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Pakistan Krishna Temples: पाकिस्तान में भी हैं श्री कृष्ण के मंदिर, एक तो है 126 साल पुराना

Pakistan Famous Krishna Temple History: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिर हैं। जिनमें से कुछ भी पूजा पाठ होती है तो कुछ में नहीं होती।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 15 March 2024 4:13 PM IST
Krishna Temples of Pakistan
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Krishna Temples of Pakistan (Photos - Social Media)

Pakistan Krishna Temples: श्री कृष्ण के प्रति हिंदुओं में गहरी आस्था देखने को मिलती है। देश भर में न जाने कितने कृष्ण मंदिर हैं जहां भक्तों की आस्था की भीड़ देखने को मिलती है। वृंदावन, मथुरा, गोकुल, बरसाना हो या फिर देश का कोई अन्य शहर कृष्ण भक्त आपको हर जगह मिल जाएंगे। लेकिन अगर आपसे कोई कहे की कृष्ण को समर्पित कौन संस्था का मंदिर पाकिस्तान में भी है थोड़ा हैरान कर देने वाली बात जरूर होगी। चलिए आज हम आपको पाकिस्तान में मौजूद इस्कॉन मंदिर और यहां मौजूद अन्य कृष्ण मंदिरों के बारे में बताते हैं।

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन ने साल 2007 में पाकिस्तानी सरकार से ज़मीन खरीदकर कृष्ण मंदिर बनवाया था। हाल के बरसों में पाकिस्तान सरकार ने अपने यहां टूरिज़्म को प्रमोट करने के लिए प्राचीन हिंदू और बौद्ध मंदिरों की ओर ध्यान देना शुरू किया है। उन्हें टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है।

इस्कॉन मंदिर

श्रीस्वामीनारायण मंदिर कराची

श्रीस्वामीनारायण मंदिर काफ़ी फ़ेमस है। यहां हिंदू धर्म मानने वालों के साथ ही इस्लाम के अनुयायी भी आते हैं। इसमें हरे कृष्ण महाराज और राधा कृष्णदेव की मूर्तियां है। कुछ सालों पहले इस्कॉन ने कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के करीब राधा गोपीनाथ मंदिर खोला था। ये बड़ा मंदिर है, जिसकी गतिविधियां लगातार चलती रहती हैं।

श्रीस्वामीनारायण मंदिर कराची

कृष्ण मंडोर रावलपिंडी

रावलपिंडी में मौजूद ये कृष्ण मंदिर क़रीब 126 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण 1897 में सद्दर में कांची मल और उजागर मल राम पांचाल ने कराया था। बंटवारे के बाद कुछ सालों के लिए ये मंदिर बंद भी कर दिया गया था। 1949 में इसे फिर खोला गया। पहले तो यहां रहने वाले हिंदू इसकी देख रेख करते थे। 1970 में इसे ईटीपीबी के नियंत्रण में दे दिया गया। 1980 तक इस्लामाबाद में रहने वाले भारतीय राजदूत यहां पूजा करने आते थे।

कृष्ण मंडोर रावलपिंडी

कृष्ण मंदिर लाहौर

लाहौर अविभाजित भारत में हिंदुओं का बड़ा शहर था। यहां कई मंदिर थे। अब भी लाहौर में 22 के आसपास मंदिर हैं लेकिन पूजा केवल दो में ही होती है। उनमें एक कृष्ण मंदिर है और दूसरा वाल्मीकि मंदिर। कृष्ण मंदिर केसरपुरा में मौजूद है। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण मंदिर में विधि-विधान से पूजा-पाठ होता है।

कृष्ण मंदिर लाहौर




Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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