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Jim Corbett National Park: प्रकृति प्रेमियों हो जाइए तैयार , जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कुछ जोन खुल रहे है 15अक्टूबर से

Jim Corbett National Park: कॉर्बेट नेशनल पार्क का समय गर्मी और सर्दियों के महीनों के लिए अलग अलग होता है। जंगल सफारी के प्रवेश द्वार आमतौर पर प्रातः 6.00 बजे और दोपहर में 2.30 बजे खुलते है। कार्बेट सफारी की टिकट दर 5600रुपए है जिसमे प्रवेश शुल्क और सफारी के लिए जीप सुविधा भी शामिल है।

Nirala Tripathi
Written By Nirala Tripathi
Published on: 9 Oct 2023 11:02 PM IST
Nature lovers, get ready, some zones of Jim Corbett National Park are opening from October 15
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 जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: Photo- Social Media

Jim Corbett National Park: कॉर्बेट राष्ट्रीय अभ्यारण के लगभग 73 प्रतिशत भाग में वन हैं , जबकि 10 प्रतिशत क्षेत्र में घास के मैदान हैं । इसमें लगभग 110 पेड़ों की प्रजातियाँ, 50 से अधिक स्तनधारियों की प्रजातियाँ , 600 पक्षियों की प्रजातियाँ और 25 सरीसृप प्रजातियाँ शामिल हैं। कॉर्बेट के बिजरानी , झीरना , ढेला , और गर्जिया सफारी जोन के गेट सैलानियों के लिए 15अक्टूबर से खुलेंगे तो वहीं ढिकाला रेंज खुलेगी 15 नवंबर से ।

कॉर्बेट नेशनल पार्क का समय गर्मी और सर्दियों के महीनों के लिए अलग अलग होता है। जंगल सफारी के प्रवेश द्वार आमतौर पर प्रातः 6.00 बजे और दोपहर में 2.30 बजे खुलते है। कार्बेट सफारी की टिकट दर 5600रुपए है जिसमे प्रवेश शुल्क और सफारी के लिए जीप सुविधा भी शामिल है।

Photo- Social Media

कैसे पड़ा नाम जिम कॉर्बेट

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के नैनीताल व पौडी गडवाल जिले में आता है। यह अभ्यारण राम नगर और कालागढ़ वन प्रभागों के कुछ हिस्से में स्थित है और प्रोजेक्ट टाइगर का विस्तृत हिस्सा है ।रामगंगा जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है। यह नैनीताल के पास नामिक ग्लेशियर से निकलती है। यूपी में रामगंगा का गंगा में विलय होता है। संकटग्रस्त बंगाल टाइगर की रक्षा व संरक्षण के लिए 1936 में ब्रिटिश राज के दौरान संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम मैल्कम हैली के नाम पर हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया , 1957 में इसका नामकरण प्रसिद्ध अंग्रेज शिकारी व बाद में पर्यावरणविद बने जिम कॉर्बेट के नाम पर कर दिया गया । जिन्होंने इसकी स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई थी।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व 1288 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमे 822 वर्ग किमी कोर क्षेत्र और 466 वर्ग किमी बफर क्षेत्र है। यह एशिया का पहला और भारत वर्ष का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान भी है। कॉर्बेट , रॉयल बंगाल टाइगर की सर्वाधिक संख्या के साथ , सबसे अधिक देखे जाने वाले 110 राष्ट्रीय अभ्यारणों की सूची में सर्वश्रेष्ठ है।

यह नेशनल पार्क रॉयल बंगाल टाइगर , तेंदुआ, एशियाई हाथी , चित्तीदार हिरण , भौंकने वाला हिरण , सांभर , लंगूर , रीसस बंदर , हिमालयन स्लॉथ भालू जैसे तमाम वन्य जीवों की संख्या के साथ उनको अनुकूल पर्यावरणीय माहौल व संरक्षण प्रदान करता है तो वहीं अभ्यारण पक्षियों की लगभग 600 से अधिक प्रजातियों का घर भी है ।

तो वहीं भारतीय दलदली मगरमच्छ व संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल भारतीय घड़ियाल सबसे अधिक पाए जाने वाले सरीसृप है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क अपनी बेहद समृद्ध जैव विविधता व वनस्पति अनुकूलता से भरपूर है। जिम कॉर्बेट अभ्यारण में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा और सैलानियों को बेहतर पर्यावरणीय माहौल प्रदान करने के लिए , पार्क को 7 अलग अलग बफर और कोर क्षेत्रो में वर्गीकृत किया गया है। जिनमे प्रमुख है।

