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Kalyani Devi Mandir History: प्रयागराज का ये मंदिर है भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक, देवी की मूर्तियाँ लगभग 1500 वर्ष पुरानी

Kalyani Devi Mandir History: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर में भक्त काफी मात्रा में एकत्र होते हैं आइये जानते हैं इस मंदिर की विशेषता और यहाँ की मान्यताएं।

Shweta Srivastava
Published on: 25 Sept 2023 9:21 AM IST (Updated on: 25 Sept 2023 9:22 AM IST)
Navratri 2023
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Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

Kalyani Devi Mandir History: नवरात्रि का पावन त्योहार कुछ ही दिनों के बाद शुरू होने वाला है। ऐसे में भक्त माँ अम्बे के मंदिरों में उनके दर्शन करने और आशीर्वाद लेना पहुंचते हैं। वहीँ आपको बता दें कि इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रही है। ये त्योहार पूरे नौ दिन मनाया जाता है जिसमे माता रानी के नौ रूपों की पूजा होती है। कुछ भक्त पूरे नौ दिन माँ का व्रत करते हैं वहीँ कुछ परेवा और अष्टमी में उनका व्रत रखते हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर में भक्त काफी मात्रा में एकत्र होते हैं आइये जानते हैं इस मंदिर की विशेषता और यहाँ की मान्यताएं।

कल्याणी देवी मंदिर प्रयागराज

प्रयागराज रेलवे स्टेशन से 3 किमी की दूरी पर, कल्याणी देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कल्याणी देवी क्षेत्र में स्थित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है। इसे महाशक्ति सिद्धपीठ के रूप में भी जाना जाता है, ये भारत में प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है, और प्रयागराज में देखने माँ के दर्शन करने और हिन्दुओं के तीर्थ स्थानों में से एक है।

प्रयागराज में कल्याणी देवी मंदिर को भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव माता सती का शव ले जा रहे थे तो देवी सती की तीन उंगलियां यहां गिरी थीं। ये मंदिर सबसे प्राचीन शक्तिपीठों में से एक है और इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों में मिलता है। शक्ति माँ दुर्गा की आध्यात्मिक ऊर्जा है जो मोक्ष और परम ब्रह्म के साथ पुनर्मिलन की परम कृपा प्रदान करती है।

मंदिर का निर्माण साल 1883 में किया गया था लेकिन देवी की मूर्तियाँ लगभग 1500 वर्ष पुरानी मानी जाती हैं। कल्याणी देवी मंदिर में माता सती की तीन अंगुलियों के रूप में देवी मां की तीन मूर्तियां हैं। केंद्र में कल्याणी देवी हैं, बाईं ओर छिन्नमस्ता देवी और दाईं ओर शंकर पार्वती हैं। यहां भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और राधा कृष्ण की मूर्तियां भी हैं।

यहां दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु देवी मां की पूजा करने आते हैं। नवरात्रि में भारी भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप इस मंदिर में आना चाहते हैं तो इसका समय सुबह 5 बजे से रात 9.30 बजे तक है।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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