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New Haj Policy 2023: हज यात्रा करने पर अब 50,000 रुपए तक की बचत, महिलाओं को भी मिली इजाजत
New Haj Policy 2023: हज यात्रा 2023 को लेकर भारत सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं। जिनका यात्रियों से सीधा संबंध है। सबसे पहले तो हज यात्रियों के लिए इस बार विमान सेवाएं 25 शहरों से ऑपरेट होंगी।
New Haj Policy 2023: हज यात्रा 2023 को लेकर भारत सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं। जिनका यात्रियों से सीधा संबंध है। सबसे पहले तो हज यात्रियों के लिए इस बार विमान सेवाएं 25 शहरों से ऑपरेट होंगी। भारत सरकार द्वारा जारी नए आदेशों के अनुसार, 2023 में हज यात्रा के लिए आवेदन फ्री में होगा। जबकि पहले हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को 400 रुपए प्रति व्यक्ति आवेदन शुल्क जमा करना पड़ता था। वहीं इस बार हज के आवेदन जल्द ही मिलना शुरू हो जाएंगे।
भारत सरकार द्वारा जारी नए आदेशों के अनुसार, इस साल 2023 में हज जाने वाले यात्रियों की 50 हजार रुपये तक की बचत होगी। क्योंकि इससे पहले आवेदन के समय बैग, सूटकेस, छाता, चादर समेत बहुत सारे सामानों का पैसा लिया जाता था। पर इस बार से हज यात्रियों को इन चीजों का शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही हज यात्री अपने स्तर पर सामान भी खरीदकर ले जा सकते हैं। वहीं हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों में बुजुर्ग, दिव्यांग और महिलाओं को सबसे ज्यादा वरीयता दी जाएगी।
जरूरी बात ये है कि अब महिलाएं जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा हैं वो भी अकेले हज यात्रा जाने के लिए आवेदन कर सकती हैं। जबकि इससे पहले बिना महरम वाली चार औरतों का साथ जाना जरूरी होता था। लेकिन अब सरकार ने इस नियम को रद्द कर दिया है।
हज यात्रा पर नए नियम के अनुसार, 1 लाख 75 हजार में से 80 प्रतिशत हाजी, हज कमेटी से जाएंगे। वहीं 20 फीसद यात्री प्राइवेट टूर ऑपरेटर के माध्यम से जाएंगे।
इसके अलावा अल्पसंख्यकों के मामलों में मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई है कि "नई ऐतिहासिक हज नीति तीर्थयात्रियों को वित्तीय राहत लाएगी। वहीं आवेदन भी पहली बार फ्री में होगा। हज पैकेज की लागत में लगभग 50,000 रुपये की कमी की गई है।
ये जगहें हैं शामिल
हज यात्रा के प्रस्थान स्थलों के बारे में भी जानकारी मिली है। जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, श्रीनगर, रांची, गया, औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, नागपुर, कोच्चि, अहमदाबाद, लखनऊ, कन्नूर, विजयवाड़ा, अगरतला और कालीकट हैं। सूत्रों से सामने आई जानकारी में बताया गया है कि जरूरत पड़ने पर प्रस्थान स्थलों में बढ़ोतरी की जा सकती है।
मेहरम के बारे में जानकारी देते हुए बता दें, कि अगर 45 साल से ज्यादा उम्र की कोई भी महिला 'मेहरम' (पास के पुरुष रिश्तेदार) के बिना आवेदन करती है, तो उस महिला को हज पर जाने की इजाजत होगी।