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Pagal Baba Mandir Vrindavan: संगमरमर से बने इस नौ मंजिला मंदिर में हमेशा जपा जाता है हरे कृष्ण का मन्त्र
Pagal Baba Mandir Vrindavan: मंदिर पूरे वर्ष सुबह और शाम दोनों समय खुला रहता है। दिन में दो बार प्रार्थना की जाती है। यह मंदिर अपनी कठपुतली प्रदर्शनी के कारण भी प्रसिद्ध है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कठपुतली प्रदर्शनी पूरे उत्साह के साथ दिखाई जाती है।
Pagal Baba Mandir Vrindavan: पागल बाबा मंदिर वृन्दावन में आधुनिक डिजाइन के साथ संगमरमर से बना एक भगवान कृष्णा का एक अद्भुत मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। इसकी मंदिर की स्थापना पागल बाबा ने की थी। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में भक्तों की सारी मुराद पूरी होती है और कोई यहाँ से खाली हाथ नहीं जाता।
क्या है पागल बाबा मंदिर वृन्दावन की खासियत
मंदिर पूरे वर्ष सुबह और शाम दोनों समय खुला रहता है। दिन में दो बार प्रार्थना की जाती है। यह मंदिर अपनी कठपुतली प्रदर्शनी के कारण भी प्रसिद्ध है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कठपुतली प्रदर्शनी पूरे उत्साह के साथ दिखाई जाती है। यहाँ कठपुतली का खेल मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में होता है। यह कठपुतली शो साल भर देखा जा सकता है। इस कठपुतली प्रदर्शनी में दो महाकाव्यों महाभारत और रामायण का प्रदर्शन किया जाता है। कठपुतली के खेल में भारत के महान शासकों के संपूर्ण दृश्यों और प्रसिद्ध कहानी का मंचन करते हैं। इस शो में पूरे साल बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। स्वर्गीय पागल बाबा के अनुयायी इस महान मंदिर की देखभाल करते हैं। यह मंदिर दिखने में कलात्मक है और इसका अनोखा डिज़ाइन इसे वृन्दावन के बाकी मंदिरों से अलग बनाता है।
भगवान आये थे खुद गवाही देने
लोक कथाओं के अनुसार एक बार एक गरीब ब्राह्मण के लिए खुद बांके बिहारी अदालत में बयान देने आये थे। कहानी कुछ इस तरह है कि एक गरीब ब्राह्मण ने एक महाजन से सूद पर कुछ पैसे लिए थे। ब्राह्मण ने महाजन को धीरे-धीरे पैसा चूका दिए। लेकिन महाजन का कहना था कि ब्राह्मण ने उसे पैसे नहीं दिए। महाजन ने ब्राह्मण को पैसे के नोटिस भिजवा दी। कोर्ट में ब्राह्मण ने कहा की उसने सारे पैसे चुका दिए हैं और महाजन झुठ बोल रहा है। जज ने ब्राह्मण से पूछा कि क्या कोई गवाह है जो यह बता सके की तुमने सारे पैसे महाजन को दे दिए।
इस पर ब्राह्मण ने कहा कि अब उसकी तरफ से बांके बिहारी ही गवाही देंगे। अदालत के गवाह का पता पूछने पर ब्राह्मण ने बताया, “बांके बिहारी वल्द वासुदेव, बांके बिहारी मंदिर वृंदावन।“ अदालत ने इसी पते पर सम्मन जारी कर दिया। ब्राह्मण ने सम्मन को मूर्ति के सामने रखकर कहा कि बांके बिहारी आपको गवाही देने के लिए अदालत में आना है। इसके बाद चमत्कार यह हुआ कि गवाही के दिन सचमुच एक बूढ़े आदमी ने अदालत में खड़े होकर ब्राह्मण के पक्ष में गवाही दी और बताया कि कब-कब पैसा दिया गया है। बाद में जब जज ने महाजन के बहीखाते की मिलान की तो ब्राह्मण की बात को सही पाया। जज के यह पूछने पर कि वह बूढ़ा आदमी कौन था, ब्राह्मण ने बताय कि वही तो मेरे बांके बिहारी थे। उसके बाद जज सबकुछ छोड़ कर खुद फ़क़ीर बन गया और जब वह वृन्दावन उसे ही लोग पागल बाबा के नाम से जानने लगे।
क्या है पागल बाबा मंदिर वृन्दावन की टाइमिंग और प्रवेश शुल्क
इस मंदिर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। गर्मियों के दौरान, मंदिर सुबह 05:00 बजे खुलता है और 11:30 बजे बंद हो जाता है और शाम को यह फिर 3:00 बजे खुलता है। और रात 9:00 बजे तक बंद कर दिया गया। सर्दियों के दौरान, मंदिर सुबह 6:00 बजे खुलता है और 12:00 बजे बंद हो जाता है और शाम को 3:30 बजे खुलता है। और रात्रि 8:30 बजे बंद हो गया। आरती या प्रार्थना दिन में दो बार की जाती है। इस मंदिर में जन्माष्टमी के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
पागल बाबा मंदिर तक कैसे पहुँचें?
यह मंदिर मथुरा से 9 किमी दूर और आगरा से 41 किमी दूर है। दिल्ली से NH2 पर इसकी दूरी लगभग 145 किमी है। यह वृन्दावन में मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर वात्सल्य ग्राम में स्थित है। यह छटीकरा से 6.9 किमी दूर है जो NH2 रोड के पास एक प्रसिद्ध स्थान है।