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Rajasthan Famous Temple: भारत का एक ऐसा मन्दिर जहां बंदर है पुजारी
Rajasthan Famous Temple: राजस्थान में यदि फेमस हनुमान मन्दिर की बात की जाए तो सबसे पहले सालासर बालाजी धाम का ध्यान पड़ता है, लेकिन यहां पर एक अनोखा मंदिर भी है..
Rajasthan Famous Hanuman Temple: राजस्थान में हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर सालासर बालाजी भक्तों के बीच अनूठी और अलौकिक श्रद्धा का केंद्र बिंदु है। लेकिन क्या आपको पता है कि यहां पर एक ऐसा भी मंदिर है, जहां पर पूजा का सारा काम से लेकर मंदिर की देख रेख भी राम भक्त हनुमान का एक रूप बंदर करता है। यह बात आप सब को पता होगी की जहां कहीं भी हनुमान मंदिर या राम मंदिर होता है, वहां बंदरों का झुंड होता है। यह एक आम बात है लेकिन राजस्थान के एक हनुमान मंदिर में कुछ ऐसा है जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगें। हैं न आश्चर्य करने वाली बात,चलिए हम आपको इस मंदिर के बारे में बताते है। यह मंदिर हनुमान जी का ही है, और यहां पर देख रेख बंदर द्वारा किया जाता है।
भक्तों यहां बंदर देता आशीर्वाद(Rajasthan Famous Hanuman Temple)
राजस्थान में हनुमान जी का एक मंदिर है जहां का पुजारी बंदर है और वो भक्तों को आशीर्वाद देता है। ये मंदिर राजस्थान के अजमेर में स्थित बजरंग गढ़ मंदिर है। यह हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर है। इन दिनों यह मंदिर चर्चा में है, जिसकी वजह कोई इंसान नहीं, बल्कि एक बंदर है। बंदर का नाम ‘रामू’ है, जो बीते 8 वर्षों से मंदिर की सेवा में लगा है। लोग इस बंदर को साक्षात बालाजी का रूप बताते हैं। ‘रामू’ की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वह एक शख्स को आशीर्वाद देता नजर आ रहा है। राजस्थान की हृदय स्थली अजमेर शहर के मध्य दौलत बाग के समीप पहाड़ी पर 300 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर स्थित है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर यहां मेले का आयोजन होता है।
सब काम में लेता है हिस्सा
इस मंदिर में रामू नाम का बंदर है, यहां पर रामू पिछले आठ सालों से मंदिर की सेवा कर रहा है। इतना ही नहीं रामू आरती के दौरान मंदिर की घंटी बजाता है और भजन होने पर नाचता भी है। लोग रामू को स्वयं हनुमान जी का अवतार मानते हैं।
मन्दिर का नाम: बजरंग गढ़ मन्दिर (Bajrang Garh Temple)
लोकेशन: जेएलएन सर्कल, सामने श्रीनाथ मॉल, गंज, अजमेर, राजस्थान
समय: सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक, शाम 4 से 10 बजे तक
कैसे आया बंदर यहां?
मंदिर के चौकीदार ओंकार सिंह बताते हैं कि करीब आठ साल पहले रामू एक बाज़ीगर(जादूगर) से छूटकर यहां आया था। उस समय रामू काफी बीमार था। उस दौरान ओंकार सिंह ने उसकी देखभाल की जिसके बाद रामू ठीक हो गया। तब से रामू यही रहकर इस मंदिर की देखभाल करने लगा। मंदिर के पुजारी का मानना है कि रामू इस मंदिर के लिए बहुत शुभ है। क्योंकि जब से रामू यहां आया है तब से यहां आने वाले भक्तों को बहुत लाभ हुआ है।