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Nidhivan Mysteries: निधिवन के रहस्य से हर कोई बेखबर, 7 बजे के बाद पेड़ों का बदल जाता है रूप
Nidhivan Mysteries: ऐसा माना जाता है कि हर रात निधिवन में, कृष्ण और राधा रासलीला करते हैं। ये भी माना जाता है कि आसपास के सभी पेड़ जो निधिवन में लगे हैं वे गोपियों में बदल जाते हैं।
Nidhivan Mysteries: निधिवन एक पवित्र वन है, जो उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित है। राधा- कृष्ण के भक्तों के लिए निधिवन सबसे पवित्र स्थल है। इसे तुलसी के जंगल के रूप में भी जाना जाता है। निधिवन किंवदंतियों से घिरा हुआ स्थान है। यहां आप मुड़े हुए पेड़ों के झुंड को, सभी जोड़े में, पूरे जंगल में देख सकते हैं। ये तुलसी 'पेड़' जो जोड़े में हैं, माना जाता है कि वे गोपियां हैं, जो रात में रासलीला करने आती हैं। आइए हम आपको निधिवन से जुड़ी इन्ही कुछ रहस्यमयी बातों को बताते हैं जो इस जगह को वर्षों से रहस्यमयी बनाए हुए है।
ऐसा माना जाता है कि हर रात निधिवन में, कृष्ण और राधा रासलीला करते हैं। ये भी माना जाता है कि आसपास के सभी पेड़ जो निधिवन में लगे हैं वे गोपियों में बदल जाते हैं।
रहस्यमयी निधिवन
निधिवन के बारे में ये भी बताया जाता है कि इस वन में एक छोटा सा मंदिर है। इसमें हर रोज शाम सूर्यास्त के बाद, पकवान, जल भगवान कृष्ण के लिए तैयार किया जाता है। इस कमरे में चंदन का एक बिस्तर तैयार किया जाता है। इस बिस्तर के पास एक चांदी का पानी भर गिलास रखा जाता है। साथ ही में पान के पत्ते रखे जाते हैं।
बिस्तर से दूर हटकर दांत साफ करने के लिए दातून, साड़ियां, चूड़ियां, बिन्दी अन्य सुहाग का सामान रखा जाता है। शाम होते ही पुजारी इस मंदिर में राधा-कृष्ण की आरती करते हैं और फिर निधिवन से चले जाते हैं। शाम के बाद यहां पर किसी को आने की इजाजत नहीं होती है।
इसके बाद दूसरे दिन जैसे ही सुबह मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तो मंदिर के पुजारी को पानी का खाली गिलास मिलता है। समूचा रखा हुआ पान खाया हुआ मिलता है, बिस्तर बिखरा हुआ दिखाई देता है। यानी मंदिर के कमरे का माहौल ऐसा मिलता है जैसा कोई रात में यहां रहता हो।
लेकिन आज भी सूर्यास्त के बाद किसी को भी परिसर में रहने की अनुमति नहीं है और किसी को भी कृष्ण और राधा के मिलन को देखने की अनुमति नहीं है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी प्रदर्शन को देखता है या तो मर जाता है, पागल हो जाता है या आंखों की रोशनी खो देता है।
आपको इस निधिवन में बहुत सारे छोटे मंदिर है। बड़ी संख्या में भक्त यहां निधिवन में आते हैं और प्रतिदिन शाम 7 बजे तक सभी को निधिवन से निकलना पड़ता है। निधिवन के द्वार हर रात बाहर से बंद कर दिए जाते हैं और कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद परिसर में कोई भी जीवित प्राणी मौजूद नहीं होता है। बंदर और पक्षी भी नहीं।
किसी को रासलीला देखने की अनुमति नहीं है और नहीं इसमें कोई आपकी मदद भी कर सकता है, और अगर किसी को वास्तव में इस घटना को देखने का दुर्भाग्य हुआ है, तो वे या तो मर चुके हैं, अंधे, बहरे और गूंगे हैं, या सभी मानसिक क्षमताओं को खो चुके हैं।