×

Railway Ticket Booking: टिकट बुकिंग के समय यात्रियों को सीट चुनने की अनुमति नहीं देती रेलवे, क्या आप जानते हैं इसकी वजह

Railway Ticket Booking: कमोबेश लोग ट्रेन में सफर को अधिक सुरक्षित भी मानते हैं। लेकिन टिकट बुक करने के दौरान आप ने कभी गौर किया है कि आईआरसीटीसी आप को सीट चुनने की अनुमति क्यों नहीं देती।

Krishna Chaudhary
Published on: 25 Dec 2022 5:59 PM IST
Railway Ticket Booking
X

Railway Ticket Booking (Newstrack)

Railway Ticket Booking: भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इस मामले में कनाडा और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्र भी भारत से पीछे हैं। भारत का रेल नेटवर्क 70,225 किमी का है और ट्रैक की लंबाई 1,26,366 किमी है साथ ही लगभग 71 प्रतिशत रूट्स इलेक्ट्रिफाइड है। भारत में सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों से 20 हजार से अधिक रेलगाड़ियां गुजरती हैं। हम और आप जब कभी किसी लंबी दूरी की यात्रा करने का प्लान करते हैं, तो सबसे पहले जेहन में रेलवे का ही ख्याल आता है।

क्योंकि भारतीय रेलवे ही सस्ता और आरामदायक यात्रा का मौका देती है। कमोबेश लोग ट्रेन में सफर को अधिक सुरक्षित भी मानते हैं। लेकिन टिकट बुक करने के दौरान आप ने कभी गौर किया है कि आईआरसीटीसी आप को सीट चुनने की अनुमति क्यों नहीं देती।

बस या सिनेमाहॉल में आप अपने मन की सीट बुक कर सकते हो लेकिन ट्रेन में ऐसा नहीं है। तो हम आपको बता दें कि रेलवे ऐसा यूं ही नहीं करता बल्कि इसके पीछे एक विज्ञान है, जिसे हम आज आपको बताने जा रहे हैं।

ट्रेन में सीट बुकिंग के पीछे का विज्ञान

आमतौर पर ट्रेनें 10 – 12 या उससे अधिक डिब्बों वाले होती है। इंडियन रेलवे का सॉफ्टवेयर इस तरह से सीटें बुक करता है ताकि सभी कोचों में एक समान यात्री हों। इस दौरान ट्रेन में सीटों की बुकिंग बीच की 36 सीटों से शुरू होकर गेट के पास की सीटों 1-2 या 71-72 से 'निचली बर्थ' से 'ऊपरी बर्थ' तक जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ट्रेन का संतुलन बना रहे और सभी कोच पर समान भार पड़े।

प्रतिदिन इतने करोड़ लोग करते हैं जर्नी

जानकार बताते हैं कि यदि बुकिंग के दौरान आईआरसीटीसी द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जाएगा तो ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना बढ़ जाएगी। उदाहरण के तौर पर इसे आप ऐसे समझ सकते हैं – यदि एस1,एस2, एस3 पूरी तरह से भरे हुए हैं और एस5, एस6 और एस7 पूरी तरह से खाली हैं और ट्रेन के अन्य कोच आंशिक रूप से भरे हैं तो ऐसे में जब ट्रेन मोड़ लेती है तो कुछ डिब्बों को Centrifugal Force का सामना करना पड़ता है और कुछ को नहीं। इस स्थिति में ट्रेन के बेपटरी होने की पूरी संभावना है।

भारतीय रेलवे की ट्रेनों से प्रतिदिन 2.5 करोड़ यात्री सफर करते हैं। इतनी बड़ी आबादी को ढ़ोने वाली रेलवे के कंधों पर इन्हें सुरक्षित एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है।



Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story