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Pondicherry: पुडुचेरी एक तटीय पर्यटन स्थल

Pondicherry : चेन्नई से करीब 150किमी की दूरी पर यह स्थान स्थित है। प्राचीन काल में पांडिचेरी, वेदपुरी के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा यह स्थान श्री अगस्त्य ऋषि का निवास स्थान भी हुआ करता था।

Sarojini Sriharsha
Published on: 25 Sept 2023 6:44 PM IST (Updated on: 25 Sept 2023 6:44 PM IST)
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Pondicherry: पुडुचेरी भारत के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी के कोरमंडल तट पर स्थित एक केंद्र शासित प्रदेश है जहां सैलानी समुद्र के नीले पानी में उगते सूरज का आनंद ले सकते हैं। यह जगह अपने अछूते समुद्र तटों के लिए जाना जाता है और यहां पर्यटक सूर्यास्त और सूर्योदय के सुंदर दृश्यों को देख कर अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। चेन्नई से करीब 150किमी की दूरी पर यह स्थान स्थित है। प्राचीन काल में पांडिचेरी, वेदपुरी के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा यह स्थान श्री अगस्त्य ऋषि का निवास स्थान भी हुआ करता था।

मिनी फ्रांस के नाम से जाना जाने वाला यह प्रदेश 1954 तक फ्रांसीसी शासन के अधीन था। इतिहास के अनुसार 4वीं शताब्दी में यहाँ पल्लव राजवंशों के साथ दक्षिणी राजवंशों ने भी शासन किया। यहां लगभग 300 सालों तक अंग्रेजों का शासन होने के कारण आज भी कई सड़कों और इमारतों में फ्रांसीसी कला की झलक देखने को मिलती है। यहाँ के लोग फ्रांसीसी संस्कृति का पालन करने के साथ साथ फ्रेंच भी बोलते हैं। 1947 में आजादी मिलने के बाद यह भारत का अंग बना और 2006 में पांडिचेरी से बदलकर पुडुचेरी नाम कर दिया गया।

यहां पर सैलानी कई तरह के वॉटर एक्टिविटी के साथ मंदिर, चर्च, समुद्री तट और संग्रहालय का भी आनंद ले सकते हैं।

पुडुचेरी में घूमने के लिए कई जगह है जिनमें प्रमुख है:

पैराडाइज बीच

यह बीच पांडिचेरी शहर के नजदीक चुन्नमबार में स्थित है। सुनहरी रेत और ठंडी समुद्री हवा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां से सनराइज का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है। यहाँ आप चावला नामक पक्षी जिसे प्यार का पक्षी कहते हैं का जोड़ा भी देख़ सकते हैं।


प्रोमेनेड बीच

पांडिचेरी आने वाला हर सैलानी इस बीच पर शाम के समय टहलना पसंद करता है। यह लगभग 1.5 किमी तक फैला हुआ है। इस बीच के आस पास कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जैसे लाइटहाऊस, वार मेमोरियल, हेरिटेज टाउन हॉल और महात्मा गांधी जी की मूर्ति आदि शामिल है। खाने पीने के कई फूड स्टॉल भी आपको मिलेंगे।


सेरेनिटी बीच

यह बीच शहर से लगभग 12 किमी की दूरी पर कोट्टाकुप्पम में स्थित है। शहर से थोड़ा दूर होने से यह शांत वातावरण में स्थित है और यहां हनीमून दंपति देखने को मिलेंगे। इस बीच के रेत पर चल कर आप अपने यात्रा को यादगार बना सकते हैं।


लाइट हाउस

लाइट हाउस यहां का एक खास पर्यटन स्थल है और सैलानी इसे देखने आते हैं। फ्रांसीसी शासनकाल में समुद्री यात्रा कर रहे पर्यटकों को रात में रास्ता दिखाने के लिए इसका निर्माण किया गया था। वर्तमान में इस स्थान पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस जगह से पांडिचेरी का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है। यहां पर कई प्रकार के पक्षी भी देखने को मिलेंगे।


राज निवास

18 वीं शताब्दी में निर्मित इस इमारत में वर्तमान में पांडिचेरी के उपराज्यपाल का निवास स्थान है। इसके अंदर जाना मना है लेकिन आप इस इमारत को बाहर से देख सकते हैं।


गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर मंदिर

पांडिचेरी से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है । यह मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है । हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले इस मंदिर का दर्शन करना ना भूलें।


ओर्बिन्दो आश्रम

यह स्थान पांडिचेरी शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर तमिलनाडु राज्य में स्थित है । इस आश्रम की स्थापना 1968 में अरबिंदो की शिष्या मिर्रा अल्फासा ने किया था। इसे यूनिवर्सल टाउन के नाम से भी जाना जाता है और एकता का प्रतीक माने जाने वाले इस शहर में कई देशों के लोग शांति से रहते हैं। 1926 में पांडिचेरी के पूर्वी भाग के वाइन टाउन में स्थापित यह आश्रम मानसिक और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए जाना जाता है। ऑरविलो पैलेस के नाम से जाने जाने वाले इस आश्रम में रहने वाले लोगों को आम आदमी के काम आने वाली सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। साथ ही नृत्य, कला, संगीत, रंगमंच आदि कार्यक्रम भी समय समय पर आयोजित किए जाते हैं। यह जगह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और ज्यादा भीड़भाड़ वाला नहीं होने के कारण यहां लोग फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं।

यहां के मातृ मंदिर में ध्यान के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जाती है, जिसके लिए निःशुल्क आवेदन 10 दिन पहले करना पड़ता है। अलग-अलग भारत के राज्यों और 124 भिन्न देशों के लोगों द्वारा लाई गई मिट्टी और संगमरमर से बने गोल्डन ग्लोब आकृति जैसे इस पैलेस का निर्माण शान्ति, सद्भाव, ईश्वरीय चेतना, और साधारण जीवन के नियम और गुण सिखाए जाने के लिए हुआ।


एरिकमेड्डु

यह स्थान पुडुचेरी के दक्षिण में 7 किमी की दूरी पर अरियंकुप्पम नदी के तट पर स्थित है। यह स्थान 1 ईसा पूर्व के दौरान बसा था और इंडो रोमन व्यापार का केंद्र कहा जाता है। शहर की भागदौड़ से दूर यह जगह सांस्कृतिक और ऐतिहासिकता का प्रतीक है। इस बंदरगाह की इमारतों, स्तंभों और दीवारों के अवशेष देखते ही आपको रोमन व्यापार के युग में ले जायेंगे।

यह स्थान फ्रांसीसी वास्तुकला के साथ तमिलियन इतिहास को भी प्रदर्शित करता है।


बॉटनिकल गार्डन

यह बॉटनिकल गार्डन पांडिचेरी के साथ साथ तमिलनाडु का भी एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। 22 एकड़ में फैले इस बॉटनिकल गार्डन में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पेड़-पौधों की लगभग 1500 प्रजातियाँ हैं। 1826 में स्थापित फ्रांसीसी सभ्यता का प्रतीक माना जाने वाला यह गार्डन मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर है।

इस गार्डन में प्रवेश द्वार से लेकर, यहां की वास्तुकला, बैठने के बेंच , फव्वारे और यहाँ तक पेड़-पौधों को लगाने का तरीका सभी फ्रांसीसी संस्कृति का अद्भुत नमूना हैं।

इस गार्डन में हर पेड़ और वनस्पति के आगे उसके लाभ और ऑक्सीजन की मात्रा जैसी जानकारियाँ तक लिखी हैं, जिस कारण इसे वनस्पतियों का सबसे बड़ा गार्डन भी कहा जाता है। यह गार्डन आपको एक सुखद अनुभूति प्रदान करेगा।


श्री कोकिलाम्बल थिरुक्लेश्वर मंदिर

पांडिचेरी के विल्लियानूर में 12 वीं शताब्दी में चोल राजा के द्वारा निर्मित इस प्राचीन मंदिर को विल्लुर मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर निर्माण से पहले यहां बेल के पेड़ों के जंगल हुआ करता था जहां बाद में शिव जी का प्रसिद्ध मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर में शिवलिंग मिट्टी का बना है और इस पर अभिषेक करना मना है।

इस मंदिर में एक नदी है जिसे प्रसव नदी के नाम से जाना जाता है और गर्भवती महिलाएं इस नदी में बैल की पूजा करती हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा नरसिम्हा, ब्रह्मा, और मुरुगन आदि देवताओं के भी मंदिर हैं।


