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Prayagraj Famous Temple: प्रयागराज फेमस शिव मंदिर, सावन में चढ़ाए जल
Prayagraj Famous Shiv Temple: प्रयागराज में देवी देवताओं का वास कहा जाता है, यहां आपको प्रभु श्री राम ओर महादेव के कई प्रसिद्ध मंदिर भी देखने को मिलते है, यहां हम आपको भगवान शिव के प्रसिद्द मंदिरों के बारे में बताएंगे।
Shiv Temple In Prayagraj: संगम नगरी सनातन धर्म में प्रसिद्ध धार्मिक नगरों में से एक है। यहां पर देवी- देवताओ का आवास है। सावन के महीने में यदि आप भगवान शिव को समर्पित मंदिर की तलाश कर रहे है तो यहां आपके लिए कुछ विशेष हो सकता है। यहां पर कई पवित्र मंदिर आगंतुकों को एक शांत और आध्यात्मिक रूप से उत्थान का अनुभव प्रदान करते है। इसकी शानदार वास्तुकला और शांत वातावरण इसे भक्तों और पर्यटकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण जगह बनाती है। यहां के मंदिरों में आपको प्राचीन और आधुनिक स्थापत्य शैली का अनूठा मिश्रण वास्तव में आकर्षित करता है। जटिल रूप से डिज़ाइन किए गए और खूबसूरती से सजी मूर्तियाँ दिव्य शांति का वातावरण बनाती हैं। चलिए हम आपको प्रयागराज के प्रसिद्ध पांच शिव मंदिरों के बारे में बताते है..
प्रयागराज के प्रसिद्ध शिव मन्दिर (Prayagraj Top 5 Shiv Temple)
श्री मनकामेश्वर मंदिर(Shri Mankameshwar Temple)
लोकेशन: CVJ8+7FQ, फोर्ट रोड, कीडगंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
समय: सुबह 6 बजे से रात के 11 बजे तक
भगवान शिव को समर्पित हिंदू पवित्र मंदिर, सरस्वती घाट के पास और सेना छावनी के सामने स्थित है। यहाँ नये यमुना पुल से उतर कर भी आया जा सकता है। इलाहाबाद में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिव जी यहां सभी की मनोकामनाएं सुनते हैं। मनकामेश्वर मंदिर के परिसर में ऋण मुक्तेश्वर और सिद्धेश्वर महादेव का अद्भुत शिवलिंग स्थापित है। यहां हनुमान जी महाराज दक्षिणमुखी विराजमान हैं। सावन के पवित्र माह में यहां हर दिन हजारों भक्तों का ताता लगा होता है।
शिवकुटी मंदिर(Shivkuti Temple)
लोकेशन: FVXG+W3G, शिवकुटी, गोविंदपुर, तेलियरगंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
समय: सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे तक
यह बाबा कोटेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर एक मंदिर है। यह एक पुराना मंदिर है, जो गोविंदपुरी, तेलियारगंज, प्रयागराज में गंगा नदी पर स्थित है। यहाँ एक ट्रस्ट अस्पताल और स्कूल है। साथ ही एक सुंदर फव्वारा भी है, यहाँ से गंगा नदी का नज़ारा दिखता है। आप यहाँ बैठकर शाम और सुबह के नज़ारे का आनंद ले सकते हैं। आप शाम 7 बजे मंदिर की आरती में शामिल हो सकते हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के लिए पूजा के बाद शिवलिंग की स्थापना की थी। यहाँ से नज़ारा बहुत ही सुंदर है और घाट की दीवारों पर बनी पेंटिंग भी बहुत आकर्षक है।
श्री अखिलेश्वर महादेव मंदिर(Shri Akhileshwar Mahadev Temple)
लोकेशन: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
समय: सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक
शाम 4 से 8:30 बजे तक
शिव जी का अद्भुत मंदिर है, जिसमें सबसे सुंदर वातावरण और शांतिपूर्ण वातावरण है। घूमने और प्रार्थना करने के लिए यह वाकई एक अच्छी जगह है। प्रयागराज में मिनी अक्षरधाम मंदिर का अनुभव करने के इच्छुक लोगों को यहाँ अवश्य जाना चाहिए। श्री अखिलेश्वर महादेव उत्तरी इलाहाबाद के रसूलाबाद क्षेत्र में लगभग 6 किलोमीटर दूर चिन्मय मिशन आश्रम में स्थित हैं। इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन से 2 किमी दूरी पर है। मंदिर के निकट एक सुन्दर गुलाब उद्यान और विभिन्न पहाड़ियों के फलों से सुसज्जित पार्क है। अखिलेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसी जगह है जहाँ आस्था और स्थापत्य सुंदरता का संगम होता है।
श्री आदि शंकर विमान मंडपम(Sri Adi Shankara Vimana Mandapam)
लोकेशन: त्रिवेणी रोड, रोड, बेनीबांध, हिम्मत गंज, दारागंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
समय: सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक
अधिकांश अच्छे धार्मिक स्थलों की तरह यह भी एक बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है और प्रयागराज में पहली बार आने वाले लोगों के लिए यहाँ अवश्य जाना चाहिए। यह उन छात्रों के लिए भी अत्यधिक अनुशंसित है जो मन की शांति और अपने तंत्रिकाओं को आराम देने के लिए एक सुंदर वातावरण चाहते हैं। इलाहाबाद में श्री आदि शंकर विमान मंडपम आध्यात्मिकता और वास्तुकला की चमक का एक शानदार उदाहरण है। आदरणीय आदि शंकराचार्य को समर्पित यह पवित्र इमारत परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। इसकी दीवारों पर की गई जटिल नक्काशी प्राचीन ज्ञान की कहानियाँ सुनाती है, जो आगंतुकों को एक बीते युग में ले जाती है।
तक्षकेश्वर नाथ मंदिर(Takshakeshwar Nath Temple)
लोकेशन: सीआरएफएम+588, 1680/544, वार्ड नं. 60 तक्षक तीर्थ बड़ा शिवाला, कटेहरा दरियाबाद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
समय: सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक
संगम नगरी में यमुना के तट पर स्थित प्रसिद्ध तक्षकेश्वर नाथ मंदिर विश्व का एकमात्र तक्षक तीर्थ स्थल है। वर्तमान में यह स्थान दरियाबाद क्षेत्र में आता है। यह स्थल प्राचीन काल से संरक्षित है और यहाँ शेषनाग के अवशेष आज भी मौजूद हैं।यमुना तट पर विशाल घने जंगलों में स्थापित यह शिवलिंग था। हालांकि भौतिकवाद में यहां जंगल का अस्तित्व समाप्त हो गया है। प्रयागराज में यह स्थान "बड़ा शिवाला" के नाम से प्रसिद्ध है।