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World Tallest Shiva Statue: राजस्थान में दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, जानें इसकी खासियत
World Tallest Shiva Statue: राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वार (nathdwara) में स्थित भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा बन कर तैयार हो गई है।
World Tallest Shiva Statue: भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा बन कर तैयार हो गई है। राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वार (nathdwara) में स्थित यह भगवान शिव की प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। दरअसल ऐसा दावा है कि ध्यान मुद्रा वाली भगवान शिव (lord shiva) की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। साथ ही इस शिव प्रतिमा का नाम 'विश्वास स्वरूपम' (Viswas Swaroopam) रखा गया है और इसकी ऊंचाई 369 फीट है।
बता दें कि भगवान शिव की इस सबसे ऊंची प्रतिमा का आज अनावरण हुआ। दरअसल आज शाम चार बजे कथावाचक मोरारी बापू ने विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम्' का लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में आने वाले शिव भक्तों के लिए उनके रहने और खाने की व्यवस्था हाईटेक तरीके से भी की गई है। साथ ही सभी सुविधाएं निशुल्क है। ना तो इनके रहने का कोई चार्ज लगेगा और ना ही इन्हें खाने के रुपए देने होंगे। बता दे बड़ी संख्या में शिव भक्त नाथद्वारा पहुंचे। इतना ही नहीं भक्तों के रहने के लिए लग्जरी टेंट हाउस बनाए गए हैं।
जानें 'विश्वास स्वरूपम' शिव प्रतिमा की खासियत
दरअसल उदयपुर से लगभग 45 किमी दूर स्थित इस प्रतिमा का निर्माण टाट पदम संस्थान द्वारा किया गया है। बता दें इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग 10 साल का समय लगा है। साथ ही भगवान शिव की यह प्रतिमा नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर 51 बीघा पहाड़ी पर बनी है। तो वहीं, भगवान शिव की ये प्रतिमा लगभग 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है। इतना ही नहीं रात के समय भी शिव प्रतिमा साफ दिखाई दे, इसके लिए खास लाइट्स से इसे सजाया गया है।
बता दें भगवान शिव की प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी काफी बड़ी है। दरअसल यह प्रतिमा इतनी बड़ी है कि इस शिव प्रतिमा के अंदर एक गांव या कस्बा बस सकता है। बता दें इस शिव प्रतिमा के अंदर बने हॉल में एक साथ-एक समय में करीब 10 हजार लोग आ सकते हैं। दरअसल बाहर से देखा जाए तो यह प्रतिमा 369 फीट हाइट की है, वहीं अंदर से इसे पूरी तरह देखने में चार घंटे का समय लगेगा।
इतना ही नहीं विश्वास स्वरूपम' भगवान शिव की एक ऐसी अकेली प्रतिमा होगी, जहां दर्शनक के लिए लिफ्ट और सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। बता दें प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनाई गई हैं। प्रतिमा के निर्माण में 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है। इतना ही नहीं, 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा से भी इस प्रतिमा को किसी भी तरह की क्षति नहीं पहुंचेगी। दरअसल भगवान शिव की यह प्रतिमा देखने में काफी खूबसूरत है। इस शिव प्रतिमा की कई विशेषताएं भी हैं। दरअसल आपको इस शिव प्रतिमा का एक बार जरूर दर्शन करना चाहिए।