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बिजरानी सफारी जोन

जब मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों की बात हो या फिर जंगल पर राज करने वाले रॉयल बंगाल टाइगर की , बिजरानी डे सफारी पर आने वाले पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखा जाता है। यह बेहद शांत क्षेत्र है यह राम नगर का निकटवर्ती इलाका है। अमडंडा इसका प्रवेश द्वार है ।

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झिरना सफारी जोन

यह क्षेत्र कॉर्बेट के दक्षिणी किनारे पर आता है। एशियाई हाथी और हिमालयन स्लॉथ भालू के निकट दर्शन के लिए यह सैलानियों में बहुत प्रसिद्ध है।

ढेला सफारी जोन

ये क्षेत्र अपने बड़े घास के मैदानों, विभिन्न औषधिय वनस्पतियों से भरा पूरा है। राम नगर से इसकी दूरी लगभग 13 किमी है।


गर्जिया सफारी जोन

नेशनल पार्क का यह कोर जोन प्रकृति का जादुई अनुभव प्रदान करता है, साल के सैकड़ोंवर्ष पुराने जंगल अप्रतिम सौंदर्य उत्पन्न करते है।

ढिकाला सफारी जोन

ये क्षेत्र कॉर्बेट आने वाले प्रकृति प्रेमी सैलानियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। ढिकाला वन विश्राम गृह ठहरने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है जो की लगभग 100 वर्ष पुराना है। ये कॉर्बेट का सबसे बड़ा जोन है जो की घास के बड़े मैदानों से बना है। इस क्षेत्र का प्रवेश घनगरी से होता है।

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दुर्गा देवी सफारी जोन

अपने पहाड़ी परिदृश्य और कॉर्बेट के उत्तरी पूर्वी किनारे पर स्थित यह जोन पक्षियों को नज़दीक से देखने और उनको अपने कैमरे में कैद करने को लेकर सैलानियों के लिए स्वर्ग जैसा है। रामगंगा और मंडल नदी की धाराएं इस जोन को विशेष रूप से समृद्ध करती है। प्रसिद्ध महशीर मछली इन नदियों में बहुतायत पाई जाती है।

फाटो सफारी जोन

कॉर्बेट नेशनल पार्क का यह सबसे नया कोर क्षेत्र है, जिसका उदघाटन पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। यह क्षेत्र भी अपने आलौकिक प्राकृतिक दृश्यों के लिए यात्रियों को लुभा रहा है।

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कैसे पहुंचे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

नेशनल पार्क का निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर है तो वहीं सबसे नज़दीक घरेलू हवाई अड्डा फूलबाग (पंतनगर)है । राम नगर सड़क मार्ग द्वारा लखनऊ , नैनीताल , हरिद्वार , देहरादून , और दिल्ली से जुड़ा हुआ है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क के आस पास के प्रमुख भ्रमण स्थलों में गर्जिया देवी मंदिर , हनुमान धाम , कॉर्बेट बंगला , कॉर्बेट फॉल्स व वान्या रेस्त्रां प्रमुख है।

कॉर्बेट में प्रवास व सफारी टूर के दिशा निर्देश

कॉर्बेट एक संरक्षित क्षेत्र है। यहां आने वाले पर्यटकों को कुछ विशिष्ट नियमों का पालन करना अनिवार्य है। सफारी के दौरान कोर या बफर जोन में पैदल घूमना , शिकार करना , आग जलाना , पेड़ पौधों वनस्पतियों को तोड़ना या नष्ट करना विशेष रूप से वर्जित और दंडनीय है।

वहीं पार्क प्रशासन, कॉर्बेट घूमने आए प्रकृति प्रेमियों से ये भी अपील करता है कि सफारी के दौरान, प्राकृतिक परिवेश से मेल खाते कपड़े पहने, मद्यपान , ध्रूमपान ना करें , वन्य जीवों को छेड़ना , पीछा करना , शोर मचाना , फ़ोटो लेते समय फ़्लैशगन का प्रयोग करना भी प्रतिबंधित है।

नेशनल पार्क पर्यटकों से प्रवास व सफारी के दौरान स्थानीय परंपराओं, रितिरिवाज का भी सम्मान करने का भी विशेष आग्रह करता है।कॉर्बेट एक लंबे समय के लिए पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अड्डा रहा है। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीवों को देखने का मौका मिले। हाल के वर्षों में यहां आने वाले लोगों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।



Shashi kant gautam

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