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Old Photo of Lucknow: बेहद पुरानी है लखनऊ की ये तस्वीर, इस समय नहीं बना था यहाँ घंटा घर
Old Photo of Lucknow: इस वीडियो में एक तस्वीर नज़र आ रही है जो शायद लखनऊ की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है, आइये एक नज़र डालते हैं इस फोटो पर।
Old Photo of Lucknow: नवाबों का शहर लखनऊ अपने कल्चर और इतिहास को लेकर जाना जाता है। इसके लिए लखनऊ के मशहूर गीतकार योगेश प्रवीण ने लिखा है,"लखनऊ है तो महज़ गुम्बद-ओ मीनार नहीं, सिर्फ एक शहर नहीं, कूचा ओ बाज़ार नहीं,इसके दामन में मोहब्बत के फूल खिलते हैं, इसकी गलियों में फरिश्तों के पते मिलते हैं।" यहाँ का इतिहास बेहद प्राचीन है और ये शहर तहज़ीब और तमीज़ का कुशल मिश्रण भी है। ऐसे में लखनऊ की ये बेहद पुरानी तस्वीर देखकर आप भी हैरान रह जायेंगें क्योंकि ये उस समय की है जब यहाँ घंटा घर भी नहीं बना था। आइये आप भी इस वीडियो को देखिये और पहचानिये अपने लखनऊ को।
बेहद पुरानी है लखनऊ की ये तस्वीर
इस वीडियो को देखकर आप अपने लखनऊ को पहचान नहीं पायेंगें। वीडियो में दिख रही तस्वीर काफी पुरानी है और इसे देखकर आपको अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं होगा। क्योंकि ये लखनऊ जैसा नहीं लगेगा बल्कि कोई और शहर ही लग रहा है क्योंकि इसमें न तो लखनऊ का प्रसिद्ध घंटाघर ही नज़र आ रहा है और न ही कुछ भी लखनऊ जैसा यहाँ आपको नज़र आएगा। लेकिन ज़रा गौर करने पर आप यहाँ की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों को अच्छे से पहचान लेंगें।
वीडियो में नज़र आ रही लखनऊ की इस तस्वीर से भले ही घंटा घर नदारद हो लेकिन आप इसमें छोटा इमामबाड़ा और बड़ा इमामबाड़ा स्पष्ट रूप से देख सकते हैं और साथ ही आप यहाँ रूमी गेट को भी देख सकते हैं। फिलहाल ये तस्वीर लखनऊ के उन दिनों तो ताज़ा करती है जब ये शहर आधुनिकीकरण की और नहीं बल्कि मुगलों के सानिध्य में था। वैसे ये तो स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये इस समय की तस्वीर है लेकिन ऐसा लगता है कि ये साल 1881 से पहले की ही तस्वीर है क्योंकि हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर साल 1881 में निर्मित हुआ था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर लखनऊ, मुगल विरासत, प्रकृति की उत्कृष्ट सुंदरता और तुर्की, फारसी और यूरोपीय संस्कृतियों के प्रभाव का मिश्रण है। ऐसे में अगर आप भी लखनऊवासी हैं तो आपके लिए ये तस्वीर किसी ट्रीट से कम नहीं होगी।