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Kainchi Dham Temple History: अपरंपार है श्री नीम करोली बाबा के कैंची धाम की महिमा, जहां पूरी होती है हर मुराद

Kainchi Dham Neem Karoli Baba Ashram: कैंची धाम कुंमाऊं की पहाड़ियों पर स्थित है। यह तीर्थ स्थान संत श्री नीम करोली बाबा महाराज जी को समर्पित किया गया है। जहां आश्रम में हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।

Kajal Sharma
Published on: 10 March 2023 3:14 PM IST
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Kainchi dham (Photo Social media)

Kainchi Dham Neem Karoli Baba Ashram: हमारे देश में कई तीर्थ और धार्मिक स्थान हैं, जिनकी महिमा अपरंपार है, और हर साल सैंकड़ों लोग अपने ईष्ट देवता का दर्शन करने के लिए उनकी पूजा स्थान पर जाते हैं। ऐसा ही एक पूजा स्थान है कैंची धाम, जो कुंमाऊं की पहाड़ियों पर स्थित है। यह तीर्थ स्थान संत श्री नीम करोली बाबा महाराज जी को समर्पित किया गया है। जहां आश्रम में हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। खासकर जून में आयोजित किए जाने वाले वार्षिक भंडारे के समय यहां एक लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जाता है। नीम करोली बाबा का यह आश्रम विभिन्न मंदिरों से घिरा हुआ है, जिसमें एक हनुमान मंदिर और कैंची मंदिर को भी शामिल किया गया है। जिसमें कई विदेशी लोग भी महाराज के साथ समय बिताने के लिए आते हैं।

बाबा का यह स्थान एक पवित्र गुफा है, जहां बाबा नीम करोली की प्रार्थना की जाती है, यह भी एक लोकप्रिय आकर्षण है। बताया गया है कि उत्तराखंड में स्थित इस आश्रम की स्थापना साल 1962 में की गई थी और तब से ही इसका रखरखाव किया जा रहा है। यह उन आगंतुकों को रहने की सुविधाएं भी प्रदान करता है जो एक शानदार अनुभव चाहते हैं।


उत्तराखंड में कैसे बना कैंची धाम

देव-भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के नैनीताल में अल्मोड़ा और रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग पर से कुछ ही किमी की दूरी पर यह दिव्य आश्रम स्थित है। यहां की सड़कें कैंची की तरह दो मोड़ों से होकर बढ़ती है, यहीं कारण है कि इस जगह का नाम कैंची मोड़ और मंदिर का नाम कैंची धाम पड़ गया। जिसे नीम करोली बाबा का कैंची धाम के नाम से भी जाना जाता है।


इस वजह से चर्चा में है कैंची धाम

बाबा नीम करोली के भक्तों की संख्या कुछ कम नही हैं, देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस आश्रम में आते हैं। यहां तक की बाबा के भक्तों में एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्क और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स का नाम भी शामिल है। कहा जाता है कि इस धाम की यात्रा करके उनका जीवन बदल गया। रिचर्ड एलपर्ट ने नीम करोली बाबा के चमत्कारों पर 'मिरेकल ऑफ़ लव' नामक किताब भी लिखी गई है। इसी में 'बुलेटप्रूफ कंबल' नाम से एक घटना का जिक्र भी किया गया है। बाबा हमेशा कंबल ही ओड़ा करते थे। आज भी लोग जब उनके मंदिर जाते हैं तो उन्हें कंबल भेंट करते हैं।


हर साल लगता है मैला

देवभूमि कैंची धाम में हर साल मेले का आयोजन किया जाता है, जहां पर देश-विदेश से बाबा नीम करौली के भक्त पहुंचते हैं। इस धाम में बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। देश-विदेश से हजारों भक्त यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं।


कौन थे नीम करोली बाबा

यह धाम बाबा नीम करोली के नाम पर शुरू किया गया था, करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। जिनका जन्म उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में साल 1900 के आसपास किया गया था। मात्र 17 साल की उम्र में ही उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति कर ली थी। उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। 11 वर्ष की उम्र में ही बाबा का विवाह हो गया था। 1958 में बाबा ने अपने घर को त्याग दिया और पूरे उत्तर भारत में साधुओं की तरह जीवन व्यतीत किया।



Kajal Sharma

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