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Navratri 2023: गुजरात में कैसे मनाया जाता है नवरात्रि के नौ दिन, गरबा और संगीत के साथ यूँ मनाया जाता है ये उत्सव

Navratri 2023: नौ दिनों तक भारी धूमधाम और शो के साथ मनाया जाने वाला, नवरात्रि देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों को समर्पित है। गरबा के दौरान कई समुदाय एकजुट होकर नृत्य करते हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 14 Oct 2023 12:45 PM IST (Updated on: 14 Oct 2023 12:45 PM IST)
Navratri 2023
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Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

Navratri 2023: 15 अक्टूबर से नवरात्रि का उत्सव प्रारम्भ हो जायेगा। जहाँ इस उत्सव में आपको कई तरह के रंग देखने को मिलेंगे वहीँ अलग अलग शहरों में इसकी धूम भी अलग तरह की होती है। वहीँ नवरात्रि का उत्सव सबसे शानदार भारत के राज्य गुजरात में देखना काफी अलग अनुभव देता है। साथ ही गुजरात के त्योहारों का वर्णन नवरात्रि के उल्लेख के बिना अधूरा है। नौ दिनों तक भारी धूमधाम और शो के साथ मनाया जाने वाला, नवरात्रि देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों को समर्पित है। गरबा के दौरान कई समुदाय एकजुट होकर नृत्य करते हैं।

गुजरात का नवरात्रि उत्सव

नवरात्रि का अर्थ होता है 'नौ रातें', यह त्यौहार देवी के नौ रूपों में से एक की पूजा करने के लिए नौ दिनों तक मनाया जाता है। यहाँ पर सभी नौ रातों को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसमे पहले तीन दिन देवी दुर्गा के लिए हैं, जिन्होंने राक्षस महिषासुर और मानव अशुद्धियों को भी नष्ट कर दिया था। अगले तीन दिन आध्यात्मिकता की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित हैं और अंतिम तीन दिन ज्ञान और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित हैं।

इसके अलावा, नवरात्रि मिट्टी की उर्वरता और मानसून की फसल का जश्न मनाने का समय है, जिसका प्रतिनिधित्व ताजी मिट्टी के ढेर से होता है जिसमें अनाज बोया जाता है। त्योहार के सभी नौ दिनों तक मिट्टी की पूजा की जाती है और उसे पानी दिया जाता है। दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है। वाहनों को आशीर्वाद देने के लिए पूजा की जाती है; इसे खरीदने के लिए भी एक शुभ दिन माना जाता है। इसको लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं।

नवरात्रि से जुड़ी कहानी

राक्षस महिषासुर ने अग्नि देव से अमर होने का वरदान प्राप्त किया। वरदान के अनुसार, महिषासुर किसी भी हथियार से मारा या घायल नहीं होगा। परिणामस्वरूप, महिषासुर इतना शक्तिशाली हो गया कि उसने लोगों के मन में आतंक पैदा कर दिया और हर तरफ विनाश करना प्रारम्भ कर दिया। राक्षस महिषासुर के आतंक को समाप्त करने के लिए सभी देवता समाधान खोजने के लिए भगवान शिव के पास गए। भगवान शिव ने अन्य देवताओं के साथ मिलकर देवी आद्या शक्ति की रचना की। भगवान शिव सहित सभी देवी-देवताओं ने महिषासुर से लड़ने के लिए उन्हें आभूषण, हथियार और वाहन के रूप में शेर दिया। देवी आद्य शक्ति ने नौ दिन और रात तक महिषासुर से युद्ध किया। दसवें दिन उन्होंने महिषासुर का सिर काट दिया। नौ रातों को नवरात्रि के रूप में जाना जाता है, जबकि दसवें दिन को विजयादशमी कहा जाता है, दसवां दिन बुराई पर अच्छाई की जीत लाता है।

धार्मिक और पारंपरिक महत्व के अलावा, इन नौ दिनों के दौरान लोग खूब धूम धाम से मनाते हैं और गरबा और डांडिया करते हैं। इन नौ दिनों तक पूरे गुजरात में लाठियों और ढोल की लगातार आवाज सुनी जा सकती है। सभी दिनों में, एक शाम की आरती की जाती है, आरती के बाद, सभी लोग इकट्ठा होते हैं और गरबा और डांडिया नृत्य करते हैं। गरबा एक नृत्य शैली है जिसमें समूह में लोग एक साथ एक समकालिक गोलाकार गति में एक साथ चलती है। कच्छ में आशापुरा माता-नो-मध, भावनगर के पास खोडियार मंदिर, और अहमदाबाद-राजकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चोटिला में चामुंडा माता मंदिर गुजरात के कुछ प्रमुख मंदिर हैं जो सर्वश्रेष्ठ नवरात्रि उत्सव का आयोजन करते हैं। लोगों को रेशम के परिधानों के साथ नृत्य करते हुए देखना एक अद्भुत दृश्य है।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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