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Prayagraj History: प्रयागराज में घूमने का है प्लान, इन स्थानों की जरूर करें सैर

Prayagraj History: प्रयागराज को भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है, और कई कारणों से यह शहर प्रसिद्ध है:

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 6 March 2024 5:05 PM IST
Place to visit in Prayagraj
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Place to visit in Prayagraj  (Photos - Social Media)

Place to visit in Prayagraj : प्रयागराज, पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है। यह यमुना और गंगा नदियों के संगम पर स्थित है, जिसे 'त्रिवेणी संगम' के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन काल में यह शहर 'इलाहाबाद' के नाम से जाना जाता था, जो भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के समर्पित है। यहां पर कुंभ मेला, प्रयागराज कुंभ, हर बरहमा मेला, और वाराणसी की सावन मेला जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन किया जाता है।

प्रयागराज का इतिहास

प्रयागराज, जिसे पुराने समय में इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसे 'त्रिवेणी संगम' के रूप में भी जाना जाता है, जहां यमुना, गंगा, और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। प्राचीन काल में इसे पृथ्वी का नवीनतम सम्राट और भारतीय संघर्ष का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता था। इसके इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं।

वैदिक काल: प्राचीन काल में प्रयागराज को हिन्दू धर्म के अत्यंत पवित्र स्थलों में से एक माना गया है। यहां पर यमुना, गंगा, और सरस्वती के मिलन स्थल के रूप में भी इसे जाना जाता है।

मौर्य और गुप्त राजवंश: प्रायाग का वर्तमान नाम 'प्रयागराज' मौर्य और गुप्त राजवंशों के समय में प्राचीन काल से ही प्रचलित हो गया था।

मुघल साम्राज्य: अकबर ने 1583 में इलाहाबाद का निर्माण किया, जिसे उन्होंने अपनी सत्ताधारी कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया।

ब्रिटिश शासन: ब्रिटिश शासन के दौरान, इलाहाबाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक केंद्र बन गया। 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन इसी शहर में हुआ था।

आज का समय: 2018 में इलाहाबाद का नाम 'प्रयागराज' में बदला गया, जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के प्रति सरकार की समर्थन का प्रतीक है।

Prayagraj


क्यों फेमस हैं प्रयागराज

संगम स्थल: प्रयागराज का मुख्य विशेषता यहां पर त्रिवेणी संगम होना है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं। यहां पर स्नान करने और पूजा-अर्चना करने का धार्मिक महत्व है।

हिन्दू धर्म का महत्व: प्रयागराज को हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां पर कुंभ मेला, हरिद्वार मेला, और माघ मेला जैसे महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक महोत्सव होते हैं।

ऐतिहासिक उपलब्धियां: प्रयागराज का ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यहां पर मुघल और ब्रिटिश राजवंशों के कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं।

समर्पित आराम स्थल: प्रयागराज में कई पारंपरिक आराम स्थल और बाग हैं, जैसे कि खुसरो बाग और अनंत भवन, जो आराम और शांति का महसूस कराते हैं।

साहित्यिक एवं कला संस्कृति: प्रयागराज का साहित्यिक और कला संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहां पर कई लेखक, कवि, और कलाकार पैदा हुए हैं, जैसे कि फिरोज़ शाह तुग़लक, महाकवि भारतेन्दु हरिश्चंद्र, और ख्वाजा हस्सरात मोहानी।

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प्रयागराज घूमने की जगह

त्रिवेणी संगम: यमुना, गंगा, और सरस्वती नदियों के मिलन स्थल पर स्थित है, जो हिन्दू धर्म के लिए पवित्र माना जाता है।

संगमनाथ मंदिर: यह मंदिर संगम के पास स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है।

अलाहाबाद फोर्ट: यह मुघल समय का किला है जो यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।

आलेंदी हनुमान मंदिर: यह हनुमान जी को समर्पित है और इसे अलाहाबाद का सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है।

अनंत भवन: यह भारतीय इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थल है, जहां पांडित जवाहरलाल नेहरू के पिता, मोतीलाल नेहरू, का निवास स्थान था।

प्रयागराज का खुसरो बाग : खुसरो बाग में विशाल झरने, कुंडों, और फव्वारे होते हैं जो इसे एक प्रिय गज़लों और अन्य कला-संबंधी आयोजनों के लिए माना जाता है। यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए विभिन्न जानवरों के आवास भी है।

प्रयागराज का आनंद भवन : प्रयागराज का आनंद भवन एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। यह इलाहाबाद के सबसे प्रसिद्ध भवनों में से एक है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्मित किया गया था।

प्रयागराज का किला : प्रयागराज में किला के रूप में जाने जाने वाला एक प्रमुख स्थल है आलाहाबाद फोर्ट, जिसे इलाहाबाद किला भी कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जो इलाहाबाद शहर के केन्द्र में स्थित है। इस किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा किया गया था।

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प्रयागराज में फेमस खाना

प्रयाग की पेड़ीका: यह एक प्रसिद्ध स्नैक्स है, जो उत्तर भारत में बहुत ही लोकप्रिय है। यह आलू और विभिन्न मसालों से बना होता है और बाजारों में आसानी से उपलब्ध होता है।

तंग्री कबाब: प्रयागराज में तंग्री कबाब भी बहुत पसंद किया जाता है। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के मसालेदार और स्वादिष्ट कबाब मिलते हैं।

सिकांदरी नमकीन: यह एक और प्रसिद्ध स्नैक्स है जो विभिन्न नमकीनों का मिश्रण होता है। इसमें चना, गेहूं, और मूंग दाल के नमकीन शामिल होते हैं।

चाट: प्रयागराज में चाट भी बहुत पसंद किया जाता है। यहां पर आपको दही भल्ले, आलू टिक्की, पनीर टिक्की, और रजमा चाट जैसे विभिन्न प्रकार की चाटें मिलती हैं।

मिठाई: प्रयागराज में भी विभिन्न प्रकार की मिठाई उपलब्ध है। यहां पर रसगुल्ला, जलेबी, गुलाब जामुन, और बर्फी जैसी मिठाइयां आपको मिलेंगी।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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