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Raebareli Mahadev Mandir: 100 वर्षों से पुराना है इस शिव मंदिर का इतिहास, रहस्य कर देगा हैरान
Raebareli Mahadev Mandir: रायबरेली एक खूबसूरत जगह है जहां पर कई सारे पर्यटक स्थल है। चलिए यहां में शिव मंदिर के बारे में जानते हैं।
Raebareli Mahadev Mandir : भारत धार्मिक और ऐतिहासिक भूमि है और अपने अंदर कई सारे इतिहास और मान्यताएं समेटे हुए हैं। यहां पर कई सारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है, जिनसे कई सारी कहानी जुड़ी हुई है। जब भी पर्यटन की बात आती है तो अक्सर लोग भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर जाने का प्लान बनाते हैं। अगर आप भी कहीं घूमने जाने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको एक शानदार शिव मंदिर के बारे में बताते हैं।
रायबरेली एक सुंदर जगह है। यहां पर घूमने के लिए वैसे तो बहुत से स्थान है लेकिन यहां का शिव मंदिर अपने आप में बहुत ही खास है। यह प्राचीन शिव मंदिर अपने अंदर अनोखे रहस्यों को समेटे हुए हैं। आज हम आपको इस मंदिर की कहानी कर रूबरू करवाते हैं।
मंदिर का रहस्य
रायबरेली का ही मंदिर 100 सालों से भी पुराना बताया जाता है और यहां मौजूद भगवान शिव की शिवलिंग स्वयंभू मानी जाती है। लोगों का कहना है कि अगर यहां सच्चे मन से मन्नत मांगी जाती है तो सारी इच्छाएं पूरी होती है। यह मंदिर रायबरेली जनपद जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है। बछरावां कस्बे के समोधा गांव में मौजूद इस मंदिर को झारखंडेश्वर महादेव के नाम से पहचाना जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है।
पौराणिक कथा
इस मंदिर से दूरी पौराणिक मान्यता के मुताबिक द्वापर में यहां पर त्र्यंबक नामक वन हुआ करता था जहां पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान ठहरे थे। इस दौरान पांडव पुत्र भीम ने यहां पर शिवलिंग स्थापित किया। ऐसे भीमाशंकर के नाम से पहचाना जाता था लेकिन इसका नाम बदले जाने के पीछे भी एक कहानी है।
इसलिए बदला नाम
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब औरंगजेब अपनी सेवा के साथ इधर से गुजर रहा था। तब उसने अपने सैनिकों को खुदाई का आदेश दिया। इस दौरान इसमें से दूध निकला, इसके बावजूद उन्हें इनका संकेत समझ में नहीं आया। आखिरकार जब अंत नहीं मिला तो सैनिकों से शिवलिंग की तुड़ाई शुरू करवानी चाही, लेकिन भंवरों ने सैनिकों पर हमला कर दिया। यह देख औरंगजेब ने क्षमा मांगी और एक गुम्बदनुमा छोटी सी मठिया बनवाई। जिस कारण इस मंदिर का नाम बदलकर भवरेश्वर पड़ गया।
पूरी होती है मनोकामना
मंदिर के पुजारी और यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि यहां विराज उनकी हर मनोकामना को पूरी करते हैं। मंदिर 100 वर्ष पुराना है और हर सोमवार को यहां भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। उनके महीने में यहां भक्तों की संख्या बढ़ जाती है वह सभी जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।
मंदिर का पता
रायबरेली जिले मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर लखनऊ और उन्नाव की सीमा पर स्थित है.