कासुर को मार गिराया।

बता दें ताड़कासुर को मारने के बाद भगवान कार्तिकेय खुद को दोषी महसूस कर रहे थे क्योंकि ताड़कासुर राक्षस होने के बाद भी भगवान शिव का भक्त था।

Lord Shiva

तब भगवान विष्णु ने कार्तिकेय को यह समझते हुए कहा कि आम लोगों को परेशान करके रहने वाले राक्षस को मारना गलत नहीं है। हालाँकि, भगवान कार्तिकेय भगवान शिव के एक महान भक्त को मारने के अपने पाप से मुक्त होना चाहते थे। इसलिए, तब भगवान विष्णु ने उन्हें शिव लिंग स्थापित करने और क्षमा के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी। इसलिए उस स्थान पर एक शिवलिंग स्थापित किया गया जहां ताड़कासुर का वध किया गया था।

मंदिर के गायब होने के पीछे का यह है मुख्य कारण

दरअसल स्तंभेश्वर मंदिर के गायब होने के पीछे का कारण प्राकृतिक है। बता दें यह मंदिर समुद्र के किनारे से बस कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है। इसलिए दिन में समुद्र का स्तर इतना बढ़ जाता है कि यह मंदिर जलमग्न हो जाता है। फिर कुछ देर में जल का स्तर जब घट जाता है तब मंदिर फिर से दिखाई देने लगता है और प्रकट हो जाता है। हालांकि समुद्र का स्तर दिन में दो बार बढ़ जाता है इसलिए मंदिर हमेशा सुबह और शाम के समय कुछ देर के लिए गायब हो जाता है। ऐसे में इस नज़ारे को देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से इस मंदिर में आते हैं और यहां भगवान भोलेनाथ का दर्शन पाते हैं।




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Anupma Raj

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