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Pendri Talab Mungeli: पेंड्री तालाब में नहाने से दूर हो जाते हैं व्यक्ति के सारे रोग, चमत्कारी है ये जगह
Pendri Talab Mungeli: पेंड्री तालाब के प्रसिद्ध होने का कारण यह है की जो भी रोगी व्यक्ति पेंड्री तालाब में स्नान करता है उसके सारे रोग समाप्त होने लगते है।
पेण्ड्री तालाब मुंगेली में स्थित एक चमत्कारी तालाब है जहाँ स्नान करने मात्र से रोगी ठीक हो जाता है यह पेंड्री तालाब लोरमी रोड में स्थित है इस तालाब को 200 वर्षो से पहले का बताया जाता है जिसके बारे में लोगो को हाल ही में पता चला है। यदि आपको या फिर आपके परिवार में किसी को चर्मरोग है तो आप मुंगेली जिले में स्थित पेंड्री तालाब आ सकते है। यहाँ स्थित तलब में स्नान करने से रोग ठीक होने की मान्यता है।
पेंड्री तालाब की जानकारी
पेंड्री तालाब मनोहरपुर गांव और बरबसपुर गांव के पास स्थित एक चमत्कारिक तालाब है। और यह पेंड्री तालाब मुंगेली जिले के अंतर्गत आता है तथा मुंगेली से पेंड्री तालाब की दूरी 15 किलोमीटर है। पेंड्री तालाब लोरमी रोड पर स्थित है तथा लोरमी से पेंड्री तालाब की दूरी 12 किलोमीटर है। यही पेंड्री नामक गांव में यह चमत्कारिक तालाब स्थित है जो आज पूरे छत्तीसगढ़ में प्रचलित हो रही है।
तालाब का चमत्कार
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पेंड्री तालाब नामक एक चमत्कारी तालाब है जिसे लोग मुंगेली तालाब के नाम से जानते है, जो मुंगेली से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां अगर कोई रोगी व्यक्ति स्नान करता है तो उसके सारे रोग समाप्त हो जाते हैं। इस तालाब को लोग “सत्य सागर पेंड्री तालाब” के नाम से जानते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यह पेंड्री तालाब 200 सालों से चली आ रही है। जब सभी को इस तालाब के चमत्कार के बारे में पता चला लोग भारी संख्या में इस तालाब में स्नान करने के लिए आने लगे।
पेंड्री तालाब का इतिहास
स्थानीय लोगों के अनुसार पेंड्री तालाब मुंगेली जिला में स्थित चमत्कारी तालाब है तथा पेंड्री तालाब का इतिहास 200 साल पुराना है। जहां नायक नाम का एक मजदूर रहता था जो बैल भैंस से अपनी रोजगारी करता था और वह कुष्ट रोग से ग्रसित था साथ ही उसका भैंस भी बीमार था। एक दिन की बात है नायक अपनी मजदूरी खत्म करने के बाद वही आराम कर रहा था, रोगमुक्ति चमत्कारी पेंड्री तालाब उसके पास में एक छोटे से गड्ढे में पानी भरा हुआ था जिसे उसके भैंस ने पिया जिससे उसके भैंस की बीमारी तुरंत ठीक होने लगी। जिसे देखकर नायक आश्चर्यचकित हो गया और खुद भी उस गड्ढे की मिट्टी को अपने ऊपर लगाने लगा और फिर उस पानी से स्नान किया जिससे उसे कुछ फर्क दिखा और उसकी बीमारी भी ठीक होने लगी। इसके बाद नायक ने इस बात को गांव के सभी बड़े बुजुर्गों को बताया और नायक ने कहा हमें इसे बड़े तालाब के रूप में परिवर्तित करना चाहिए जिसका समर्थन वहां सभी लोगों ने किया। फिर सभी लोगों ने वहां तालाब का निर्माण किया उसके बाद नायक वहां से चला गया। फिर उसे समय से आज तक यह परंपरा चली आ रही है कि जो भी रोगी व्यक्ति उस तालाब में स्नान करेगा उसका सभी रोग खत्म हो जाएगा।