TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Odisha Oldest Fort: ओडिशा का यह प्राचीन राज महल, आज भी है लोगों की नजरों से दूर

Odisha Oldest Talcher Fort History: ओडिशा में आपको स्थापत्य कला के चौकाने वाले ऐतिहासिक सुंदरता देखने को मिलेगी, जिसमे एक है तालचेर किला...

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 6 Jun 2024 6:42 PM IST (Updated on: 6 Jun 2024 7:17 PM IST)
Odisha Oldest Fort: ओडिशा का यह प्राचीन राज महल, आज भी है लोगों की नजरों से दूर
X

Odisha Oldest Talcher Fort History: भारत का पूर्वी तटवर्ती राज्य ओडिशा अपनी जीवंत परंपराओं और संस्कृति के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। तीर्थस्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर रहा है। आज ओडिशा पूर्वी भारत के प्रमुख महानगरीय केंद्रों में से एक बन गया है। ओडिशा टूर में संस्कृति, कला, शिल्प, परंपरा, त्यौहार के साथ-साथ दर्शनीय स्थलों की सैर भी शामिल है, जिससे आप ओडिशा के जीवन का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर हम आपको ओडिशा के ढेंकलाल जिले के एक छोटे से ऐतिहासिक शहर तालचेर की खूबसूरती का बखान मिलेगा। यहां पर तालचेर के राजा के खूबसूरत राज महल पर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया गया है।

ओडिशा का तालचेर पैलेस (Odisha Talcher Palace)

ओडिशा राज्य के ढेंकलाल जिले के तालचेर में स्थित, तालचेर पैलेस प्रसिद्ध न होते हुए भी खूबसूरती के मामले मैं छिपा हुआ रत्न है। इस किले का गेट नदी के लुभावने दृश्य के साथ एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव प्रदान करता है। राजसी पीले और सफेद रंग का गेट आसपास के वातावरण में भव्यता का स्पर्श जोड़ता है। प्रकृति और वास्तुकला की सुंदरता का एक आदर्श मिश्रण, इसे एक ज़रूरी जगह बनाता है। यदि आप ओडिशा जाने का प्लान कर रहे है तो इस जगह पर जाना बिल्कुल भी मिस न करें यह जगह अपने जाने योग्य है।



किले से जुड़ी कुछ खास जानकारी

किले का नाम: तालचेर फोर्ट (Talcher Fort)

तालचेर पैलेस गेट नदी के लुभावने दृश्य के साथ एक मंत्रमुग्ध अनुभव प्रदान करता है। राजसी पीले और सफेद गेट आसपास के वातावरण में भव्यता का स्पर्श जोड़ते हैं। प्रकृति और स्थापत्य सौंदर्य का एक आदर्श मिश्रण, जो इसे एक दर्शनीय स्थल बनाता है।

लोकेशन: तालचेर टाउन, तालचेर, ओडिशा

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से फरवरी

जिला: ढेंकनाल

ऊंचाई: 85.6 मीटर

खुलने का समय: दिन का समय

यात्रा विकल्प: टैक्सी, बस, ट्रेन

निकटतम शहर: तालचेर

भुवनेश्वर से दूरी: 140 किमी

200 वर्ष प्राचीन है गेट की सुंदरता

किले के प्रमुख सिंह द्वार का निर्माण तालचेर के राजा राम चंद्र बिरबर हरिचंदन ने 1868 और 1875 के बीच करवाया था। यह ओडिशा में मौजूद सबसे खूबसूरत महलों में से एक है। आप साथ ही ब्राह्मणी नदी के सुंदर दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं।



अभी भी रहते है राजा

तालचेर पैलेस 14 वीं शताब्दी के आसपास निर्मित एक भव्य विरासत संपत्ति है। तालचेर पैलेस तालचेर के राजा राजेंद्र चंद्र देब का आधिकारिक निवास है, जो अपनी पत्नी रानी साहेब पुष्पा देवी और उनके दो बेटों युवराज विजयेंद्र चंद्र देब और पट्टायत शैलेंद्र चंद्र देब के साथ वहाँ रहते हैं। तालचेर पैलेस आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इसे सम्राट सदन पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।



महल का स्थापत्य कला

महल अपने आप में स्थापत्य शैलियों की एक आकर्षक ताने-बाने की वस्तु है, जिसमें औपनिवेशिक भव्यता और पारंपरिक ओडिया विरासत के अवशेष प्रदर्शित होते हैं। इस किले का रंग रूप बहुत ही मनमोहक है। पीले और सफेद रंग की सुंदरता में सुनहरे रंग का प्रयोग प्रवेश द्वार के गेट की सुंदरता में चार चांद लगाता है। इसी के साथ ही द्वार पर स्थित दो भव्य सुनहरे रंग के सिंह इसका प्रमुख आकर्षण है। हरे भरे प्रकृति के बीच महल का स्थापत्य कला एक अलग सा आकर्षण बन जाता है।



ऐसे हुआ था तालचेर राज्य का निर्माण

तालचेर राज्य ब्रिटिश राज के दौरान भारत की रियासतों में से एक था। अंगुल जिले में तालचेर शहर राज्य की राजधानी और राजा का निवास स्थान था। इसके अंतिम शासक ने 1948 में भारतीय संघ में विलय पर हस्ताक्षर किए थे। तालचेर राज्य की उत्पत्ति 1471 ई. में गजपति साम्राज्य के पुरुषोत्तम देव के शासनकाल के दौरान हुई थी, जब भीमनगरी की अधिपत्य नरहरि सिंह द्वारा स्थापित किया गया था, जो ओडिशा के सत्तारूढ़ सूर्यवंशी गजपति राजाओं के परिवार के वंशज थे। 16वीं शताब्दी के अंत में पद्मनाभ बीरबारा हरिचंदन के शासनकाल में, 1578 में कुल देवी तलेश्वरी के नाम पर राज्य का नाम बदलकर तालचेर कर दिया गया।





\
Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story