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Pipleshwar Mahadev Mandir: ऋषिकेश का यह महादेव मंदिर पीपल के पेड़ में है समाहित

Famous Pipleshwar Mahadev Mandir: ऋषिकेश जिसे सिटी ऑफ योग के नाम से जाना जाता है यहां पर आपको कई खूबसूरत और विचित्र मंदिर मिलेंगे, लेकिन एक महादेव का मंदिर बहुत ही अनोखा हैं...

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 5 Aug 2024 12:19 PM IST
Rishikesh Famous Shiv Temple, Pipaleshwar Mahadev
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Rishikesh Famous Shiv Temple (Pic Credit-Social Media)

Pipleshwar Mahadev: देवभूमि उत्तराखण्ड में ऋषिकेश नगरी का अनोखा स्थान है, यह जगह अपने शांत और सुखमय वातावरण के लिए योग स्थान के रूप में भी जानी जाती है। यहां आपको भगवान के होने का भी अनुभव मिलता है। उत्तराखंड का ऋषिकेश दुनियाभर में योग कैपिटल के नाम से प्रसिद्ध है। योग नगरी ऋषिकेश पर्यटन स्थलों और घाटों के लिए काफी प्रसिद्ध है। दुनियाभर से लोग पूजा पाठ के लिए ऋषिकेश आते हैं। यहां आपको काफी सारे प्राचीन और मान्यता प्राप्त मंदिर देखने को मिल जाएंगे। आज हम आपको ऋषिकेश के एक बहुत ही विचित्र अनोखे और आश्चर्य जनक मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। भगवान शिव की महिमा के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना होगा। एक ऐसी ही महिमा यहां देखने को मिलती है। वो कहते है न कण कण में भगवान का वास है, ऐसा ही कुछ नजारा ऋषिकेश में देखा गया है। भगवान शिव का वास पीपल के पेड़ में साक्षात देखा गया है।

ऋषिकेश में अनोखा मंदिर(Famous Shiv Temple in Rishikesh)

योग नगरी ऋषिकेश में प्राचीन मंदिरों में से एक है ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट मार्केट के पास सुभाष चौक पर स्थित पिपलेश्वर शिव मंदिर। नाम से ही मालूम हो जाता है कि यह मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है। मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग काफी प्राचीन है और शिवलिंग पीपल के पेड़ से उत्पन्न हुआ है। यह मंदिर पीपल के पेड़ से लगकर बना हुआ है, इसलिए इसे पिपलेश्वर शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है।



नाम: पीपलेश्वर महादेव(Pipaleshwar Mahadev)

लोकेशन: त्रिवेणी घाट, सुभाष चौक, ऋषिकेश

150 साल प्राचीन पीपल शिव मंदिर

पिपलेश्वर शिव मंदिर के का कहना हैं कि पहले उनके दादा फिर उनके चाचा और अब वह इस मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। ऋषिकेश के लोगों की इस मंदिर पर काफी आस्था बनी हुई है। वह बताते हैं कि सालों पहले यहां मंदिर नहीं था। तब भक्तगण लोग पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाया करते थे. बीतते समय के साथ इस पीपल के पेड़ की छटाई होती गई और यह शिवलिंग बाहर दिखने लगा.।करीब 150 साल पहले इस पेड़ से लगकर यह मंदिर बनवाया गया था।



पीपल का वृक्ष भी सदियों पुराना

यहां के स्थानीय लोग का कहना है कि, यहां पर ये शिवलिंग किसी ने स्थापित नहीं किया है, बल्कि इसी पीपल के पेड़ से यह शिवलिंग उत्पन्न हुआ है। उसके बाद से ही यहां ऋषिकेश में इस मंदिर की स्थापना की गई। सभी लोग तब से इस मंदिर को पिपलेश्वर शिव मंदिर के नाम से जानने लगे। यह पीपल का पेड़ भी सदियों पुराना है। लोग अपनी मनोकमना लेकर इस मंदिर में आते हैं और शिवलिंग में जल अर्पण करते हैं।



त्योहार पर दिखती है रौनक

इस मंदिर में आपको शिवलिंग के साथ-साथ कई भगवानों की मूर्तियां देखने को मिलती है। तीज त्योहारों के अवसर पर इस मंदिर को बड़ी सुंदर तरह से सजाया जाता है। यहां आने वाले भक्तजनों को खीर-चावल इत्यादि का प्रसाद दिया जाता है, भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, अगर आप भी ऋषिकेश घूमने आ रहे हैं, तो सुभाष चौक पर पिपलेश्वर शिव मंदिर के दर्शन करना न भूलें।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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