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Pune Famous Ganpati Temple: पुणे का यह मंदिर है ऐतिहासिक, 1893 से हो रही है यहाँ गणपति पूजा
Dagdusheth Halwai Ganpati Mandir: श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति पुणे शहर के गौरव और सम्मान का प्रतीक हैं। दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे के मध्य में, शनिवार वाडा के पास स्थित है, जो शहर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
Pune Dagdusheth Halwai Ganpati Temple: महाराष्ट्र सहित देश भर में आज से गणेश चतुर्थी की पूजा धूमधाम से शुरू हो गयी है। गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन का प्रतीक है। यह त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें पूजा का मुख्य दिन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी होता है।
इस दौरान भक्त अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्तियां लाते हैं, या बड़ी मूर्तियों को रखने के लिए सामुदायिक पंडाल स्थापित किए जाते हैं। मूर्ति की स्थापना विशेष अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के साथ की जाती है। पूरे 10 दिनों में, भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए विस्तृत अनुष्ठान, पूजा और आरती की जाती है। आज के इस विशेष दिन पर हम आपके ले लिए लेकर आये हैं पुणे के दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर का इतिहास। श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति पुणे शहर के गौरव और सम्मान का प्रतीक हैं। भारत और दुनिया के हर हिस्से से भक्त हर साल भगवान गणेश से प्रार्थना करने के लिए यहां आते हैं। दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे के मध्य में, शनिवार वाडा के पास स्थित है, जो शहर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
क्यों पड़ा नाम दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर
पुणे स्थित दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इस मंदिर की स्थापना 1893 में एक हलवाई दगडूसेठ ने की थी। इस मंदिर में भगवान गणेश की स्थापना दगडूशेठ हलवाई और उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई ने बहुत पहले की थी, जब उन्होंने प्लेग महामारी में अपने इकलौते बेटे को खो दिया था। हर साल, गणपति उत्सव न केवल दगडूशेठ के परिवार द्वारा बल्कि पूरे पड़ोस द्वारा गहरी आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता था। बताया जाता है कि इसी मंदिर पर आयोजित होने वाले गणेश उत्सव से प्रभावित होकर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने समूचे देश में गणेश उत्सव मनाने की योजना बनायीं।
मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति
यह मंदिर भगवान गणेश की सुंदर और भव्य मूर्ति के लिए जाना जाता है, जो सोने से बनी है। मूर्ति को मुकुट और हार सहित गहनों से सजाया गया है। यह पुणे की सबसे प्रतिष्ठित और पूजनीय गणपति मूर्तियों में से एक है। बताया जाता है कि मंदिर के भगवान् गणेश की मूर्ति का एक करोड़ का बीमा है। मंदिर मंगलवार को छोड़ कर प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से रात के 10:30 बजे तक खुला रहता है। वहीँ मंगलवार को यह मंदिर सुबह पांच बजे से रात के 11 बज तक खुला रहता है। मंदिर में सुप्रभातम आरती प्रतिदिन सुबह 07:30 से 07:45 तक होती है। वहीँ महामंगल आरती रात के 8 बजे से 9 बज तक होती है। मंदिर का कामकाज दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट देखता है।
मंदिर में गणेश चतुर्थी उत्सव
यह मंदिर गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय हो जाता है, जो महाराष्ट्र में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस समय के दौरान, मंदिर दैनिक आरती, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जुलूस सहित विस्तृत समारोहों का आयोजन करता है। दगडूशेठ हलवाई मंदिर विभिन्न धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल है। मंदिर ट्रस्ट शैक्षिक और स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं सहित सामाजिक कारणों और धर्मार्थ पहलों में योगदान देता है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक मराठी शैली का अनुसरण करती है और इसमें जटिल डिजाइन और नक्काशी है। मंदिर का मुख्य हॉल विशाल है और यहां शांत वातावरण है।
दगडूशेठ हलवाई मंदिर न केवल धार्मिक महत्व का स्थान है बल्कि पुणे में एक सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र भी है। यह पूरे भारत और विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है, खासकर गणेश चतुर्थी के दौरान, जब शहर उत्सव और भक्ति से जीवंत हो उठता है।