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Place To Visit In Lalitpur: ललितपुर के सुंदर पर्यटक स्थलों का जरूर करें इंतजार, वीकेंड पर घूमने के लिए है बेस्ट
Place To Visit In Lalitpur: ललितपुर उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है। चलिए आज हम आपके यहां के पर्यटक स्थलों के बारे में बताते हैं।
Place To Visit In Lalitpur: उत्तर प्रदेश भारत का बहुत ही खूबसूरत और समृद्धि राज्य है। यहां का ललितपुर जिला बहुत खास है| ललितपुर के उत्तर में झांसी, दक्षिण में सागर, पूर्व में मघ्यप्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर एवं शिवपुरी तथा पश्चिम गुना से सटा हुआ है। बेतवा, धसन और जमनी यहां की प्रमुख नदियां है। जो झांसी डिवीजन में आता है। यह शहर ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक इस जगह का नाम महाराजा सुमेर सिंह की पत्नी ललिता देवी के नाम पर रखा गया था। ललितपुर को मणिगल के नाम से भी जाना जाता है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विशेष रूप से कला और शिल्प की परंपरा के लिए जाना जाता है। यहाँ हिंदू और बौद्ध बहुसंख्यक बहु-जातीय आबादी है। घूमने के हिसाब से यहां पर कहीं सारे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान मौजूद हैं। अगर आप भी यहां जा रहे हैं तो आपको कुछ स्थानों पर जरूर जाना चाहिए।
नरसिंह भगवान मंदिर ललितपुर (Narasimha Bhagwan Temple Lalitpur)
नरसिंह भगवान का मंदिर ललितपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। सुमेरा तालाब के किनारे पर मौजूद इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। शाम के समय यह मंदिर बहुत खूबसूरत लगता है।
दशावतार मंदिर ललितपुर (Dashavatara Temple Lalitpur)
यह उत्तर प्रदेश के पुराने मंदिरों में से एकहै। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल में किया गया था। इस मंदिर के दरवाजे पर गंगा और जमुना देवी की नक्काशी नजर आती है। मंदिर के गर्भ में भगवान विष्णु की मन नारायण तपस्या के आकार में प्रतिमा मौजूद है।
देवगढ़ ललितपुर (Devgarh Lalitpur)
ललितपुर मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर देवगढ़ का ऐतिहासिक स्थान मौजूद है। बेतवा नदी के तट पर गुर्जर, गोंड, प्रतिहार, गुप्त, मुगल, बुंदेली और मराठा राजवंशों के ऐतिहासिक स्मारक मौजूद हैं। यहां पर हिंदू और जैन मंदिर भी स्थित है।
मुचकुंद गुफा ललितपुर (Muchkund Cave Lalitpur)
यहां जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। इस गुफा का संबंध द्वापर युग से बताया जाता है। कालय वन राक्षस से युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्णा इसी गुफा में छुप गए थे। यहां से थोड़ी की दूरी पर रणछोड़ मंदिर भी मौजूद है।