ऑस्टेरी झील

यह खूबसूरत झील पांडिचेरी शहर से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है । इस झील में सैलानी नौका विहार का आनंद उठा सकते हैं। इस झील के आस-पास रेस्तरां में आप कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन का भी मजा ले सकते हैं।


फ्रेंच युद्ध स्मारक

पुडुचेरी में फ्रेंच वार मेमोरियल एक ऐतिहासिक जगह है जो व्हाइट टाउन में स्थित है। कई फ्रांसीसी सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान गवाई थी उन्हीं की याद में यह स्मारक बनाया गया था। इस स्मारक के पास में एक खूबसूरत बगीचा है जहां बैठकर आप कुछ आनंद के पल बीता सकते हैं।

अरिकामेडू

पुडुचेरी का अरिकामेडु रोमन संस्कृति की झलक देता है। यहां इसके खंडहर पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र रहता है। प्राचीन काल में यह स्थान एक बंदरगाह के तौर पर रोमन व्यापारियों द्वारा व्यापार के लिए इस्तेमाल किया गया ।


श्री मनाकुला विनयगर मंदिर

पांडिचेरी के सबसे प्राचीन मंदिरों में से विनयगर मंदिर एक है । यहां हिंदुओ के आराध्य देव भगवान गणेश जी का मंदिर है। मंदिर के अंदर आप भगवान गणेश के विभिन्न रूप को दीवारों और मूर्ति के रूप में देख कर अभिभूत हो जायेंगे। ऐसा कहा जाता है कि एक बार किसी फ्रांसीसी व्यक्ति ने मंदिर से भगवान गणेश जी की मूर्ति हटाने की कोशिश की थी लेकिन मूर्ति फिर से वहां प्रकट हो गई। इस चमत्कार को देखकर वह फ्रांसीसी व्यक्ति हैरान होकर भगवान गणेश का भक्त हो गया।


वरदराजा पेरूमल मंदिर

इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। यह पुडुचेरी का खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है । धार्मिक आस्था में महत्व रखने वाले सैलानी इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

बेसिलिका ऑफ द सेक्रेड हार्ट ऑफ जीसस

1908 में फ्रांसीसी मिशनरियों द्वारा इस चर्च की स्थापना की गई। सन् 2011 में इस चर्च को बेसिलिका का दर्जा दिया गया। क्रिसमस और न्यू ईयर पर इस चर्च को बहुत ही भव्य और आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।

पुडुचेरी घूमने का सबसे अच्छा मौसम नवंबर से मार्च महीने तक का होता है। इस दौरान भारी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं। गर्मी का मौसम ज्यादा गर्म होने से घूमने में आनंद नहीं देता।


कैसे पहुंचें ?

पुडुचेरी सड़क, हवाई और रेल मार्ग द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप किसी भी मार्ग से अपनी सुविधानुसार आने का प्लान बना सकते हैं।

पांडिचेरी हवाई अड्डा यहां का प्रमुख हवाई अड्डा है जो भारत के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप चेन्नई हवाई अड्डा से भी टैक्सी के रास्ते पुदुचेरी आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से आप विल्लुपुरम रेलवे स्टेशन जो पांडिचेरी का प्रमुख रेलवे स्टेशन है पहुंच सकते हैं । कई प्रमुख शहरों से रेलमार्ग द्वारा यह स्टेशन अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग द्वारा भी आप पांडिचेरी की यात्रा कर सकते हैं। चेन्नई और बैंगलोर जैसे शहर से लोग सड़क मार्ग से इस जगह आना पसंद करते हैं।

यहां पहुंच कर आप लोकल ऑटो की मदद से भी पर्यटक स्थल को देखने जा सकते हैं। अगर आपको स्कूटर या बाइक की सवारी आती है तो आप दिन के हिसाब से रेंट पर लेकर अपने हिसाब से घूम सकते हैं।

तो इंतजार किस बात की, सर्दियों के मौसम आने वाले हैं और उस दौरान पुदुचेरी का मौसम सुहावना रहता है आप घूमने की तैयारी कर लीजिए।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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