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Rajasthan Haunted Place: भारत का सबसे भूतिया जगह फिर भी है विश्व प्रसिद्द, खूबसूरती में कई राज है छिपे यहां जानें

Rajasthan Abhaneri Village: राजस्थान घूमने का प्लान कर रहे है तो चांद बावड़ी को भी अपने लिस्ट में शामिल कर लीजियेगा, यह जगह विश्व प्रसिद्द है, चलिए जानते है इसके बारे में कुछ खास रहस्य..

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 9 Jun 2024 12:33 PM IST
Rajasthan Chand Baori, Tourist Place in Rajasthan
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Rajasthan Chand Baori (Pic Credit-Social Media)

Rajasthan Chand Baori Details: राजस्थान एक ऐसी जगह है, जो किसी दूसरे राज्यों से काफी अलग है। एक ऐसा राज्य जो इतना रंगीन है कि इसे भारत का सबसे जीवंत राज्य कहा जा सकता है। यहां हर एक चीज में कहानी है, इसके रंगों में कहानियाँ हैं, राजघरानों की कहानियाँ, शान-शौकत की कहानियाँ, राजा-रानियों की कहानियाँ, राजकुमारों और उनके राज्यों की कहानियाँ, आम लोगों की कहानियां, लिखने के मामले में राजस्थान एक खजाना है। वैसे तो राजस्थान में भूतिया जगहों की कोई कमी नहीं हैं। यहां पर कई पुराने किले है जिन्हें बुरे इतिहास का साक्षी माना जाता है। लेकिन राज्य में आभानेरी गाँव एक ऐसा अजूबा छुपाए हुए है जो विश्व भर में प्रसिद्द है।

राजस्थान का चांद बावड़ी (Rajasthan Chand Baori)

हाँ, हम चांद बावड़ी के बारे में बात कर रहे है। जो आभानेरी गांव में स्थित एक विशाल बावड़ी है। इस अद्भुत और विचित्र बावड़ी का निर्माण 800 ई. से 900 ई. के बीच निकुंभ वंश के राजा चंदा ने करवाया था। विश्व भर में चांद बावड़ी अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। चांद बावड़ी को दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी बावड़ियों में से एक के तौर पर जाना जाता है। हालांकि इसके पीछे ऐसी कहानियाँ भी है, जिनका किसी बुक में ज़िक्र नहीं किया गया है, क्योंकि बावड़ी को भूतिया जगह के तौर पर भी जाना जाता है।

नाम: चांद बावड़ी (Chand Baori)

लोकेशन: आभानेरी, बांदीकुई, दौसा, राजस्थान



ऐसे पहुंचे यहां

अगर आप इसे देखने में रुचि रखते हैं, तो फटाफट आ जाइए। जयपुर से आभानेरी तक के लिए टैक्सी लें, आप शेयर्ड टैक्सी या रोडवेज बस भी पकड़ सकते है। यह गुलाबी शहर से लगभग 95 किमी दूर है, और यहां पहुँचना काफी आसान है। आभानेरी पहुंचकर स्थानीय लोगों से पूछकर यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

चांद बावरी का इतिहास

चांद बावड़ी दौसा के आभानेरी गांव में स्थित है। इसका निर्माण निकुंभ वंश के राजा चंदा ने 9 वीं शताब्दी में किया गया था। 9 वीं शताब्दी में निर्मित इस बावड़ी का निर्माण राजा मिहिर भोज, जिन्हें चांद नाम से भी जाना जाता था उनके शासन काल के दौरान हुआ था, और उन्हीं के नाम पर इस बावड़ी का नाम चांद बावड़ी रखा गया। पुरातत्व विभाग को प्राप्त अवशेषों से ज्ञात जानकारी के अनुसार आभानेरी गाँव 3000 वर्ष से ज्यादा प्राचीन है। आभानेरी गाँव का शुरूआती नाम “आभा नगरी” था, जिसका मतलब होता है चमकदार नगर लेकिन बाद में इसका नाम परिवर्तित कर आभानेरी कर दिया गया।



चांद बावरी का स्थापत्य कला

दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी चारों ओर से 35 मीटर चौड़ी है। इस बावड़ी में ऊपर से नीचे तक पक्की सीढियां बनी हुई हैं, 13 मंजिला यह बावड़ी 100 फ़ीट से भी ज्यादा गहरी है,जिसमें भूल भुलैया के रूप में 3500 सीढियां अनुमानित तौर पर बताई जाती हैं। बीजा पुरी शैली की वास्तुकला का उपयोग करके मोर की प्रकृति के साथ बनाया गया है। इस बावड़ी के नीचे सुरंग भी बनाई गई है। इसके निर्माण में प्रयुक्त पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई है।



बावड़ी जुड़ी प्रसिद्द किंवदंती जो बनाती है इसे भूतिया

चांद बावड़ी के निर्माण से सम्बंधित कुछ किवदंतिया भी प्रचलित हैं, जैसे कि इस बावडी का निर्माण भूत-प्रेतों द्वारा किया गया है। लोक कथाओं के अनुसार, यह विशाल बावड़ी है, जो 3500 सीढ़ियों और 13 मंजिलों वाली संरचना है, इसे सिर्फ़ एक रात में बनाया गया था। अब, चूँकि यह किसी महामानव के लिए भी असंभव काम है। इसलिए स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संरचना किसी जिन्न का काम है। यह इतना गहरा है कि इसमें यदि कोई वस्तु गिर गई तो वापस पाना असम्भव है। खैर, इस विशाल संरचना को देखकर आप भी आश्चर्यचकित हो सकते हैं।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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